प्रेगनेंसी में क्या करें जिससे बच्चे का रंग पैदा हो

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हर माता का यही मन रहता है, कि जब उसका बच्चा पैदा हो तो वह बहुत सुंदर होना चाहिए और उसका रंग गोरा होना चाहिए.

हालांकि यह सब माता पिता के हाथ में नहीं होता है. बल्कि यह सब माता-पिता के जींस पर ही निर्भर करता है. लेकिन अपेक्षाकृत बच्चे का रंग साफ हो. इसके लिए हम कुछ छोटे-छोटे उपायों को अपना सकते हैं. इससे इतना फर्क पड़ता है, कि आप उसे नोट कर पाए.

बच्चे के रंग पर प्रभाव डालने वाले कारक

किसी भी बच्चे का रंग उसके माता-पिता के जींस पर ही आधारित होता है. अगर माता-पिता का रंग काफी ज्यादा काला है, तो बच्चा किसी भी कीमत पर गौरा पैदा नहीं हो सकता है.

लेकिन भारत में माता-पिता ना तो काले होते हैं और ना ही बहुत अधिक गोरे होते हैं. इसलिए हर माता-पिता के यहां इस बात की काफी ज्यादा संभावना रहती है कि उनका बच्चा काफी हद तक गोरा पैदा हो.

सामाजिक मान्यताओं और सामाजिक अनुभव के आधार पर बहुत सी चीजें हैं, जो प्रेगनेंसी के दौरान खाने से बचना चाहिए. जैसे कि जामुन, मेथी और बहुत अधिक आयरन युक्त खाद्य पदार्थ.

हालांकि आयरन बहुत ज्यादा आवश्यक होता है, लेकिन यह बच्चे के रंग को काला भी करता है. इसे खाना तो बंद नहीं कर सकते हैं. इसलिए दूसरी ऐसी वस्तुओं का सेवन हम प्रेगनेंसी के दौरान कर सकते हैं जिससे बच्चे के रंग पर आयरन का प्रभाव और दूसरी चीजों का प्रभाव नहीं आए.

किसी भी बच्चे की त्वचा तभी काली होती है. जब वह सूरज की रोशनी के प्रति अधिक सेंसिटिव होती है. अर्थात त्वचा  जितनी अधिक सेंसिटिव होगी, उतना ही अधिक मेलेनिन नाम का पदार्थ त्वचा की रक्षा के लिए त्वचा के अंदर बनेगा और यह काले रंग का होता है, और त्वचा फिर काली नजर आएगी. असल में मेलेनिन का 1 गुण होता है. यह रोशनी को सोख लेता है. जिससे त्वचा काली नजर आती है.

गोरा बच्चा पैदा करने के उपाय

हमें ऐसे भोज्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए, जो गर्भस्थ शिशु की त्वचा को इतना मजबूत बनाएं कि वह सूरज की रोशनी के प्रति कम सेंसिटिव हो.

  1. सामाजिक मान्यताओं के अनुसार गर्भ स्त्री को नारियल पानी और कच्चे नारियल का प्रयोग अपनी पूरी प्रग्नैंसी के दौरान करना चाहिए.  इसके अंदर बहुत ज्यादा पोषक तत्व होते हैं. यह प्रेगनेंसी के लिए कितना फायदेमंद होता है. अगर आज उसका प्रयोग प्रेगनेंसी के दौरान लगातार करेंगे तो यह आपके गर्भ में शिशु की त्वचा को काफी मजबूत बनाएगा.
  2. ऐसे ही केसर भी अगर प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती स्त्री प्रयोग करती है, तो यह भी बच्चे की त्वचा को इतना मजबूत बनाता है, कि वह सूरज की पराबैंगनी किरणों के प्रति कम संवेदनशील हो जाती है, और मेलेनिन कम बनता है और त्वचा गोरी नजर आती है.
  3. केसर गर्म प्रकृति का होता है. इसलिए यह एक गिलास दूध में दो से तीन रेशे एक दिन में ही लिए जाते हैं. आप इस बात का विशेष ध्यान रखें, वरना यह बहुत ज्यादा नुकसान दे सकता है. क्योंकि यह अत्यधिक गर्म प्रकृति का है. इसलिए इससे अधिक नहीं है.
  4. ठंडी प्रकृति के फलों का जूस प्रेगनेंसी के दौरान महिला को लगातार लेना चाहिए. ऐसे फलों को खाना भी चाहिए. ताकि फाइबर उचित मात्रा में महिला के शरीर को प्राप्त हो, और कब्ज नहीं हो. इससे सभी पोषक तत्व महिला के शरीर में पचने लगते हैं, और गर्भ शिशु की त्वचा के लिए आवश्यक तत्व प्राप्त होते हैं.
  5. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को ऐसे स्थानों पर रहना चाहिए जो ठंडे रहते हैं और हमेशा ठंडी प्रकृति का भोजन ही खाना चाहिए. लेकिन इस बात का भी विशेष ध्यान रखें, कि आपको सर्दी जुखाम नहीं हो. आप जल्दी-जल्दी सर्दी और गर्मी वाले मौसम में आना जाना नहीं करें. यह भी नुकसानदायक होता है.
  6. प्रेगनेंसी के दौरान आप जितना कम धूप में निकलेंगे उतना ही आपके लिए अच्छा रहता है हालांकि सुबह के नंबर मैं आपको 15 से 20 मिनट धूप में बैठना चाहिए क्योंकि इससे आपके शरीर में विटामिन डी की कमी दूर होगी.

आप इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें आपका घर पर शिशु अवश्य सुंदर और गोरा पैदा होगा उसकी त्वचा में अलग ही चमक होगी जिससे वह आपको सुंदर और गोरा नजर आएगा.

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