गर्भ में पुत्र प्राप्ति का उपाय - गाय का दूध | Putra Prapti ka Ayurvedic Tarika
नमस्कार दोस्तों गाय के दूध से पुत्र प्राप्ति का तरीका.
दोस्तों वैसे तो पुत्र और पुत्री में कोई भी अंतर नहीं होता है माना जाता है कि पुत्र बुढ़ापे में जाकर सहारा बनता है लेकिन आजकल तो यह देखने में आ रहा है कि एक बार को पुत्री तो सहारा बन जाती है लेकिन पुत्र सहारा बनने में कभी-कभी असमर्थ हो जाता है क्योंकि उसे अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए बाहर रहना पड़ता है और ऐसे में अधिकतर पुत्री ही मां-बाप का सहारा होती है,
पुत्र पुत्री दोनों ही समान है जिन दंपत्ति के घर में पुत्रियां हैं उनकी इच्छा होती है कि उनके भी एक पुत्र हो तो उनके लिए हम यह POST बना रहे हैं.
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दोस्तो हमारे आयुर्वेद में कहा गया है कि अगर आप संतान प्राप्ति की के विषय में सोच रहे हैं तो आपको कम से कम कुछ महीने पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए जिससे कि आपकी आने वाली संतान जिस से आने वाली संतान स्वस्थ हो गुणवान हो.
अगर आप के यहां पुत्री संतान पहले से ही है और एक पुत्र प्राप्त करना चाह रहे हैं तो आप यह उपाय कर सकते हैं इसके लिए भी आपको कुछ महीने पहले से ही तैयारी शुरू करनी होगी.
यह उपाय महिलाओं के लिए है यह बहुत ही साधारण सा उपाय है इसमें आपको कुछ नहीं करना है बस आप को गाय का दूध पीना बस थोड़ी सी जो सावधानी हम बता रहे हैं वह रखिए.
दंपत्ति जब बच्चा चाहे तो महिलाओं को उससे लगभग 3 माह पहले से गाय का दूध पीना शुरू करना है, इसमें कुछ सावधानियां रखनी है जैसे कि --
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आपको जिस भी गाय का दूध पीना है वह गाय देसी गाय होनी चाहिए.
आपने जिस गाय का दूध पीना है उस गाय ने बछड़ा जन्म दिया हो अर्थात पुत्र जन्म दिया आपको उसी गाय का दूध पीना है.
आपको गाय का दूध कम से कम प्रेगनेंसी के 3 महीने बाद तक तो पीना ही है अर्थात 3 महीने
की प्रेगनेंसी तक आप को दूध पीना है, अगर आगे भी आप को दूध अवेलेबल होता है तो आप पीना ना छोड़े, संभव हो तो 9 महीने तक ही पिए.
ऐसा करने से निश्चित ही आपको संतान के रूप में पुत्र की प्राप्ति होगी.
महिला जिस दिन से दूध पीना शुरू करें उस दिन से आपको मांस मदिरा नॉनवेज इत्यादि का सेवन बिलकुल भी नहीं करना है संभव हो सके तो पूरी प्रेगनेंसी इसके सेवन से बचें. महिला को चटपटा तीखा और खट्टा खाने से भी बचना है.
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लगभग 3 महीने पहले से ही पुरुष को भी अपने भोजन में ऐसी चीजें शामिल करनी है जो पुरुष के स्पर्म को स्ट्रांग बनाती हैं ताकत देती हैं उनके संख्या को बढ़ाती है.
पुरुषों को भी अपने भोजन में तीखा खट्टा चटपटा मांस मदिरा नॉनवेज इत्यादि का सेवन बिलकुल भी नहीं करना है पुरुषों को अपने भोजन में इस दौरान दूध और दूध से बनी चीजें जैसे कि पनीर, मक्खन, घी, मावा आदि से बने भोज्य पदार्थ थोड़ा अधिक मात्रा में ग्रहण करने चाहिए और साथ ही साथ योगा में भी अपना समय व्यतीत करना चाहिए.
दोस्तों वैसे तो पुत्र और पुत्री में कोई भी अंतर नहीं होता है माना जाता है कि पुत्र बुढ़ापे में जाकर सहारा बनता है लेकिन आजकल तो यह देखने में आ रहा है कि एक बार को पुत्री तो सहारा बन जाती है लेकिन पुत्र सहारा बनने में कभी-कभी असमर्थ हो जाता है क्योंकि उसे अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए बाहर रहना पड़ता है और ऐसे में अधिकतर पुत्री ही मां-बाप का सहारा होती है,
पुत्र पुत्री दोनों ही समान है जिन दंपत्ति के घर में पुत्रियां हैं उनकी इच्छा होती है कि उनके भी एक पुत्र हो तो उनके लिए हम यह POST बना रहे हैं.
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अगर आप के यहां पुत्री संतान पहले से ही है और एक पुत्र प्राप्त करना चाह रहे हैं तो आप यह उपाय कर सकते हैं इसके लिए भी आपको कुछ महीने पहले से ही तैयारी शुरू करनी होगी.
यह उपाय महिलाओं के लिए है यह बहुत ही साधारण सा उपाय है इसमें आपको कुछ नहीं करना है बस आप को गाय का दूध पीना बस थोड़ी सी जो सावधानी हम बता रहे हैं वह रखिए.
दंपत्ति जब बच्चा चाहे तो महिलाओं को उससे लगभग 3 माह पहले से गाय का दूध पीना शुरू करना है, इसमें कुछ सावधानियां रखनी है जैसे कि --
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आपको गाय का दूध कम से कम प्रेगनेंसी के 3 महीने बाद तक तो पीना ही है अर्थात 3 महीने
की प्रेगनेंसी तक आप को दूध पीना है, अगर आगे भी आप को दूध अवेलेबल होता है तो आप पीना ना छोड़े, संभव हो तो 9 महीने तक ही पिए.
ऐसा करने से निश्चित ही आपको संतान के रूप में पुत्र की प्राप्ति होगी.
महिला जिस दिन से दूध पीना शुरू करें उस दिन से आपको मांस मदिरा नॉनवेज इत्यादि का सेवन बिलकुल भी नहीं करना है संभव हो सके तो पूरी प्रेगनेंसी इसके सेवन से बचें. महिला को चटपटा तीखा और खट्टा खाने से भी बचना है.
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लगभग 3 महीने पहले से ही पुरुष को भी अपने भोजन में ऐसी चीजें शामिल करनी है जो पुरुष के स्पर्म को स्ट्रांग बनाती हैं ताकत देती हैं उनके संख्या को बढ़ाती है.
पुरुषों को भी अपने भोजन में तीखा खट्टा चटपटा मांस मदिरा नॉनवेज इत्यादि का सेवन बिलकुल भी नहीं करना है पुरुषों को अपने भोजन में इस दौरान दूध और दूध से बनी चीजें जैसे कि पनीर, मक्खन, घी, मावा आदि से बने भोज्य पदार्थ थोड़ा अधिक मात्रा में ग्रहण करने चाहिए और साथ ही साथ योगा में भी अपना समय व्यतीत करना चाहिए.
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