प्रेगनेंसी में इन दालों को खाते समय सावधानी रखें

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प्रेगनेंसी में महिलाओं को कौन-कौन सी दाल खाना अधिक फायदेमंद होता है. प्रेगनेंसी के दौरान हर प्रकार की दाल खाना प्रेगनेंसी में फायदेमंद ही माना जाता है. बस कुछ सावधानियों की आवश्यकता होती है. आज हम आपको प्रेगनेंसी के दौरान कुछ महत्वपूर्ण दालों के संबंध में बात करने जा रहे हैं, जो प्रेगनेंसी के दौरान काफी लाभदायक मानी जाती है.

प्रेगनेंसी के दौरान कौन-कौन सी दाल खाना फायदेमंद होता है, इस पर बात करें. उससे पहले हम आपसे थोड़ी चर्चा इसको खाने को लेकर कर लेते हैं.

प्रेगनेंसी में इन दालों को खाते समय सावधानी रखें

असल में प्रेगनेंसी के दौरा न कोई भी ऐसी चीज खाने से परहेज करना चाहिए. जिनकी प्रकृति गर्म होती है, और दूसरी बात जो दाल एक गरिष्ठ होती है. उनको प्रेगनेंसी के दौरान बड़ी सावधानी से खाने की आवश्यकता पड़ती.

क्योंकि गरिष्ठ भोजन आसानी से पचता नहीं है, और प्रेगनेंसी के दौरान महिला का पाचन तंत्र कमजोर होता है. इसलिए गरिष्ठ भोजन को अत्यधिक चबाकर और दिन के समय ही खाना चाहिए.

जैसे कि उड़द और उड़द की दाल, चना और चने की दाल, राजमा यह सभी आसानी से नहीं पचते इसलिए इनका सेवन दिन के समय ही करना उचित रहता है.

अगर किसी महिला को किसी भी प्रकार की दाल से एलर्जी है तो उसे वह दाल नहीं खानी चाहिए. खासकर प्रेगनेंसी में महिला का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, तो उसका प्रभाव ज्यादा नजर आता है. जो गर्भस्थ शिशु पर भी पड़ सकता है.

वैसे तो दालें प्रेगनेंसी के दौरान 9 के 9 महीने किसी भी समय आ सकती है, लेकिन दूसरी तिमाही में इसका सेवन करना काफी फायदेमंद रहता है.

दाल को खाते समय कुछ बातों का ध्यान रखें ,

  • बहुत अधिक पुरानी दाल आपको खाने से बचना है.
  • आपको बांसी  दाल खाने से बचना है
  • ऐसी दाल खाने से बचना है जिस के दानों में कीटो ने छेद कर दिए हो
  • कंकड़ पत्थर वाली दाल खाने से बचें या उन्हें अच्छी तरह से साफ करके ही प्रयोग में लाएं
  • जिस दाल से आपको एलर्जी है उस दाल को बिल्कुल नहीं खाना है.
  • दाल घर पर ही बना कर खाएं बाजार से बनी बनाई दाल नहीं लेकर आए.

प्रेगनेंसी में अरहर की दाल

अरहर की दाल खाने में काफी स्वादिष्ट होती है. पचने में बड़ी आसान होती है. और फायदेमंद भी मानी जाती है.
 इसके अंदर प्रोटीन की मात्रा सबसे अधिक होती है. इससे शरीर को कई प्रकार के न्यूट्रिशंस प्राप्त होते हैं. इसके अंदर आयरन, फोलिक एसिड, कैलशियम, मैग्निशियम, विटामिन बी और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं.

कार्बोहाइड्रेट से इसके अंदर पाया जाता है. इतने सारे पोषक तत्वों की वजह से यह गर्भस्थ शिशु के लिए बहुत लाभदायक है. बस कभी-कभी अरहर की दाल खाने से किसी किसी महिला को सीने में जलन की शिकायत होती है, इस बात का ध्यान रखें.

प्रेगनेंसी में उड़द की दाल

उड़द एक गरिष्ठ भोजन है. यह आसानी से नहीं  पचता  है. इसलिए उड़ या उड़द की दाल को आपको दिन के समय ही अपने भोजन में प्रयोग करना है, और अत्यधिक चबा चबा कर और अच्छे से पकने के बाद ही खाएं.
डॉक्टर्स के अनुसार यह गर्भस्थ शिशु के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक होती है. मगर समाज में पुराने बुजुर्ग मानते हैं कि उड़द द या उड़द की दाल को प्रेगनेंसी के दौरान खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इसके अंदर कुछ बैक्टीरिया होने का खतरा रहता है.

इनका मानना है कि यह दाल गर्भपात का कारण बन सकती है हालांकि डॉ इससे इनकार करते हैं. फाइबर युक्त उड़द की दाल अच्छे आंत बैक्टीरिया को बनाए रखने में मदद करती है, जो भोजन के पाचन में मदद करते है.

यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखने में मदद कर सकता है. यह हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है.

प्रेगनेंसी में मसूर की दाल

मसूर की दाल भी पचने में काफी आसान समझी जाती है. यह एक आदर्श भोजन के रूप में भी प्रचलित है. इस दाल का सेवन करने से महिला को एनीमिया की शिकायत नहीं होती हैं.

प्रेगनेंसी में चने की दाल

चने की दाल भी तक pregनैंसी के दौरान एक सुरक्षित खाद्य पदार्थ के रूप में जानी जाती है यह गरिष्ठ होती है पचने में मुश्किल होती है तो दिन के समय ही खाएं. चने के अंदर हाई वैल्यू  प्रोटीन होती है.

इसमें फोलिक एसिड, मिनरल्स और दूसरे प्रकार के आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो गर्भवती महिला और शिशु के लिए अत्यधिक लाभदायक है.

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