गर्भवती महिला को कितनी जल्दी पता चल सकता है कि प्रेगनेंसी हो गई है | How to know i am pregnant
हमने बहुत सारे आर्टिकल प्रेगनेंसी लक्षणों को लेकर दिए हैं लेकिन उसके बाद भी हमारे पास काफी सारे प्रश्न आते हैं जो प्रेगनेंसी के दौरान लक्षणों को लेकर होते हैं.
जैसे कि ---
मेरे पीरियड तो मिस हो गए हैं, लेकिन प्रेगनेंसी टेस्ट करने पर अभी पॉजिटिव नहीं आया है, और सिम्टम्स आ रहे हैं.
क्या पीरियड से पहले भी इस बात का पता चल सकता है कि प्रेगनेंसी हो गई है.
ऐसे ही कुछ प्रश्नों का जवाब हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से दे रहे हैं, और आपको साथ ही साथ यह बताएंगे कि एक प्रेगनेंसी की कंपलीट प्रोसेस क्या होती है.
ताकि आप इस बात को अच्छे से जान पाए कि आप कितनी जल्दी यह पता लगा सकती हैं कि आपको प्रेगनेंसी हो गई है.
मित्रों दंपत्ति मिलन जिस वक्त हुआ है, यह जरूरी नहीं है कि उस वक्त गर्भावस्था हो ही जाए. किसी भी महिला को गर्भ उसके ओवुलेशन पीरियड पर ही रुकता है, अगर इस दौरान पुरुष के शुक्राणु महिला के अंडाणु से मिलन नहीं कर पाते हैं तो प्रेगनेंसी नहीं होती है और यह अंडाणु 2 दिन में अपने आप शरीर के अंदर समाप्त हो जाता है. मुख्यतः 24 घंटे ही अंडाणु की आयु होती है जब यह प्रेगनेंसी को आगे बढ़ा सकता है.
शुरुआत के समय में जब अंडाणु और शुक्राणु आपस में मिलन करते हैं तो यह मात्र 2 सेल ही होते हैं, और उसके बाद यह अपने आप को बढ़ाने लगते हैं, 2 से 4 ,4 से 8, 8 से 16 इस तरह से यह बहुत तेज गति से बढ़ते जाते हैं, और 4 से 5 दिन के अंदर यह अपना आकार काफी बड़ा कर लेते हैं और इसे ब्लास्टोसिस्ट कहा जाता है.
अभी है फैलोपियन ट्यूब के अंदर ही स्थित है, उसके बाद यह धीरे-धीरे गर्भाशय की ओर सरकने लगता है, और 8 से 10 दिन में यह गर्भाशय में पहुंच जाता है, और वहां पर यह गर्भाशय की दीवार पर स्थापित हो जाता है.
दीवार पर स्थापित होते समय जब यह गर्भाशय की दीवार से चिपकता है, तो दीवार पर स्थित रक्त नलिका से कुछ रक्त की बूंदें छलक जाती है. तो जिस दिन प्रेगनेंसी होती है उससे आठ 10 दिन के बाद महिला को कुछ बूंदे ब्लड की नजर आ सकती है. जिसे स्पोटिंग कहा जाता है. यह भी प्रेगनेंसी का 1 लक्षण माना जाता है, लेकिन यह स्पोटिंग 20 से 25% महिलाओं को ही नजर आती है.
जैसे ही भ्रूण गर्भाशय की दीवार पर आरोपित होता है, तभी से प्रेगनेंसी हारमोंस , जिसे हम एचसीजी हार्मोन कहते हैं. उसका बनना शुरू हो जाता है.
इस हारमोंस के बनने से ही प्रेगनेंसी की शुरुआत मानी जाती है. जब तक यह हारमोंस नहीं बनता तब तक प्रेगनेंसी को प्रेगनेंसी नहीं माना जाता है. जैसे ही यह एचसीजी हारमोंस बनने लगता है, इसकी हेल्प से शरीर के अंदर प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोन की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ जाती है. इस हारमोंस की मात्रा बढ़ना काफी आवश्यक होता है.
प्रेगनेंसी में अगर प्रोजेस्ट्रोन हारमोंस की मात्रा कम रह जाती है तो ब्लडिंग हो जाती है, और गर्भपात हो जाता है. हालांकि महिला को इस बात का पता नहीं चलता है, कि उसका गर्भपात हो गया है. क्योंकि वह नॉर्मल ब्लडिंग के समय ही ब्लीडिंग होती है.
इसलिए जैसे ही एचसीजी हार्मोन बनता है, प्रोजेस्ट्रोन हारमोंस की मात्रा बढ़ने लगती है, और महिला को प्रेगनेंसी है. इस बात की मोहर लग जाती है,
जैसे-जैसे यह हारमोंस महिला के शरीर में बढ़ते हैं तो इनकी वजह से महिला के शरीर में कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं. जिन्हें हम प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण कहते हैं.
इसको लेकर हमने पहले भी बहुत सारे Article बनाए हैं जैसे कि
मॉर्निंग सिकनेस
कमजोरी आना
चक्कर आना
भूख अनियमित हो जाना
कब्ज, गैस, एसिडिटी
ऐसे बहुत सारे लक्षण महिलाओं को नजर आने लगते हैं. यह महिला महिला पर निर्भर करता है, कि किसे कौन से लक्षण आते हैं. बहुत-सी महिलाओं को लक्षण नाममात्र को होते हैं, और कुछ महिलाओं को लक्षण काफी ज्यादा नजर भी आते हैं.
प्रेगनेंसी हारमोंस के प्रति महिला का शरीर कितना सेंसेटिव है. यह उसके शरीर पर कितना प्रभाव डालते हैं. कितने साइड इफेक्ट देते हैं. यह हर महिला के लिए अलग-अलग होता है. इसलिए कुछ महिलाओं को पीरियड डेट से थोड़ा पहले भी लक्षण नजर आ सकते हैं.
यह इस बात पर भी निर्भर करता है, कि महिला के शरीर में हारमोंस प्रोडक्शन की दर क्या है. जिनमें थोड़ा कम होती है उन्हें लक्षण नहीं भी आते हैं. भले ही उनका शरीर सेंसेटिव हो.
यह फैक्टर निश्चित करते हैं कि पीरियड से पहले महिला को प्रेगनेंसी के लक्षण आएंगे या नहीं आएंगे और यह बिल्कुल भी कंफर्म नहीं होता है. हर महिला के लिए अलग-अलग है.
हमारा दूसरा प्रश्न था लक्षण नजर आ रहे हैं , पीरियड मिस हो गए हैं लेकिन चेक करने के बाद भी प्रेगनेंसी नेगेटिव आ रही है,
तो ऐसा हो सकता है कि महिला के शरीर में हार्मोन प्रोडक्शन की दर थोड़ा कम हो, तो उन्हें 8 से 10 दिन का इंतजार करना चाहिए उसके बाद द्वारा प्रेगनेंसी क्लियर हो जाएगी.
कभी-कभी प्रेगनेंसी के कुछ लक्षण दूसरे कारणों से भी आने लगते हैं. जिस पर हमने अपने पुराने Articles में चर्चा की है. उस अवस्था में प्रेगनेंसी नहीं होती है लेकिन कभी-कभी जब प्रेगनेंसी भी होती है तब भी किट द्वारा चेक करने पर प्रेगनेंसी 7 से 8 दिन के बाद ही कंफर्म होती है.
प्रेग्नेंसी हारमोंस महिला के यूरिन और ब्लड दोनों में होते हैं, इसलिए महिला ब्लड टेस्ट करा कर भी इस बात का पता लगा सकती है कि वह गर्भवती है या नहीं है.
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