नमस्कार दोस्तों दोस्तों हमने बहुत सारे Article ऐसे बनाए हैं जिसमें वैज्ञानिक तरीके से आयुर्वेदिक तरीके से पुत्र प्राप्ति के सूत्रों को बताया गया है. लेकिन दोस्तो आस्था भक्ति और विश्वास भी एक बहुत बड़ी ताकत होती है. जिससे की एक पॉजिटिव एनर्जी का निर्माण होता है. और यह पौधे पॉजिटिव एनर्जी हमें पुत्र प्राप्ति या पुत्री प्राप्ति की इच्छा को फलीभूत कर सकती है.
आज हम अपने इस POST के माध्यम से भगवान सूर्य के दो उपाय या कह सकते हैं .टोटके जो भी आप समझे लेकर आए हैं. जिन्हें आस्था पूर्वक और विश्वास पूर्वक करने से आपके यहां अवश्य ही मनचाही संतान की प्राप्ति होगी.
दोस्तों पुत्र प्राप्ति के लिए जो उपाय बताने जा रहे हैं.
एक तरह से कह सकते हैं कि यह टोटके नहीं है धार्मिक उपाय है. मंत्रों की शक्ति से आप और आपका जो अपने ईश्वर पर विश्वास है उस विश्वास की ताकत से एनर्जी से आप इस कार्य को अपनी इच्छा को स्वरूप प्रदान करेंगे, फलीभूत करेंगे.
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पहला उपाय
पुत्र रत्न की चाह रखने वाली स्त्री रविवार को प्रातः
काल उठकर सिर धो कर खुले बाल फैला कर उगते सूर्य को जल दे, तथा उनसे योग्य एवं बुद्धिमान
पुत्र प्राप्त की प्रार्थना करें, उससे उसकी मनोकामना अवश्य ही पूरी होती है. इस प्रयोग को 16 रविवार तक करना चाहिए.
यह संडे टू संडे करना है. अगर आप इसे रविवार से रविवार ना
करके रोज करें और 16 रविवार तक करें, तो और भी अच्छा रहे. यह लगभग लगभग साडे 3 महीने
से थोड़ा ज्यादा का समय है.
इससे आप रोज प्रातः नियम से उठेंगे तो धीरे-धीरे आपका शरीर
भी निरोगी होने लगेगा. सुबह उठने के अपने ही फायदे होते हैं. यह नियम भी आपको फायदा
देगा.
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दूसरा उपाय
पुत्र प्राप्ति के लिए सूर्य मंत्र – Putra Prapti Mantra
आप अपनी व्यवस्था अनुसार अपने घर में सोने या चांदी
से निर्मित सूर्य यंत्र की स्थापना पुत्र रत्न की चाह रखने वालों को करना चाहिए, और
प्रतिदिन यंत्र को पूर्व दिशा की ओर रखकर उसकी तरफ मुख कर कर बैठ कर दीपक जलाकर यंत्र
और सूर्य देव को प्रणाम करना चाहिए।
इसके साथ पुत्र प्राप्ति के लिए सूर्य मंत्र !! ॐ सूर्याय नमः !!
मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए ।
आप अपने सामने जो दीपक लगाएंगे. उसमें 4 बत्तियां होनी चाहिए जो बगल वाली से 90 अंश पर जलनी चाहिए. अर्थात चारों दिशाओं में 1 – 1 बत्ती चाहिए जलनी चाहिए, और जब तक आप यह पुत्र प्राप्ति सूर्य मंत्र जाप करें तब तक यह दीपक भी जलता रहना चाहिए।
40 दिन तक आप नियम पूर्वक करें, और इसके बाद आप संतान प्राप्ति के लिए कोशिश करें। लेकिन आपको यह साधना बंद नहीं करनी है। प्रेगनेंसी के कम से कम तीन से चार महा होने तक तो करनी ही चाहिए ।40 दिन का मतलब यह नहीं कि आपको 41वें दिन ही कोशिश करनी है, 40 दिन के बाद जब भी उचित समय हो तब।
इन दोनों उपायों में आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
महिला को इस दौरान सात्विक भोजन ही ग्रहण करना है नॉनवेज तो भूल जाइए।घर में हमेशा पॉजिटिव माहौल होना चाहिए नेगेटिविटी नहीं होनी चाहिए मतलब लड़ाई झगड़े लगा बुझाई इससे अलग रहे.
अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
पति के साथ संबंध ना के बराबर ही बनाएं ताकि आपके पति में पुरुष तत्व बलवान हो सके, साथ ही साथ पति को दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन अधिक करना चाहिए।
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जिस समय पत्नी अपनी साधना या उपाय पूरा करने के बाद पति के साथ संतान प्राप्ति की कोशिश करें. उस वक्त महिला का ओवुलेशन पीरियड होना ही चाहिए.
अगर आप महावारी शुरू होने से 5 दिन पहले से कोशिश करोगे. जब महिला का गर्भाशय का मुंह
बंद होता है, तो आप कितने भी उपाय कर ले कोई फायदा नहीं होगा.
और जब से उपाय शुरू करें तब से रोज बछड़े वाली गाय का दूध अगर मिल जाए तो उसे पी यह आपकी पुत्र प्राप्ति की संभावना को और बढ़ा देगा.