आज हम गर्भवती महिला के पीठ दर्द को लेकर कुछ सावधानियां रखने से संबंधित articleलेकर आए हैं। ताकि बच्चा और बच्चे की मां दोनों स्वस्थ रह सकें। यह पीठ दर्द किन किन अवस्थाओं में होता है। इससे बचने के क्या क्या उपाय हो सकते हैं.
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प्रेगनेंसी में कमर दर्द कब होता है
के दौरान बढ़ने लगता है तो पीठ पर एक प्रेशर आने लगता है और कमर के निचले
हिस्से में महिला को दर्द महसूस होना शुरू हो जाता है. प्रेगनेंसी के दौरान
महिला को पीठ दर्द 5 महीने के बाद शुरू हो सकता है.
जो जोड़ों को लूज कर देता है. जिसकी वजह से कमर के जोड़ लूज हो जाते हैं,
और दर्द की समस्या पैदा हो जाती है.
प्रेगनेंसी में कमर दर्द का कारण
प्रेगनेसी के दौरान कमर दर्द से बचने के लिए खास ध्यान की जरूरत होती है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो प्रेगनेंसी के बाद भी कमर दर्द की समस्या बनी रह सकती है।प्रेगनेंसी के समय कमर दर्द की समस्या से महिलाओं को दो-चार होना ही पड़ता है। कभी-कभी यह बच्चे के विकास की वजह से होता है। प्रेगनेंसी में कई हार्मोंस भी निकलते हैं। जिसकी वजह से महिलाओं के कमर के आस-पास का एरिया मुलायम हो जाता है।
इसकी वजह से हड्डियों के जोड़ भी मुलायम होते हैं। कमर में अक्सर दर्द होने लगता है। बच्चे के विकास से कमर पर जोर पड़ने की वजह से भी कमरदर्द होने लगता है।
प्रेगनेंसी के दौरान कमर दर्द से बचने के लिए खास ध्यान की जरूरत होती है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो प्रेगनेंसी के बाद भी कमर दर्द की समस्या बनी रह सकती है। आइए जानते हैं प्रेगनेंसी के समय कमर दर्द से राहत के लिए 5 बेहतरीन उपाय।
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प्रेगनेंसी में कमर दर्द के घरेलू उपाय और इलाज
एक्यूपंचर
दोस्तों एक्यूपंचर चाइना की एक मेडिकल पद्धति है। जिसमें सुईया चुभा कर शरीर के दर्द का या किसी अन्य बीमारी का इलाज किया जाता है। लेकिन दोस्तों भारत जैसे देश में इसके एक्सपर्ट कम ही देखने को मिलते हैं अगर आप किसी एक्यूपंचर स्पेशलिस्ट के संपर्क में है, तो आप उससे इसके इलाज के लिए मिल सकती है।
क्योंकि इसके अंदर कोई भी मेडिसन नहीं दी जाती है जिससे कि बच्चे को नुकसान हो सके तो यह एक अच्छा तरीका हो सकता है।
रेगनेंसी में कमर दर्द से राहत पाने के लिए एक्यूपंचर का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अंदर त्वचा पर सुईयां लगाकर इलाज किया जाता है। एक स्टडी के मुताबिक एक्यूपंचर बैक और पेल्विक पेन को कम करने में मदद करता है। जब भी एक्यूपंचर कराएं किसी एक्पर्ट की सलाह जरुर ले लें।
हीट पैक
प्रेगनेंसी में कमर दर्द से राहत पाने का यह तरीका सबसे बेहतर माना जाता है। इसके लिए मार्केट में रबड़ की बोतल से मिल जाती है। जिस में पानी भरकर हम सिकाई कर सकते हैं। क्योंकि गर्माहट की वजह से मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशनल बढ़ता है। और दर्द और सूजन से राहत मलती है।
अगर आपको मार्केट से बोतल नहीं मिल पाती है, तो तौलिया का प्रयोग भी इसके लिए किया जा सकता है। तौलिया को गर्म पानी में गरम करके रख सकते हैं। ध्यान रहे जरूरत से ज्यादा गर्म ना करें । और दिन में 2 बार से ज्यादा सिकाई ना करें अगर ज्यादा ही आवश्यकता हो तो अधिकतम 3 बार भी कर सकते हैं ।
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पॉस्चर
कमर दर्द को दूर करने के लिए सही पॉस्चर में बैठना बेहद जरुरी होता है। आपके बैठने का तरीका भी आपकी कमर दर्द का कारण हो सकता है।
शायद आप इस तरह से बैठते हो कि इससे आपकी कमर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता हो। इस दौरान बैठते समय अच्छी कुर्सी का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही कमर के सपोर्ट के लिए तकिये का इस्तेमाल करें।
पैरों को क्रॉस करके बैठने की बजाय पैरों को किसी चीज पर रख आपको इस बात का ध्यान रखना है, कि आपके पैर ना लटके । कमर दर्द को दूर करने के लिए हमेशा सीधे खड़े होकर चलें और कंधों को झुकाए नहीं।
आइस पैक
प्रेगनेंसी में कमर दर्द में जिस तरह गर्म पानी से सिकाई की जाती है। उसी तरह से आइस पैक से भी शिकायत की जाती है। आइस पैक बर्फ से बनाया जाता है। जिससे प्रेगनेंसी के दौरान कमर दर्द कम करने में मदद मिलती है।
बर्फ की सिकाई से सूजन कम हो जाती है जिससे दर्द में आराम मिलता है । इसके लिए एक प्लास्टिक के बैग में बर्फ को क्रश करके डालें और इसे तौलिये में लपेट लें। इस कंप्रेसर को 5-10 मिनट तक कमर पर रखें। इस प्रकार से आप दिन में दो से तीन बार सिकाई कर सकते हैं।
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एक्सरसाइज
वैसे तो प्रेगनेंसी की अवस्था में हर तरह की एक्सरसाइज नहीं कर सकते हैं। लेकिन कुछ आसान सी एक्सरसाइज करना डॉक्टर सजेस्ट करते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान कमर दर्द दूर करने का आसान तरीका एक्सरसाइज करना है।
रोजाना एक्सरसाइज करने से मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। जो कमर दर्द को दूर करने में मदद करती है। गर्भावस्था के दौरान टहलना एक अच्छी एक्सरसाइज मानी जाती है। अगर इसके अलावा भी आपको कुछ एक्सरसाइज करनी हो तो इसकी सलाह आप अपने डॉक्टर से ले सकती हैं ।