पहली तिमाही में एक लड़का होने के लक्षण | गर्भ में लड़का या लड़की | Baby boy symptoms Hindi

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दोस्तों हम प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कुछ लक्षण नजर आते हैं. जिनके आधार पर हम जेंडर का पता लगा सकते हैं.लेकिन यह तरीके 100% वैज्ञानिक तरीके नहीं है. मात्र समाज में प्रचलित और लोगों के एक्सपीरियंस के आधार पर यह तरीके अस्तित्व में है.

जो भी लक्षण महिला के शरीर में नजर आ रहे हैं, जो हम बता रहे हैं. यह मात्र गर्भ में लड़का होने की संभावना को बढ़ाते हैं.

इनका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि यह 100% काम करते हैं. हालांकि अधिकतर मामलों में यह सब तरीके काफी फिट बैठते हैं. इसलिए यह प्रचलन में है.

इनके आधार पर आप बिल्कुल भी यह निर्णय नहीं ले सकते हैं, कि आपके गर्भ में लड़का है, या लड़की है. क्योंकि कुछ मामलों में लक्षण अपोजिट भी आ जाते हैं. हालांकि ऐसा कम ही होता है लेकिन ऐसा होता है.

इन लक्षणों के आधार पर आप निर्णय लेकर गर्भपात नहीं करा सकते हैं, और गर्भपात कराना कानूनन जुर्म है.

गर्भ में लड़का होने के लक्षण | गर्भ में लड़का है या लड़की है | Baby boy symptoms Hindi


पहली तिमाही में एक लड़का होने के लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं.

  • अगर प्रेगनेंसी के दौरान महिला की सुंदरता कम हो जाती है. मुंह पर कील मुहासे होना, यह सब पुरुष जेंडर गर्भ में होने के कारण जिस प्रकार के हार्मोन अल कॉन्बिनेशन शरीर के अंदर बनता है. उसकी वजह से होता है.

 

  • प्रेगनेंसी के दौरान होना आलस लगातार बने रहना, शरीर थका थका सा रहता है.
  • महिलाओं के पेशाब के रंग से भी गर्भ में लड़का है या लड़की है. इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है. हालांकि महिला के पेशाब का रंग महिला के खानपान और शरीर में पानी की स्थिति पर भी काफी हद तक निर्भर करता है.
    लेकिन फिर भी अगर काफी दिनों तक इस बात को देखा जाए, और अगर यह अनुमान लगे कि महिला के पेशाब का रंग अपेक्षाकृत अधिक गहरा है, तो यह गर्भ में लड़का है, इसकी संभावना को बल देता है.
  • जिन महिलाओं को उल्टी या मतली की समस्या सुबह के समय नहीं होती है. उन्हें यह माना जाता है कि उनके गर्भ में लड़का है.
  • प्रेगनेंसी के दौरान अगर महिलाओं के पैर ठंडे रहते हैं, तो यह गर्भ में लड़का होने की निशानी माना जाता है. मुख्यता यह है, तभी ज्यादा सही बैठता है जब प्रेगनेंसी पहली हो.
  • गर्भ में लड़का या लड़की होने पर माना जाता है, कि महिलाओं को अलग-अलग प्रकार का भोजन पसंद आता है. बहुत से लोग कहते हैं, कि खट्टा और नमकीन अगर महिला को प्रेगनेंसी के दौरान पसंद आ रहा है. तो गर्भ में लड़का है.अगर महिला को मीठा भोजन ज्यादा पसंद आ रहा है, तो गर्भ में लड़की होती है. अर्थात इन दोनों स्थितियों में यह संभावनाएं बहुत ज्यादा बनती है. लेकिन कभी-कभी अप अपोजिट स्थिति भी नजर आती है. लेकिन कम ही.
  • माना जाता है कि बच्चे की धड़कन से बच्चे के लिंग का अनुमान लगाया जा सकता है. यह भी माना जाता है, कि अगर बच्चे की दिल की धड़कन अपेक्षाकृत कम होती है. तो वह लड़का होता है.वैसे दोस्तों इसके अपवाद भी देखने को मिलते हैं और यह धड़कन आपको आठवें और नौवें महीने में ही चेक करनी चाहिए.

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  • बच्चे की दिल की धड़कन औसतन 140 के आसपास होती है. अगर यह 140 से कम है, तो संभावना लड़का होने की अधिक रहती है.
  • प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के हारमोंस काफी ज्यादा एक्टिव रहते हैं. इस वजह से अगर महिला के शरीर में बालों का उगना हाथ पैर के बाल या सिर के बाल अधिक मजबूत और घने हो जाते हैं. यह गर्भ में लड़का है. इसकी संभावना ज्यादा रहती है.
  • प्रेगनेंसी के दौरान अगर महिलाओं के हाथों की त्वचा शुष्क नजर आती है. पतली पतली पपड़ी उतर रही होती है. अर्थात महिला के हाथ शुष्क रहते हैं. और अगर आप इसका इलाज करें, और कोई खास फर्क नहीं पड़ता है. आपको कुछ कुछ खुजलाहट भी आती है. तो गर्भ में बेटा होने के संकेत के रूप में माना जाता है. मतलब गर्भ में बेटा है. इसकी संभावना अधिक होती है.
  • यह एक वैज्ञानिक बात है कि गर्भ में लड़के का वजन लड़की के वजन से अधिक होता है. ऐसे में अगर महिला का पेट सामने की ओर ज्यादा झुकाव लिए है. जैसा कि आपको इमेज में नजर आ रहा है, तो यह गर्भ में बेटा होने की संभावना को ज्यादा बढ़ा देता है.

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