पुत्र प्राप्ति का यह वैज्ञानिक तरीका 99% पुत्र देगा - Ladka Paida Kerne ka Scientific Tarika
नमस्कार दोस्तों आज हम आपको अपने चैनल के माध्यम से पुत्र
प्राप्ति के लिए शुद्ध वैज्ञानिक तरीका बताने की कोशिश कर रहे हैं दोस्तों पुत्र और
पुत्री में कोई अंतर नहीं माना जाता है आज के समय में जहां बेटे परचम लहरा रहे हैं
वहीं बेटियां भी उनके साथ साथ हैं लेकिन हर व्यक्ति यह चाहता है कि उसके यहां बेटा
और बेटी दोनों अगर किसी दंपत्ति के पास पहले से ही दो या दो से अधिक बेटियां है तो
वह थोड़ा सा ध्यान रखकर इस तरीके को अपनाकर पुत्र प्राप्ति करने की कोशिश कर सकता है
दोस्तों यह सिर्फ पुत्र प्राप्ति के लिए एनवायरमेंट को ठीक करने का तरीका है इस तरीके
से आपको 99% तक पुत्र प्राप्ति के चांस बन जाते हैं.
इन्हें भी पढ़ें : गर्भ में पुत्र या पुत्री होने के सटीक 4 लक्षण
इन्हें भी पढ़ें : बच्चे की धड़कन और महिला के पेट से कैसे पता करे गर्भ में बेटा है
दोस्तों अगर आप यह POST देख रहे हैं तो आप इसे अंत तक जरूर
देखें ताकि हम आपको कंपलीट इनफॉरमेशन इस संबंध में दे पाए जो आपको वैज्ञानिक तथ्यों
के आधार पर ही होगी और आप इससे सहमत भी होंगे कई बार क्या होता है कि आधा अधूरा POST
देखने के बाद दर्शक प्रश्न करते हैं जिनका उत्तर पहले से ही POST में दिया गया होता
है हम आपको स्टेप बाय स्टेप सब कुछ बताने की कोशिश करेंगे जिससे की एक साधारण व्यक्ति
भी इस बात को अच्छी तरह से समझ कर बताए गए तरीके को क्रियान्वित कर सके.
इन्हें भी पढ़ें : उत्तम बुद्धि और सुंदर सी संतान की प्राप्ति के लिए
इन्हें भी पढ़ें : शिवलिंगी से पुत्र प्राप्ति का यह उपाय अचूक मन जाता है - बाँझ महिला को भी पुत्र होता है
इन्हें भी पढ़ें : ये पुत्र प्राप्ति का रामबाण उपाय माना जाता है - शिवलिंगी के बीज
इन्हें भी पढ़ें : पुत्र प्राप्ति की चमत्कारी प्राचीन औषधि
इन्हें भी पढ़ें : उत्तम बुद्धि और सुंदर सी संतान की प्राप्ति के लिए
इन्हें भी पढ़ें : शिवलिंगी से पुत्र प्राप्ति का यह उपाय अचूक मन जाता है - बाँझ महिला को भी पुत्र होता है
इन्हें भी पढ़ें : ये पुत्र प्राप्ति का रामबाण उपाय माना जाता है - शिवलिंगी के बीज
इन्हें भी पढ़ें : पुत्र प्राप्ति की चमत्कारी प्राचीन औषधि
पुत्र प्राप्ति के लिए हमें तीन चार छोटी छोटी बातों को
ध्यान में रखना होगा पहला
दोस्तों संतान प्राप्ति के लिए X क्रोमोसोम और Y क्रोमोसोम
थिअरी हम सभी जानते हैं जिन लोगों को नहीं पता हम उन्हें थोड़ा सा बता देते हैं.
दोस्तों महिला में X क्रोमोसोम होता है और पुरुष में एक्स
और वाई दो टाइप के क्रोमोसोम होते हैं.
अगर पुरुष का X क्रोमोसोम महिला के X क्रोमोसोम से मिलता
है तो लड़की और अगर पुरुष का Y क्रोमोसोम महिला के X क्रोमोसोम से मिलता है तो लड़का
पैदा होता है बस हमें यही कोशिश करनी है कि किस तरह से पूछा पुरुष का Y क्रोमोसोम महिला
के X क्रोमोसोम से मिले सारी कहानी यहीं से ही शुरू होती है.
इसके लिए हमें पुरुष के एक्स क्रोमोसोम और वाई क्रोमोसोम
का नेचर पता होना चाहिए उनकी लाइफ साइकिल पता होनी चाहिए.
वाई क्रोमोसोम का उत्पादन अधिक कैसे हो इस पर ध्यान देना
है.
वाई क्रोमोसोम किस तरह से महिला के एक्स क्रोमोसोम तक पहले
पहुंचे इस पर ध्यान देना है.
दोस्तों हम आपको बता दें एक्स और वाई क्रोमोसोम में पुत्री
प्राप्ति के लिए रिस्पांसिबल एक्स क्रोमोसोम पुत्र प्राप्ति के लिए रिस्पांसिबल वाई
क्रोमोसोम की तुलना में अधिक शक्तिशाली होता है अधिक समय तक जीवित रह सकता है.
इन्हें भी पढ़ें : भ्रूण में धड़कन होते हुए भी कभी-कभी क्यों नहीं सुनाई पड़ती है
इन्हें भी पढ़ें : यह सपने बताते हैं घर में पुत्र होगा या पुत्री
इन्हें भी पढ़ें : भ्रूण में धड़कन होते हुए भी कभी-कभी क्यों नहीं सुनाई पड़ती है
इन्हें भी पढ़ें : यह सपने बताते हैं घर में पुत्र होगा या पुत्री
दूसरी बात पुत्र प्राप्ति के लिए रिस्पांसिबल वाई क्रोमोसोम
अधिक तेज गति से चलता है जबकि पुत्री प्राप्ति के लिए रिस्पांसिबल एक्स क्रोमोसोम गति
में हल्का होता है वहीं एक्स क्रोमोसोम महिला के शरीर में वाई क्रोमोसोम की तुलना में
अधिक दिनों तक जीवित रह सकता है
यहाँ ओवुलेशन पीरियड टाइम बहुत इम्पोर्टेन्ट है
ओवुलेशन पीरियड में ही महिला का X क्रोमोज़ोम या अंडाणु अवेलेबल होता है ये टाइम एक
पीरियड साइकिल मतलब ३० दिन में केवल ५ दिन
के आस पास का होता हैं.
आप को ये टाइम पता होना चाहिए वो कब आता है.
इस वजह से पुत्र प्राप्ति के लिए हमेशा दंपत्ति को कोशिश
ओवुलेशन पीरियड में ही करनी चाहिए.
कुछ दर्शक ऐसे हो सकते हैं जिन्हें ओवुलेशन पीरियड क्या
होता है ना पता हो तो हम बता दें जिस समय महिला के शरीर में ओवेरी से अंडे गर्भाशय
में आते हैं.
इन्हें भी पढ़ें : गर्भ में पुत्र या पुत्री होने के सटीक 4 लक्षण
इन्हें भी पढ़ें : बच्चे की धड़कन और महिला के पेट से कैसे पता करे गर्भ में बेटा है
आप साधारण भाषा में ओवुलेशन पीरियड का मतलब समझ लीजिए कि
इस समय महिला के शरीर में महिला का एक्स क्रोमोसोम जिसे हम अंडाणु भी कहते हैं उस वक्त
मतलब ओवुलेशन पीरियड में पुरुष के एक्स और वाई क्रोमोसोम का इंतजार कर रहा होता है
जिससे कि गर्भाधान हो सके.
महिला का अंडाणु केवल ओवुलेशन पीरियड्स में पहले से ही
अवेलेबल होता है वरना पुरुष के X और Y क्रोमोसोम को ही इंतजार करना होता है.
इस वक्त प्रयास करने पर पुत्र प्राप्ति की संभावना बहुत
ज्यादा होती वह बता देते हैं कि क्यों होती है.
जैसा कि हमने आपको पहले बताया है कि वाई क्रोमोसोम की गति
चलने की गति एक्स क्रोमोसोम की तुलना में बहुत ज्यादा होती है इस वजह से अगर पहले से
ही अंडाणु उपस्थित है तो वह उस तक पहले पहुंचकर पुत्र प्राप्ति की संभावना बना देते
हैं.
अगर ओवुलेशन पीरियड नहीं चल रहा है महिला का तो ऐसी स्थिति
में एक्स और वाई क्रोमोसोम को महिला के शरीर में इंतजार करना होगा और महिला के शरीर
के अंदर जिस हिस्से में एक्स, वाई क्रोमोसोम को रहना होता है वह मीडियम एसिडिक मीडियम
होता है जिसकी वजह से इनके जीवन को खतरा होता है वाई क्रोमोसोम तो 24 से 48 घंटे में
मर जाता है लेकिन एक्स क्रोमोसोम इससे अधिक समय तक जीवित रहता है, और अगर वाई क्रोमोसोम
के इन एक्टिव होने के बाद ओवुलेशन पीरियड शुरू होता है तो पुत्री प्राप्ति के चांस
बन जाते हैं.
इन्हें भी पढ़ें : पुत्र प्राप्ति के लिए सूर्य देव के 2 उपाय
इन्हें भी पढ़ें : पुपुत्र प्राप्ति का यह वैज्ञानिक तरीका 99% पुत्र देगा
इन्हें भी पढ़ें : साइंस और धर्म विज्ञान दोनों के अनुसार पुत्र प्राप्ति का सटीक उपाय
इन्हें भी पढ़ें : स्त्री के किस अंग पर बाल होना अशुभ माना जाता है
इन्हें भी पढ़ें : पुपुत्र प्राप्ति का यह वैज्ञानिक तरीका 99% पुत्र देगा
इन्हें भी पढ़ें : साइंस और धर्म विज्ञान दोनों के अनुसार पुत्र प्राप्ति का सटीक उपाय
इन्हें भी पढ़ें : स्त्री के किस अंग पर बाल होना अशुभ माना जाता है
एक और दूसरी प्रॉब्लम है महिला का शरीर एक्स और वाई क्रोमोसोम
को अपना शत्रु समझता इस वजह से वाइट ब्लड सेल्स इनको मारना शुरू कर देती है हम आपको
बता दें मात्र 100 में से एक ही क्रोमोसोम आगे बढ़ जाता है अब एक्स क्रोमोसोम गति में
तो हल्का है लेकिन ताकतवर है तो वह Y की तुलना में अधिक समय तक सरवाइव कर जाता है,
पुत्र प्राप्ति के लिए ओवुलेशन पीरियड का होना बहुत जरूरी
है.
एक स्थिति और है जो पुत्र प्राप्ति के लिए आवश्यक है संतान
प्राप्ति का प्रयास करते समय महिला पुरुष से पहले चरमोत्कर्ष पर पहुंचने चाहिए कहने
का मतलब यह है की महिला पुरुष से पहले स्खलित होनी चाहिए क्या कह सकते हैं कि पुरुष
तत्व बलवान होना चाहिए.
अगर पुरुष तत्व बलवान होगा और महिला पहले स्खलित होगी तो
इससे उस वक्त महिला के शरीर से जो तत्व उत्सर्जित होते हैं उससे दो कार्य होंगे ---
पहला तो अंडाणु
तक पहुंचने का जो मार्ग है जोकि एसिडिक नेचर का होता है उसका नेचर एसिडिक नेचर कुछ
समय के लिए कमजोर पड़ जाएगा | जोकि वाई क्रोमोसोम के जीवित रहने के लिए एक अच्छी स्थिति
है साथ ही साथ ही है, X क्रोमोसोम के लिए भी अच्छी स्थिति है, लेकिन Y ज्यादा कमजोर
होता है तो उसे ज्यादा फायदा होगा.
दूसरा अंडाणु तक पहुंचने का मार्ग थोड़ा सा सुगम हो जाता
है उत्सर्जित तत्वों की वजह से या लिक्विड की वजह से क्रोमोसोम आसानी से गर्भाशय तक
पहुंच जाते हैं और अगर वहां अंडाणु पहले से ही मौजूद है तो वह गर्भ का निर्माण कर लेते
हैं क्योंकि हम जानते हैं की कि वह Y क्रोमोसोम तेज गति से चलता है तो वह X की तुलना
में पहले पहुंच जाएगा पुत्र प्राप्ति की संभावना बनेगी.
लेकिन यहां कुछ पॉइंट फिर से निकल कर आए हैं.
महिला के शरीर का जो एनवायरमेंट होता है वह एसिडिक होता
है
ओवुलेशन पीरियड का पता कैसे करें
पुरुषत्व मजबूत कैसे हो
और पुरुष के अंदर Y क्रोमोसोम की संख्या कैसे इंक्रीज हो
अगर महिला संतान प्राप्ति के प्रयास करने से 3 माह पूर्व
से बछड़े वाली गाय का दूध पीती है तथा शिवलिंगी के बीजों का सेवन करती है तो महिला
के शरीर का एनवायरमेंट वाई क्रोमोसोम के अनुकूल होने में मदद मिलेगी.
इन्हें भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी के समय महिला का कमरा कैसा हो जानिए - 7 #2
इन्हें भी पढ़ें : प्रेग्नेंट न हो पाना एक कारण आप का भोजन
इन्हें भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी के समय महिला का कमरा कैसा हो जानिए - 7 #2
इन्हें भी पढ़ें : प्रेग्नेंट न हो पाना एक कारण आप का भोजन
ओवुलेशन पीरियड का पता करने के लिए मार्केट में किट अवेलेबल
है उसके प्रयोग करने का तरीका आपको उस पर मिल जाएगा आप उससे पता कर सकते हैं की महिला
को ऑडिशन समय महिला का ओवुलेशन पीरियड कब है,
साथ ही साथ अगर महिला के पीरियड्स अनियमित है तो आपको शिवलिंगी
के बीजों का सेवन करना चाहिए क्योंकि नियमित पीरियड्स के साथ ही ओवुलेशन पीरियड भी
नियमित होता है.
पुरुष तत्व के मजबूत होने और वाई क्रोमोसोम के बढ़ने के
लिए पुरुषों को दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन करना चाहिए व्यायाम करना चाहिए लगभग
3 माह पहले से शिवलिंगी के बीजों का भी सेवन कर सकते हैं.
तो इस कार्य के लिए दोस्तों हमने इससे पहले एक POST बनाया
है शिवलिंगी के बीजों को लेकर उनके प्रयोग को लेकर पुरुषों और स्त्रियों दोनों के लिए
उस POST का रेफरेंस है.
और आप सब इन बातों का ध्यान रखेंगे तो आपको जरूर पुत्र
प्राप्ति संभव हो सकती है.
-----
-----
Post a Comment