दोस्तों हम आपके सामने यहां एक पुत्र प्राप्ति का आसान धार्मिक उपाय लेकर आए हैं जिसका प्रयोग भारतीय सनातन समाज में काफी प्राचीन समय से किया जा रहा है विद्वान इसको करना बताते हैं.
हम सभी जानते हैं कि बेलपत्र का हिंदू धर्म शास्त्र में बहुत महत्व है बेलपत्र को भगवान शिव की निशानी माना जाता है. हमारे प्राचीन ग्रंथों में बेलपत्र को लेकर पुत्र प्राप्ति के नुस्खे दिए गए हैं. आज हम उसी नुस्खे का उपाय पुत्र प्राप्ति के लिए आपको इस POST के माध्यम से बता रहे हैं.
दोस्तों यह एक प्रकार का आयुर्वेदिक उपाय है. लेकिन इसे धार्मिक विधि से ग्रहण करने से इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है. आप इसे एक प्रकार से पुत्र प्राप्ति की दवा मान सकते हैं.
दोस्तों यह एक प्रकार का आयुर्वेदिक उपाय है. लेकिन इसे धार्मिक विधि से ग्रहण करने से इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है. आप इसे एक प्रकार से पुत्र प्राप्ति की दवा मान सकते हैं.
दोस्तों इस उपाय को करने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए दोस्तों यह ध्यान आपको अगर किसी भी प्रकार की आप आयुर्वेदिक मेडिसन ले रहे हैं तो आपको तभी रखना चाहिए.
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आपको कब्ज की शिकायत नहीं होनी चाहिए आपकी पाचन प्रक्रिया दुरुस्त होनी चाहिए.
ताकि आप नुस्खे का प्रयोग करें तो यह सही तरह से आपके शरीर ले जाकर पचे.
जब तक महिला इस नुस्खे का प्रयोग करें उसे सात्विक भोजन ही ग्रहण करना है, अर्थात नॉनवेज भोजन नहीं करना है.
महिला को बहुत तीखा खाना खाने से बचना है नमक मिर्च मसाले का भी सेवन नाममात्र के लिए ही करना है नमक तो आप स्वादानुसार ले सकते हो लेकिन मिर्च मसाला अवॉइड करें.
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अब यह उपाय शास्त्रों से लिया गया है तो इसमें कुछ धार्मिक बंधन भी शामिल है.
यह उपाय लगभग 3 महीने तक आपको करना है तो इस दौरान जितना हो सके आप ब्रह्मचर्य का पालन करें, इससे आपके शरीर की शक्ति संचित रहेगी.
इस दौरान जब तक आप इस नुस्खे का प्रयोग कर रहे हैं. आपको जमीन पर ही बिछौना बिछाकर सोना है.
ऐसा भी कहा जाता है कि इस प्रयोग को जवाब कर रहे हो तो किसी को बताना नहीं चाहिए. इसका कोई वैज्ञानिक तथ्य तो समझ में नहीं आता है वैसे हम आपको बता दें कि हमारा धर्मशास्त्र है वह भी विज्ञान पर ही आधारित है.
इसके पीछे एक ही लॉजिक समझ में आता है कि जब आप इस प्रयोग को करें या ऐसा कोई प्रयोग करें तो उसे ना बताने के पीछे कारण यही हो सकता है कि जो लोग नहीं चाहते कि आपके यहां संतान हो तो उनकी एक नेगेटिव ऊर्जा पैदा होगी जो आपकी ऊर्जा को नुकसान पहुंचाएगी और जो आपकी ऊर्जा आपके शरीर को दुरुस्त करने में लगी है कार्य को ठीक ढंग से नहीं कर पाएगी.
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आपको रोज एक गिलास गाय का दूध भी चाहिए होगा. इसके लिए एक रंग की गाय का दूध मिले तो ज्यादा अच्छा है क्योंकि एक रंग की गाय का दूध ज्यादा ऊर्जावान होता है.
अब आपको उपाय के बारे में बता देते हैं आप बेलपत्र के बीज एकत्र कर लीजिए, आप चाहे तो बाजार से जड़ी बूटी विक्रेता के यहां या पंसारी के यहां से बेलपत्र के बीज खरीद सकते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि बीज ज्यादा पुराने ना हो आप इन बीजों को घर लाकर कूट लीजिए जितना महीन कूट सकते हैं उतना अच्छा है. क्योंकि जितना बारीक चूर्ण होगा उतनी आसानी से शरीर में पच जाएगा पच जाएगा.
इसके पीछे एक ही लॉजिक समझ में आता है कि जब आप इस प्रयोग को करें या ऐसा कोई प्रयोग करें तो उसे ना बताने के पीछे कारण यही हो सकता है कि जो लोग नहीं चाहते कि आपके यहां संतान हो तो उनकी एक नेगेटिव ऊर्जा पैदा होगी जो आपकी ऊर्जा को नुकसान पहुंचाएगी और जो आपकी ऊर्जा आपके शरीर को दुरुस्त करने में लगी है कार्य को ठीक ढंग से नहीं कर पाएगी.
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अब आपको उपाय के बारे में बता देते हैं आप बेलपत्र के बीज एकत्र कर लीजिए, आप चाहे तो बाजार से जड़ी बूटी विक्रेता के यहां या पंसारी के यहां से बेलपत्र के बीज खरीद सकते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि बीज ज्यादा पुराने ना हो आप इन बीजों को घर लाकर कूट लीजिए जितना महीन कूट सकते हैं उतना अच्छा है. क्योंकि जितना बारीक चूर्ण होगा उतनी आसानी से शरीर में पच जाएगा पच जाएगा.
बस आप की औषधि तैयार है आपको सिर्फ आधा चम्मच औषधि या चूर्ण सूरज निकलने से पहले गाय के दूध के साथ लेना है और 4 घंटे तक उसके बाद कुछ नहीं खाना है. ताकि इसका असर शरीर में अच्छे से हो सके. यह आपको पूरे 30 दिन करना है. 30 दिन के बाद आप दोबारा से औषधि बनाइए 30 दिन के लिए और फिर 30 दिन ऐसे ही इसे खाइए यह आपको पूरे 3 माह तक करना है.
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एक छोटी सी बात और जब भी आप इस चूर्ण का सेवन करें उसके बाद कुछ देर शिव का ध्यान अवश्य करें क्योंकि यह दवाई आपको सूरज निकलने से पहले सुबह सभी कार्य से निवृत होने के बाद लेनी है, तो उस वक्त साधना का समय होता है, तो शिव ध्यान भी आवश्यक है.
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आप जिस प्रकार से भी शिव साधना करते हैं, उस प्रकार से साधना कर सकते हैं. अगर आपके पास गुरु द्वारा प्रदत कोई शिव मंत्र है तो उसकी साधना करना अत्यंत श्रेय कर रहता है.
अगर आपके पास किसी भी देवी या देवता का बीज मंत्र गुरु के द्वारा दिया गया है, और आप उसकी आराधना कर रहे हैं तब भी आप मन में संतान प्राप्ति की इच्छा लेकर उसकी साधना कर सकते हैं.
शास्त्रों की मानें तो, अब 3 माह के बाद अगर आप पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखते हैं तो आपको पुत्र प्राप्त होगा.
शास्त्रों की मानें तो, अब 3 माह के बाद अगर आप पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखते हैं तो आपको पुत्र प्राप्त होगा.