दोस्तों महिला गर्भवती है इस बात का पता लगाना काफी पेचीदा है जिस दिन संबंध बनते हैं उस दिन से कम से कम 3 दिन तक महिला कभी भी प्रेग्नेंट हो सकती है कभी-कभी तो 5 दिन बाद भी महिला प्रेग्नेंट हो जाती है।
क्योंकि महिला के शरीर में पुरुष शुक्राणु कम से कम 3 दिन तक तो जीवित रहते ही रहते हैं और कभी-कभी 5 दिन तक भी जीवित रह जाते हैं।
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एक स्वस्थ महिला को हर महीने माहवारी होती है। गर्भ ठहरने का सबसे पहला लक्षण यह होता है कि गर्भ ठहरने के बाद किसी भी महिला की माहवारी होना बंद हो जाता है। अगर महावारी नियमित नहीं हो तो पता नहीं चल पाता । इसके साथ ही जी मचलाना, उल्टी होना, बार-बार पेशाब लगना और स्तनों में हल्का दर्द बना रहना आदि साधारण लक्षण होते है।
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जिस दिन महिला और पुरुष का संबंध होता है गर्भाधान उस दिन से लेकर 72 घंटे के बाद तक कभी भी हो सकता है, क्योंकि पुरुष शुक्राणु 3 दिन तक जीवित रह सकते हैं।
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यदि आपको गर्भ ठहरने का शक हो, तो आपको इसकी पुष्टि करनी चाहिए। इसके लिए आप घर पर ही गर्भ परीक्षण कर सकती है, ऐसा आप प्रेगनेंसी परिक्षण किट इस्तेमाल करके कर सकती हैं या फिर डॉक्टर से अपने खून की जांच करवा सकती हैं। जो महिलाएं गर्भवती होती है उनके शरीर में एक विशेष प्रकार का हारमोंस पैदा होता है, जिसको ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोफिन (एच.सी.जी) कहते हैं ।
गर्भवती महिलाओं के ब्लड में और यूरिन में इसका अंश पाया जाता है ।
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एच.सी.जी. की जांच खून या मूत्र से की जाती है। इन परीक्षणों से आपके मूत्र में गर्भावस्था के हॉर्मोन की उपस्थिति का संकेत मिलता है। ये परीक्षण गर्भ ठहरने के 5 दिन बाद से ही सही होते हैं, किन्तु परिणाम आने में 12-24 घंटे लग जाते हैं।
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अपने स्तन में हो रहे बदलाव पर गौर करें: जब आप गर्भवती होती है, खासकर की पहली बार, तो आपके स्तन में बदलाव पहला संकेत होता है। आपके स्तन में परेशानी या कोमलता महसूस होगी। और वो आकार में बड़े हो जाएंगे और निप्पल (nipple) बड़े और गहरे रंग के हो जाएंगे।
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जी मचलना, उल्टी होना और पेट में होने वाली गड़बड़ियों से सावधान रहें: कुछ महिलाओ को न की सभी को, जब वे गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में होती है, तो उन्हे “मॉर्निंग सिकनेस (morning sickness)” होती है और इसके साथ ही उन्हें किसी तीव्र खूशबू जैसे की कॉफी की खूशबू से भी परेशानी हो सकती है। कुछ महिलाओ को चक्कर भी आने लगते हैं। कुछ महिलाओ को कब्ज की समस्या हो जाती है।
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थकान होने पर ध्यान दें: पहली तिमाही में आपको बहुत ज्यादा थकान महसूस हो सकती है। आप ज्यादा न सोते हो फिर भी इस दौरान आपको बार-बार सोने का और नींद लेने का मन करेगा।
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अपने बदलते हुए मूड (mood) पर ध्यान दें: गर्भावस्था के दौरान हार्मोन्स में परिवर्तन होने से आपके मूड पर इसका प्रभाव पड़ सकता है जिससे आपको एक मिनिट बड़ी खुशी महसूस होगी तो अगले ही मिनिट आपको रोना भी आ सकता है। फिल्मों में भावुक दृश्य या किताबों में मौजूद भावुक बातो से आप अत्यधिक भावुक हो सकती हैं। और हो सकता है आप बच्चो को नुकसान पहुंचाने वाली खबरों और कहानियों को देखना और पढ़ना भी पसंद नहीं करें।
चक्कर आने पर भी ध्यान दें: यह गर्भवती होने का आम साइड इफैक्ट (side effect) है। जब आप खड़ी हो आपको चक्कर आ सकते हैं या आप बेहोश हो सकती है या आप किसी भी अजीब से समय पर भी बेहोश हो सकती हैं इस दौरान चक्कर आना आम बात है। अगर आपको भी ऐसा हो रहा है तो भी आपके गर्भवती होने की संभावना हो सकती है।
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यदि आपका गर्भ 13 सप्ताह से ज्यादा का हो, तो सही-सही गर्भ की सही जानकारी पाने के लिए अल्ट्रासाउंड स्कैन की जरूरत होती है। आपकी आखिरी माहवारी के पहले दिन से कितने सप्ताह बीत चुके हैं, इस पर गर्भावस्था का समय निर्भर करता है।
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उदाहरण के लिए, यदि आपका मासिक चक्र सामान्यत: 28 दिनों का है और आप एक सप्ताह से महावारी नहीं हुई हैं, तो इसका अर्थ यह होगा कि आपको 5 सप्ताह का गर्भ है। और गर्भ 3 सप्ताह पहले ठहरा होगा।
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