पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सा व्रत करना चाहिए

 पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सा व्रत करना चाहिए, कौन सा व्रत करना श्रेष्ठ रहता है. यह हर एक दंपत्ति के लिए अलग अलग हो सकता है. अलग-अलग दंपत्ति की श्रद्धा अलग-अलग प्रकार से होती है.

कोई शिवभक्त होता है. कोई कृष्ण भक्ति में लीन रहता है. मध्य भारत में श्री गणेश की मान्यता बहुत अधिक है.
इसलिए कई प्रकार के व्रत संतान प्राप्ति से संबंधित बताए जाते हैं.



पुत्र प्राप्ति से संबंधित कुछ व्रत इस प्रकार से है जो आपकी मनोवांछित मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं. केवल पुत्र प्राप्ति के लिए ही नहीं अपितु संतान प्राप्ति के लिए भी इन उपायों का प्रयोग किया जा सकता है.

पुत्र प्राप्ति के घरेलू उपाय इत्यादि के नजरिए से यह व्रत काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं.

पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सा व्रत करना चाहिए

पुत्रदा एकादशी व्रत

जब आप धार्मिक नजरिए से पुत्र प्राप्ति के उपाय अपना रहे हैं, तो आपको उससे पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना काफी आवश्यक होता है. आपको अपने भोजन में सात्विक भोजन ग्रहण करना शुरू कर देना चाहिए. मांस, मदिरा और नशीली वस्तुओं का प्रयोग बिल्कुल छोड़ दें.

साथ ही साथ आप तामसिक प्रकार के भोजन भी नहीं लें. आपका मन और तन दोनों निर्मल होने चाहिए. आपकी श्रद्धा ईश्वर, और धर्म के प्रति प्रगाढ़ होने अत्यधिक आवश्यक है.

पौष महा में आने वाली शुक्ल पक्ष एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है.  भगवान विष्णु की उपासना इस दिन की जाती है.  संतान प्राप्ति के लिए या पुत्र प्राप्ति के लिए इस व्रत का प्रयोग सर्वोत्तम माना गया है.

भारत में विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार से एक ही प्रकार के व्रत को करने की विधियां प्रचलित है. आप अपने आसपास किसी भी ज्ञानी ब्राह्मण से पुत्रदा एकादशी के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, और इसके करने की विधि भी बड़ी आसानी से आपको घर की बड़ी महिलाओं से या ब्राह्मण से पता चल जाएगी जो आपके क्षेत्र में प्रचलित है.

इस व्रत में प्रातः काल पति-पत्नी संयुक्त को रूप से भगवान श्री हरि की उपासना करें.
पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत श्रीहरि को अर्पित करें.
गाय के दूध की खीर श्रीहरि को अर्पित करें.

एकादशी के दिन सुबह उठकर नित्य कर्म से निवृत्त हो जाएं और व्रत का संकल्प लें अपने अनुसार विधि विधान से भगवान की पूजा करें. उन्हें दीपदान अर्पित करें अर्थात दीपक जलाएं.

भगवान श्री हरि से जाने अनजाने में अपने द्वारा किए गए पापों की क्षमा मांगे और उनसे पुत्र या संतान प्राप्ति की मनोकामना रखें.

रात्रि समय में श्री हरि के किसी भी स्तोत्र का पाठ करें अर्थात जागरण करें. आप एक से ज्यादा पाठ भी कर सकते हैं. भजन कर सकते हैं.

 कई जगह यह भी मान्यता है कि अगर श्री हरि के लड्डू गोपाल स्वरूप की पूजा पुत्रदा एकादशी के दिन की जाए तो वह पुत्र प्राप्ति के लिए बहुत उत्तम रहता है.

पुत्रदा एकादशी के दिन आपको सुबह के समय पीपल पर जल चढ़ाना चाहिए और जल अर्पित करना चाहिए. साथ ही साथ सभी देवी देवताओं से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करनी चाहिए. क्योंकि पीपल में सभी देवी देवताओं का वास होता है.



पुत्र या संतान प्राप्ति के लिए लड्डू गोपाल जी का व्रत

पुत्र प्राप्ति के लिए लड्डू गोपाल व्रत पुत्र या संतान प्राप्ति के लिए लड्डू गोपाल जी का व्रत भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल जी का व्रत कृष्ण जन्माष्टमी के दिन विधि विधान से किया जाए, तो यह बांझ स्त्रियों के लिए संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण करने में समर्थ है.

 वही अगर आपके यहां पुत्र संतान नहीं है तो आप लड्डू गोपाल जी का व्रत करके उन से पुत्र प्राप्ति की प्रार्थना कर सकते हैं.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में बुध और गुरु ग्रह कमजोर या खराब होते हैं, उन्हें संतान प्राप्ति में दिक्कतें आती हैं. पति-पत्नी को कृष्ण जन्माष्टमी के दिन तुलसी की माला से 'संतान गोपाल मंत्र' का 108 बार जप करना चाहिए.

संतान प्राप्ति के लिए महिलाएं गोपाल जी के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल जी को अपने यहां प्रतिष्ठित कर सकती हैं. और उनका लालन-पालन एक बच्चे के समान करें. इससे आपकी संतान प्राप्ति की मनोकामना अवश्य पूर्ण हो जाएगी.


संतान प्राप्ति के लिए शिव जी का व्रत

सावन के महीने में आने वाले सोमवार के दिन दंपत्ति को भगवान शिव जी के लिए व्रत रखना चाहिए. इस दिन सावन के सोमवार में दूध में चंदन मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें और शिवलिंग के सामने बैठकर “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप भी करना चाहिए.

अगर आप शिव जी के और किसी मंत्र का जाप करते हैं तो आप उस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं.
अगर आप सावन के पूरे महीने एक समय भोजन करें और सात्विक भोजन करें तो यह और भी अधिक लाभदायक रहता है.

अगर आप सावन के सोमवार में 9 वर्ष से छोटी कन्याओं को भोजन कराते हैं तो यह आपके लिए और अधिक फलदायक और शुभ दायक रहेगाआपकी मनोकामना और दिव्यता से पूर्ण होगी.

आप अपनी क्षमता के अनुसार 7 कन्याओं को भोजन करा सकते हैं, 9 कन्याओं को भोजन करा सकते हैं, 11 कन्याओं को भोजन करा सकते हैं. आप चाहे तो 21 कन्याओं को भी भोजन करा सकते हैं.

इस पूरे महीने आपके मन की शुद्धता बनी रहनी चाहिए. आप में नैतिकता होनी चाहिए. दूसरों के प्रति प्रेम आपके मन में होना अत्यधिक आवश्यक है.  द्वेष, ईर्ष्या इत्यादि भावनाओं से ऊपर उठे. सदैव ईश्वर के प्रति कृतज्ञता का भाव आपके अंदर होना चाहिए. 

सात्विक भोजन करें और ईश्वर के प्रति, भगवान शिव के प्रति अगाध विश्वास आपकी मनोकामना को पूर्ण करने में आपकी मदद करेगा.

निष्कर्ष

केवल पुत्र प्राप्ति के लिए ही नहीं अपितु संतान प्राप्ति के लिए भी यह उपाय किए जा सकते हैं.  यह पुत्र प्राप्ति के उपाय के रूप में अवश्य प्रचलित है.

 लेकिन जिन महिलाओं को संतान की प्राप्ति नहीं हुई है वह भी इन उपायों को कर सकती हैं. पुत्र प्राप्ति के घरेलू उपाय के रूप में यह काफी सिद्ध उपाय हैं.

जिन महिलाओं के साथ मेडिकल कंडीशन है. जिसकी वजह से संतान प्राप्ति में समस्या उत्पन्न हो रही है. उन्हें डॉक्टर ट्रीटमेंट और इलाज के साथ-साथ इन उपायों को करने से अत्यधिक लाभ की प्राप्ति होगी. क्योंकि जब तक आपका शरीर मां बनने के लिए लायक नहीं होगा तब तक कोई भी उपाय सफल नहीं है.

आप पुत्र प्राप्ति के घरेलू उपाय के रूप में, संतान प्राप्ति के घरेलू उपाय के रूप में इन उपायों को अपना सकती हैं.




आपके प्रश्न

Q. लड़का पैदा करने की टेबलेट बताएं?

ANS: अभी तक मार्केट में ऐसी कोई भी सर्टिफाइड टेबलेट उपलब्ध नहीं है. जिसे आप लड़का पैदा करने की टेबलेट कह सकते हैं.
सामाजिक दृष्टिकोण से पुरुष और स्त्रियों की संख्या का संतुलन बना रहना चाहिए. एक पुरुष पर एक स्त्री होना समाज के दृष्टिकोण से अत्यधिक आवश्यक है.

इसलिए इस प्रकार की टेबलेट अगर किसी भी वैज्ञानिक द्वारा या कंपनी के द्वारा बना ली जाती है तो उसे मार्केट में बेचने की इजाजत कोई भी सरकार नहीं देगी. वर्तमान समय में यह कानूनन जुर्म है. अगर कोई आपको लड़का होने की टेबलेट कहकर कोई दवाई बेचता है, तो यह सरासर धोखा है.

अगर आपका प्रश्न है लड़का पैदा करने की टेबलेट बताए, तो यह निरर्थक प्रश्न है. ऐसी कोई टेबलेट ना उपलब्ध है. ना भविष्य में उपलब्ध होने की संभावना है.

Q. गर्भ में पुत्र या पुत्री के उपाय क्या है?

ANS: सामाजिक दृष्टिकोण से गर्भ में पुत्र या पुत्री होने के बहुत सारे उपाय बताए जाते हैं.  जिनमें आयुर्वेदिक उपाय और काफी सारे टोटके भी शामिल है, लेकिन मंत्र शक्ति के द्वारा और व्रत के द्वारा किए गए उपाय काफी सटीक और तर्क सम्मत नजर आते हैं.

भगवान शिव के मंत्र और व्रत, भगवान नारायण की मंत्र और व्रत काफी ज्यादा प्रयोग में लाए जाते हैं. इनका प्रयोग पुत्री या पुत्र प्राप्ति के उपाय के रूप में कर सकते हैं.


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