हमें गर्भावस्था में नींबू का प्रयोग करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए दोस्तों आज हम इसी टॉपिक पर POST में चर्चा करने वाले हैं | गर्भावस्था एक बहुत ही खास समय होता है जहां से हम अपने आने वाले बच्चे के जीवन को नई दिशा दे सकते हैं इस समय खाने पीने का बहुत ज्यादा ध्यान रखा जाता है, और दोस्तों खुशी की बात यह है की होने वाली माता पिता इस बात का ध्यान रखते भी हैं ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रखें, दोस्तों चर्चा करते हैं नींबू में कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं, नींबू के गर्भ अवस्था में क्या-क्या फायदे होते हैं क्या-क्या नुकसान होते हैं कैसे नींबू का प्रयोग गर्भावस्था में करना चाहिए, क्या नींबू रस पीने से गर्भपात हो सकता है इन्हीं सब टॉपिक पर बात करेंगे.
दोस्तों अगर हम अभी प्रेगनेंसी की बात हुई ना करें तो हम बता दें नींबू एक पौष्टिकता से भरा खाद्य पदार्थ है, नींबू के अंदर विटामिन, मिनरल्स, फोलेट, विटामिन सी, विटामिन बी6, रिबोफ्लेविन, नियासिन मैग्नीशियम, कैल्शियम आदि की अच्छी मात्रा पाई जाती है.
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क्या नींबू रस पीने से गर्भपात हो सकता है
अब डॉक्टर की मानें तो यह केवल मिथक है, गर्भावस्था में नींबू पानी संतुलित मात्रा में पीने से गर्भपात नहीं होता है बल्कि काफी फायदेमंद होता है चर्चा करते हैं गर्भावस्था में नींबू के क्या-क्या फायदे हैं.
गर्भावस्था में नींबू के फायदे
नींबू एक अच्छा एंटीआक्सीडेंट है यह शरीर की सफाई करता है जहरीले तत्वों को निकाल कर बाहर कर देता है और पानी की कमी को भी पूरा करता है.
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पोटेशियम बच्चे के विकास में सहायक होता है अगर आप नींबू पानी पीते हैं तो इस में पोटेशियम पाया जाता है जो लाभकारी है.
नींबू मॉर्निंग सिकनेस को भी दूर करने में सहायता करता है.
प्रेग्नेंसी के समय ब्लड प्रेशर ऊपर या नीचे अर्थात हाई या लो हो सकता है अगर आप नींबू का संतुलित प्रयोग करें तो यह ब्लड प्रेशर को नार्मल रखने में सहायता करता है.
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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में अपच की समस्या सबसे ज्यादा पाई जाती है, ऐसे में यदि महिलाएं नींबू-पानी में चीनी डालकर पीने से काफी हद तक राहत मिलती है.
नींबू में पाया जाने वाला कैल्शियम, मैग्नीशियम आपके बच्चे की हड्डियों के विकास में सहायता करता है बच्चे की हड्डियां मजबूत होती हैं.
डिहाइड्रेशन के कारण गर्भावस्था में सिरदर्द, जी मिचलाना, उल्टी, आना चक्कर आना आदि की शिकायत रहती है नींबू पानी का प्रयोग करके डिहाइड्रेशन की समस्या को खत्म किया जा सकता है गर्भवती सुबह सुबह नींबू पानी पिए तो इन समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है
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नींबू आपके शरीर के पी एच लेवल को सही रखने में मदद करता है जो की थोड़ी सी एल्कलाइन होती है बच्चे के विकास में पीएच का सही होना अत्यधिक जरूरी है, अगर किसी कारणवश हमारे शरीर का PH एसिडिक हो जाता है तो यह गर्भ में पल रहे बच्चे की हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकता है.
नींबू विटामिन सी के लिए जाना जाता है तो विटामिन सी की कमी से होने वाली जितनी भी प्रॉब्लम है वह नहीं होती हैं.
प्रेग्नेंसी में अक्सर हाथ पैरों में सूजन आ जाती है अगर आप सुबह सुबह रोज नींबू पानी का सेवन करें तो हाथ पैरों की सूजन से निजात काफी हद तक पाई जा सकती है.
और भी बहुत से फायदे हैं नींबू के जैसे कि --
कब्ज की समस्या समाप्त हो जाती है.
अगर नींबू पानी में शहद मिलाकर पिया जाए तो प्रसव आसानी से हो जाता है .
पहली तिमाही में यह पाचन तंत्र में जमे हुए कफ से मुक्ति दिलाता है आदि.
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दोस्तो सबसे बड़ी बात है कि नींबू किस तरह से लेना चाहिए कितना लेना चाहिए दोस्तों इस पर चर्चा करें इससे पहले हम इसके नुकसान पर भी एक नजर डाल लेते हैं.
नींबू के नुकसान
जैसा की हमने बताया कि नींबू के गर्भावस्था में कितनी अधिक फायदे होते हैं वैसे ही इसके कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं जो गर्भ अवस्था में नुकसान पहुंचा सकते हैं, यह नुकसान तभी होता है जब आप अधिक नींबू का सेवन करते हैं.
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बार बार यूरिन के लिए जाने की इच्छा होना,
नींबू में काफी सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं लेकिन उसे आकजलेट भी पाया जाता है, आकजलेट शरीर में पथरी बनने का एक कारण होता है तो ऐसे में हम शरीर के अंदर पथरी बनने का रिस्क नहीं ले सकते .
नींबू दांतों के इनेमल को नुकसान पहुंचाता है दांत खट्टे खट्टे रहते हैं.
सर्दियों में नींबू पानी पीने से आपको खांसी जुखाम पकड़ सकता है क्योंकि यह तासीर में ठंडा होता है. इसे आप गुनगुना करके ही पिए.
नींबू का अत्यधिक सेवन एसिडिटी की समस्या पैदा कर सकता है.
दोस्तों यह थे कुछ पॉइंट्स की प्रेग्नेंसी में नींबू किस प्रकार से नुकसान दे सकता है इस नुकसान से बचने के लिए हमें कुछ सावधानियां रखनी होगी.
कैसे और कितना करें नींबू का प्रयोग
ऐसा हो सकता है कि कुछ दवाइयों के साथ नींबू रिएक्शन कर गर्भावस्था में नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए आप नींबू का प्रयोग अपने डॉक्टर से पूछ कर ही करें.
अगर आप गर्भावस्था में नींबू का प्रयोग कर रहे हैं तो आप सुबह के नंबर में एक गिलास साफ पानी के अंदर आधा नींबू निचोड़े और मीठा करने के लिए उसमें शहद का प्रयोग करें इससे अधिक नहीं ले.
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कभी भी डिब्बाबंद नींबू का जूस, शर्करा युक्त लेमन जूस, लेमन ड्रिंक या बाजारु लेमन टी आदि का प्रयोग ना करें, हमेशा फ्रेश अपने हाथ से बनाकर ही लेमन ड्रिंक पीनी चाहिए.
दोस्तों अगर हम अभी प्रेगनेंसी की बात हुई ना करें तो हम बता दें नींबू एक पौष्टिकता से भरा खाद्य पदार्थ है, नींबू के अंदर विटामिन, मिनरल्स, फोलेट, विटामिन सी, विटामिन बी6, रिबोफ्लेविन, नियासिन मैग्नीशियम, कैल्शियम आदि की अच्छी मात्रा पाई जाती है.
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क्या नींबू रस पीने से गर्भपात हो सकता है
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गर्भावस्था में नींबू के फायदे
नींबू एक अच्छा एंटीआक्सीडेंट है यह शरीर की सफाई करता है जहरीले तत्वों को निकाल कर बाहर कर देता है और पानी की कमी को भी पूरा करता है.
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पोटेशियम बच्चे के विकास में सहायक होता है अगर आप नींबू पानी पीते हैं तो इस में पोटेशियम पाया जाता है जो लाभकारी है.
नींबू मॉर्निंग सिकनेस को भी दूर करने में सहायता करता है.
प्रेग्नेंसी के समय ब्लड प्रेशर ऊपर या नीचे अर्थात हाई या लो हो सकता है अगर आप नींबू का संतुलित प्रयोग करें तो यह ब्लड प्रेशर को नार्मल रखने में सहायता करता है.
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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में अपच की समस्या सबसे ज्यादा पाई जाती है, ऐसे में यदि महिलाएं नींबू-पानी में चीनी डालकर पीने से काफी हद तक राहत मिलती है.
नींबू में पाया जाने वाला कैल्शियम, मैग्नीशियम आपके बच्चे की हड्डियों के विकास में सहायता करता है बच्चे की हड्डियां मजबूत होती हैं.
डिहाइड्रेशन के कारण गर्भावस्था में सिरदर्द, जी मिचलाना, उल्टी, आना चक्कर आना आदि की शिकायत रहती है नींबू पानी का प्रयोग करके डिहाइड्रेशन की समस्या को खत्म किया जा सकता है गर्भवती सुबह सुबह नींबू पानी पिए तो इन समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है
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नींबू आपके शरीर के पी एच लेवल को सही रखने में मदद करता है जो की थोड़ी सी एल्कलाइन होती है बच्चे के विकास में पीएच का सही होना अत्यधिक जरूरी है, अगर किसी कारणवश हमारे शरीर का PH एसिडिक हो जाता है तो यह गर्भ में पल रहे बच्चे की हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकता है.
नींबू विटामिन सी के लिए जाना जाता है तो विटामिन सी की कमी से होने वाली जितनी भी प्रॉब्लम है वह नहीं होती हैं.
प्रेग्नेंसी में अक्सर हाथ पैरों में सूजन आ जाती है अगर आप सुबह सुबह रोज नींबू पानी का सेवन करें तो हाथ पैरों की सूजन से निजात काफी हद तक पाई जा सकती है.
और भी बहुत से फायदे हैं नींबू के जैसे कि --
कब्ज की समस्या समाप्त हो जाती है.
अगर नींबू पानी में शहद मिलाकर पिया जाए तो प्रसव आसानी से हो जाता है .
पहली तिमाही में यह पाचन तंत्र में जमे हुए कफ से मुक्ति दिलाता है आदि.
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दोस्तो सबसे बड़ी बात है कि नींबू किस तरह से लेना चाहिए कितना लेना चाहिए दोस्तों इस पर चर्चा करें इससे पहले हम इसके नुकसान पर भी एक नजर डाल लेते हैं.
नींबू के नुकसान
जैसा की हमने बताया कि नींबू के गर्भावस्था में कितनी अधिक फायदे होते हैं वैसे ही इसके कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं जो गर्भ अवस्था में नुकसान पहुंचा सकते हैं, यह नुकसान तभी होता है जब आप अधिक नींबू का सेवन करते हैं.
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बार बार यूरिन के लिए जाने की इच्छा होना,
नींबू में काफी सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं लेकिन उसे आकजलेट भी पाया जाता है, आकजलेट शरीर में पथरी बनने का एक कारण होता है तो ऐसे में हम शरीर के अंदर पथरी बनने का रिस्क नहीं ले सकते .
नींबू दांतों के इनेमल को नुकसान पहुंचाता है दांत खट्टे खट्टे रहते हैं.
सर्दियों में नींबू पानी पीने से आपको खांसी जुखाम पकड़ सकता है क्योंकि यह तासीर में ठंडा होता है. इसे आप गुनगुना करके ही पिए.
नींबू का अत्यधिक सेवन एसिडिटी की समस्या पैदा कर सकता है.
दोस्तों यह थे कुछ पॉइंट्स की प्रेग्नेंसी में नींबू किस प्रकार से नुकसान दे सकता है इस नुकसान से बचने के लिए हमें कुछ सावधानियां रखनी होगी.
कैसे और कितना करें नींबू का प्रयोग
ऐसा हो सकता है कि कुछ दवाइयों के साथ नींबू रिएक्शन कर गर्भावस्था में नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए आप नींबू का प्रयोग अपने डॉक्टर से पूछ कर ही करें.
अगर आप गर्भावस्था में नींबू का प्रयोग कर रहे हैं तो आप सुबह के नंबर में एक गिलास साफ पानी के अंदर आधा नींबू निचोड़े और मीठा करने के लिए उसमें शहद का प्रयोग करें इससे अधिक नहीं ले.
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कभी भी डिब्बाबंद नींबू का जूस, शर्करा युक्त लेमन जूस, लेमन ड्रिंक या बाजारु लेमन टी आदि का प्रयोग ना करें, हमेशा फ्रेश अपने हाथ से बनाकर ही लेमन ड्रिंक पीनी चाहिए.
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