पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता है – घर पर स्पर्म काउंट कैसे करें

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किसी भी दंपत्ति के यहां संतान होने के लिए स्त्री और पुरुष दोनों का प्रजनन तंत्र स्वस्थ होना चाहिए. संतान के लिए जितनी जिम्मेदारी एक स्त्री की होती है, उतनी ही जिम्मेदारी एक पुरुष की भी होती है.

माता-पिता दोनों का 50 बराबर योगदान रहता है. आज हम बात कर रहे हैं, पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता है. 

अगर दंपत्ति के यहां संतान नहीं हो रही है, तो यह पुरुष के स्पर्म की क्वालिटी और क्वांटिटी में कमी के कारण भी समस्या हो सकती है.

Table of Contents

स्पर्म क्या है- Sperm meaning in Hindi 

स्पर्म पुरुष की प्रजनन कोशिकाएं हैं. जिनका निर्माण पुरुष के शरीर में होता है. पुरुष के अंडकोष में स्पर्म का निर्माण होता है. यह पुरुष के रीप्रोडक्टिव सिस्टम का एक हिस्सा है, जो महिला के अंडे के साथ मिलन कर प्रेगनेंसी को आगे बढ़ाने का कार्य करते हैं.

पुरुष के शरीर में बनने वाले प्रत्येक स्पर्म का एक ही उद्देश्य होता है, कि वह महिला अंडाणु के साथ मिलन करें.

पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता है – घर पर स्पर्म काउंट कैसे करें

स्पर्म का उत्पादन कैसे होता है?

पुरुष के अंडकोष में छोटी नलियों की एक प्रणाली होती है.  इन ट्यूबों, जिन्हें सेमिनिफेरस नलिकाएं कहते हैं. इनके अंदर जर्म कोशिकाएं होती हैं जो  पुरुष सेक्स हार्मोन (टेस्टोस्टेरोन) के साथ मिलकर स्पर्म में बदल जाती है.

जर्म कोशिकाएं तब तक विभाजित और बदलती रहती हैं जब तक कि वे एक सिर और छोटी पूंछ वाले टैडपोल के समान नहीं हो जाते. इसे ही स्पर्म कहा जाता है.

स्पर्म बनने में कितना समय लगता है

एक स्पर्म के निर्माण में 2.5 महीने तक लगते हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बात करें तो 72 दिन का समय लगता है. 72 दिन का समय बिल्कुल भी फिक्स नहीं होता है. यह पुरुष की अपनी शारीरिक क्षमताओं पर भी निर्भर करता है. 72 दिन से कम दिन भी लग सकते हैं और अधिक दिन भी लग सकते हैं.

यह 1 लंबी चलने वाली प्रक्रिया है. इसमें बहुत अधिक ताकत और रिसोर्सेज की आवश्यकता होती है. इसलिए इसे शरीर का एक कीमती तरल कहा जाता है. एक स्वस्थ व्यक्ति का शरीर प्रति सेकंड 1500 स्पर्म तैयार कर सकता है. हालांकि एक स्पर्म को डेवलप होने में औसतन 72 दिन का समय लगेगा.

1 दिन में कितना स्पर्म बनता है

किसी भी पुरुष के शरीर में स्पर्म के बनने की प्रक्रिया लगातार चलने वाली प्रक्रिया है . स्पर्म 1 दिन में कितना स्पर्म बनता है, यह व्यक्ति की सेहत पर निर्भर करता है. 1 दिन में कितना स्पर्म बनता है, यह व्यक्ति के भोजन पर भी निर्भर करता है.

1 दिन में कितना स्पर्म बनता है, यह बिल्कुल भी निश्चित नहीं होता है. अगर पुरुष के शरीर में स्पर्म की मात्रा पहले से ही ठीक है, तो यह आवश्यक नहीं कि स्पर्म मैक्सिमम क्वालिटी में ही बने. कम भी बन सकता है. एक पुरुष के शरीर में 1 दिन में औसतन 5 ग्राम तक स्पर्म बन जाता है और एक बार में एक पुरुष 15 gm स्पर्म को उत्सर्जित करता है.

स्पर्म किस उम्र से बनना शुरू होता है

पुरुषों के शरीर में स्पर्म का निर्माण 11 वर्ष से लेकर 13 वर्ष की उम्र से ही शुरू हो जाता है. 17 से 18 वर्ष की उम्र आते-आते इसके निर्माण की प्रक्रिया काफी तेज हो जाती है.

18 वर्ष की उम्र पार करते करते पुरुष के शरीर में स्पर्म की क्वांटिटी पर्याप्त हो जाती है और वह आसानी से संतान प्राप्ति में सक्षम हो जाता है.

हालांकि 18 वर्ष से कम उम्र में भी वह संतान प्राप्ति कर सकता है, लेकिन उस वक्त स्पर्म काउंट कम रहता है. कम स्पर्म काउंट के जो भी डिसएडवांटेज हैं, वह उस वक्त रहते हैं.

पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए

किसी भी पुरुष के शरीर में स्पर्म का निर्माण लगातार चलता रहता है. अगर पुरुष के शरीर में स्पर्म काउंट बढ़ जाता है, तो पुरुष के ऊपर उसका दबाव भी महसूस होता है.

एक स्वस्थ पुरुष अपने शरीर में एक बार में 8 बिलियन स्पर्म स्टोर करके रख सकता है. अगर पुरुष के शरीर में स्पर्म अधिक समय तक स्टोर रह जाते हैं तो फिर स्पर्म डेड होने लगते हैं, अर्थात मरने लगते हैं. उससे भी स्पर्म की क्वालिटी खराब होने लगती है.

स्पर्म का उत्सर्जन और उसका बनना दोनों के बीच में सामंजस्य स्थापित होना चाहिए.  तभी स्पर्म की क्वालिटी और क्वांटिटी सही रहती है.

एक आदमी को एक हफ्ते में कितनी बार स्पर्म रिलीज करना चाहिए?

सप्ताह में तीन बार से कम या अधिक बार स्खलन करना पूरी तरह से स्वस्थ है. पुरुषों के लिए औसत स्खलन आवृत्ति सप्ताह में दो से सात बार होती है, जो एक बहुत बड़ा अंतर है. औसतन 1 हफ्ते में तीन बार स्खलन को सामान्य माना जाता है. इससे स्पर्म की क्वालिटी और क्वांटिटी ठीक रहती है.

घर पर स्पर्म काउंट कैसे करें

अगर आपका प्रश्न है, शुक्राणु की जांच घर पर कैसे करे, तो हम आपको बता दें घर पर स्पर्म काउंट करना आसान नहीं होता है. कोई भी ऐसा घरेलू तरीका या आयुर्वेदिक तरीका नहीं है, जिसके माध्यम से आप स्पर्म काउंट कर सकें.

लेकिन आजकल आपको ऑनलाइन ऐसे किट प्राप्त हो जाती हैं, जो घर पर ही आपको स्पर्म काउंट करने की सुविधा प्रदान करती हैं.

जिस प्रकार से महिला अपनी प्रेगनेंसी किट के माध्यम से प्रेगनेंसी चेक करती है, और ओवुलेशन किट के माध्यम से अपना ओवुलेशन ज्ञात करती है. उसी प्रकार से पुरुष भी अपनी फर्टिलिटी अर्थात स्पर्म काउंट, स्पर्म काउंट किट के माध्यम से कर सकते हैं. शुक्राणु की जांच घर पर करने का यही एक मात्र तरीका है.

पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता है -1 दिन में कितना स्पर्म बनता है

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पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता है

यह प्रश्न लगभग हर एक पुरुष का होता है कि पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता है. जब पुरुष सीमन को रिलीज करता है, तो उसके सीमन में लगभग 100 मिलियन तक स्पर्म होते हैं, और इतने स्पर्म किसी भी महिला को गर्भवती करने के लिए पर्याप्त माने जाते हैं. यह एक अच्छी मात्रा है.

पुरुष के सीमन में अगर 40 मिलियन तक स्पर्म होता है, तो वह भी प्रेगनेंसी के लिए पर्याप्त माने जाते हैं.  40 मिलियन से कम स्पर्म को लो स्पर्म काउंट मान लिया जाता है. प्रेगनेंसी के लिए पुरुष के सीमन में प्रति मिलीलीटर कम से कम 15 मिलियन स्पर्म होने चाहिए.

क्या लो स्पर्म काउंट की वजह से प्रेगनेंसी नहीं होती

प्रेगनेंसी के लिए मात्र एक ही स्पर्म की आवश्यकता होती है लेकिन पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता है. इस विषय में भी हम जानते हैं.  1 मिलीलीटर सीमन के अंदर 15 मिलीयन स्पर्म से कम स्पर्म होते हैं, तो प्रेगनेंसी में समस्या का सामना करना पड़ता है. इस अवस्था को लो स्पर्म काउंट कहा जाता है.

ऐसे में प्रेगनेंसी नहीं होती है, या प्रेगनेंसी होने में समस्या आती है. कई मामलों में प्रेगनेंसी हो भी जाती है, लेकिन बहुत मुश्किल से ही प्रेगनेंसी होती है.

किसी भी स्पर्म के लिए महिला के शरीर में काफी नेगेटिव एनवायरमेंट होता है. वहां इन्हें बाहरी समझकर मारने का प्रयास किया जाता है. क्योंकि महिला का इम्यून सिस्टम किसी भी बाहरी चीज को शरीर में प्रवेश नहीं करने देता है.

इसी वजह से फैलोपियन ट्यूब तक पहुंचते-पहुंचते लाखों की संख्या में स्पर्म मार दिए जाते हैं. और बहुत मुश्किल से कुछ ही स्पर्म आगे बढ़ पाते हैं. इसलिए इनकी संख्या का इतना ज्यादा होना बहुत आवश्यक है.

अगर महिला के शरीर में यह व्यवस्था नहीं होगी तो फिर महिला को अक्सर इंफेक्शन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. यह सुरक्षा महिला के शरीर की सुरक्षा से संबंधित है. इसलिए काफी अधिक स्पर्म की आवश्यकता प्रेगनेंसी के लिए होती है.

कमजोर स्पर्म की क्वांटिटी अधिक हो तो क्या प्रेगनेंसी हो सकती है

अगर स्पर्म की क्वांटिटी बिल्कुल सही है पुरुष के सीमन में भरपूर मात्रा में स्पर्म उपस्थित है, और स्पर्म की क्वालिटी कमजोर है खराब है.

अर्थात स्पर्म की जीवन शक्ति कमजोर है. वह अधिक विषम वातावरण में अपने आप को जीवित नहीं रख सकते हैं.  वह महिला के शरीर में पहुंचते ही महिला के इम्यून सिस्टम द्वारा समाप्त कर दिए जाएंगे.

फैलोपियन ट्यूब तक प्रेगनेंसी के लिए एक भी स्पर्म नहीं पहुंच पाएगा.  इसलिए स्पर्म की क्वांटिटी के साथ-साथ उनकी जीवन शक्ति भी मजबूत होनी चाहिए, अर्थात क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए.

Ladka पैदा करने के लिए स्पर्म काउंट कितना होना चाहिए

Ladka पैदा करने के लिए कितना स्पर्म होना चाहिए. इसका कोई मायने नहीं होता है. पुरुष को एक मिनिमम क्वांटिटी में स्पर्म चाहिए होता है. अगर आप लड़का पैदा करने की संभावना को बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए आपके स्पर्म की  क्वालिटी की तरफ ध्यान देना चाहिए. अगर आपके स्पर्म की जीवन शक्ति जितनी मजबूत होगी. आपकी इच्छा जितनी आसानी से पूरी हो सकती है.

प्रेगनेंसी के लिए रेगुलर सहवास क्यों जरूरी

प्रेगनेंसी के लिए रेगुलर सहवास का अर्थ यह बिल्कुल भी नहीं है, कि आप और रोजाना रिलेशन में रहे. यह बिल्कुल भी आवश्यक नहीं है. आप हफ्ते में 3 दिन अर्थात 1 दिन छोड़कर रिलेशन में रह सकते हैं. इससे पुरुष के स्पर्म की के उत्सर्जन और स्पर्म के फॉरमेशन में एक कंटिन्यूटी बनी रहेगी.

अगर पुरुष काफी लंबे समय के बाद संतान प्राप्ति के उद्देश्य से महिला के करीब आता है, तो उस अवस्था में पुरुष का स्पर्म काफी इकट्ठा हो जाता है. यह एक अच्छी बात है. इसमें एक समस्या यह भी आती है, कि अधिक पुराना स्पर्म धीरे-धीरे डेड होने लगता है, और वह भी साथ में बाहर आता है.

ऐसे में स्पर्म की क्वालिटी को खराब माना जाता है, और उसकी क्वांटिटी भी कम हो जाती है. क्योंकि डेड हो चुके काफी स्पर्म होते हैं. इसलिए रेगुलर संबंध में रहना आवश्यक है.

स्पर्म काउंट कम होने के कारण

स्पर्म काउंट किसी शारीरिक समस्या या अनियमित लाइफस्टाइल की वजह से हो जाता है. स्पर्म के फॉरमेशन में काफी ज्यादा एनर्जी की आवश्यकता होती है. इसलिए शरीर का स्वस्थ होना अत्यधिक आवश्यक है, और भोजन की गुणवत्ता भी जरूरी होती है. कई बार हारमोंस डिसबैलेंस हो जाने की वजह से भी स्पर्म काउंट कम हो जाता है.

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का महत्वपूर्ण रोल स्पर्म के बनने में होता है अगर इस हार्मोन की कमी पुरुष के शरीर में हो जाती है तो स्पर्म की क्वालिटी और क्वांटिटी में कमी आ जाती है यह पुरुष सेक्स हारमोंस भी कहलाता है.

अगर पुरुष का लाइफस्टाइल बहुत ज्यादा अनियमित है. डिनर, लंच और नाश्ते का समय बिल्कुल भी निश्चित नहीं है.  साथ ही साथ व्यक्ति बहुत ज्यादा फास्ट फूड पर निर्भर है. अगर पुरुष बहुत ज्यादा टाइट कपड़े पहनता है, और नींद भरपूर नहीं लेता है, थका थका रहता है, तब भी इस प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता है.
कुछ और भी सामान्य कारण है जिनकी वजह से स्पर्म काउंट कम या क्वालिटी कमजोर रह जाती है.

  • अगर पुरुष के अंडकोष की नसों में  सूजन आ जाती है तो स्पर्म की संख्या में कमी आ जाती है.
  • कई बार संक्रमण की वजह से भी अर्थात योग संचारित रोगों की वजह से स्पर्म की कमी पुरुष के शरीर में हो जाती है.
  • अगर पुरुष की प्रतिरक्षा तंत्र प्रणाली कमजोर है, तब भी स्पर्म काउंट कम हो जाता है.
  • अंडकोष में अगर ट्यूमर की समस्या नजर आ रही है इस अवस्था में भी स्पर्म की संख्या में कमी आ जाती है.
  • प्रजनन तंत्र में किसी एक्सीडेंट की वजह से चोट लगने के कारण भी यह समस्या नजर आती है.
  • अगर पुरुष बहुत ज्यादा हस्तमैथुन या सहवास में लिप्त रहता है, बहुत अधिक इस स्खलन होता है, तब भी स्पर्म काउंट कम हो जाता है.
  • शरीर में जिंक की कमी के कारण भी स्पर्म काउंट कम रहता है.
  • शीघ्रपतन की समस्या यह भी एक वजह है जिसकी वजह से स्पर्म काउंट लो रहता है
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स्पर्म बढ़ाने के घरेलू उपाय

स्पर्म बनने की प्रक्रिया पुरुष के शरीर में लगातार चलती रहती है. ऐसे में पुरुष को अपनी लाइफ स्टाइल को संयमित करने की आवश्यकता होती है. लाइफस्टाइल संयमित होने से स्पर्म क्वांटिटी और क्वालिटी में जबरदस्त फर्क नजर आता है.

अगर स्पर्म काउंट किसी बीमारी की वजह से कम हो गया है, तो उस अवस्था में उस बीमारी का इलाज करके स्पर्म काउंट को बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए आपको किसी आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर से संपर्क करना होगा.

अगर आपकी लाइफ स्टाइल की वजह से यह समस्या है तो फिर आपको अपनी लाइफ स्टाइल में कुछ परिवर्तन करने होंगे साथ ही साथ घरेलू उपाय अपनाने होंगे तो आपकी यह समस्या आसानी से ठीक हो सकती है.

स्पर्म काउंट को दोबारा से सही करने के लिए और स्पर्म क्वालिटी को अच्छा करने के लिए आपको कुछ काम आज से ही शुरु कर देने हैं.

TIP: आप कुछ देर बैठे और मनन करें आपकी लाइफ स्टाइल में ऐसे कौन से कार्य हैं, जो बिल्कुल यूजलेस है. जिनके बिना आपके जीवन में कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा. तत्काल प्रभाव से ऐसे कार्यों को करना बिल्कुल बंद कर दें. प्रत्येक व्यक्ति अपनी मानसिक संतुष्टि के लिए बहुत सारे यूज़ लेस कार्यों को अपने जीवन में संपन्न करता रहता है उन कार्यों को छोड़ देंगे तो आपके पास काफी समय अवश्य बचेगा. उस समय का यूटिलाइज आप अपनी इस समस्या को दूर करने के लिए करें.
  • लाइफ में सबसे पहले आप तनाव लेना छोड़ दें. यह सबसे ज्यादा जरूरी है. यह सबसे ज्यादा एनर्जी आपके शरीर से कंज्यूम करता है.
  • आप समय से सोए, समय से जागे, समय से नाश्ता करें, और समय से ही लंच और डिनर भी लें.  रोजाना एक ही समय पर यह सब काम आपको करने हैं.
  • ढीले ढाले वस्त्र पहनना शुरू कर दें.
  • सुबह और शाम रोजाना योगा और टहलने के लिए समय दें.
  • भोजन की पौष्टिकता पर विशेष ध्यान दें. बासी भोजन, ठंडा भोजन और फास्ट फूड साथ ही साथ तला भुना चाट पकौड़ी खाने से परहेज करें. तीखा और मसालेदार भोजन भी आपके लिए बहुत नुकसानदायक है.
  • आपको मैदा से बने खाद्य पदार्थ नहीं खाने हैं. साथ ही साथ आपको प्रोसेस्ड फूड भी नहीं खाने हैं. प्रोसैस्ड फूड से मतलब है जैसे कि बिस्किट, ब्रेड या मार्केट में मिलने वाले बने बनाए भोज्य पदार्थ जो पैकेट्स में आते हैं. उन्हें नहीं खाना है.
  • गुस्सा करना छोड़ दे और कम से कम 8 घंटे की नींद रोजाना ले.
  • बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, गुटका, ड्रग्स और शराब इनमें से किसी का भी सेवन अगर आप करते हैं, तो उसे छोड़ना होगा.
  • भरपूर मात्रा में पानी पिए.
  • अगर आपको कब्ज की समस्या है तो कब्ज की समस्या को तुरंत दूर करआइए, वरना कोई भी उपाय कार्य नहीं करेगा.
  • लैपटॉप को जांघ पर रखकर काम न करें.
  • अत्यधिक ल्यूब्रिकेन्ट का प्रयोग न करे. इससे शुक्राणु मर सकते हैं.
  • सोया मिल्क का सेवन न करें, क्योंकि ये शुक्राणुओं को नुक़सान पहुंचाते हैं.
  • मोबाइल को हमेशा अपनी पैंट के पॉकेट में न रखें.

 

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स्पर्म काउंट बढ़ाने की दवा – आयुर्वेदिक उपाय

आयुर्वेदिक उपाय मुख्यतह जड़ी बूटियों और घर में पाए जाने वाले मसालों के द्वारा संपन्न किए जाते हैं. अगर आप अपनी इस समस्या में अगर घरेलू उपायों के साथ साथ आयुर्वेदिक उपाय अपनाना चाह रहे हैं, तो सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप किसी आयुर्वेदाचार्य डॉ से अवश्य संपर्क करें. स्पर्म काउंट की दवा डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद लेना ही उचित रहता है.

आयुर्वेद के अंदर इस प्रकार की समस्या से निजात पाने के बहुत अच्छे-अच्छे उपाय हैं, जड़ी बूटियां है. किसी भी जड़ी-बूटी को एक निश्चित अनुपात में ही मिलाकर किसी समस्या को दूर करने के लिए औषधि तैयार की जाती है. जिसकी जानकारी एक आयुर्वेदाचार्य को ही सबसे अच्छी होती है. कई बार आपकी समस्या के कारण की वजह से जड़ी बूटियां अलग-अलग हो सकती हैं. इस बात का ज्ञान आपसे कंसल्ट करने के बाद एक आयुर्वेदाचार्य को हो जाता है.

स्पर्म काउंट कम होना एक बेहद सामान्य समस्या है. यह आपके लाइफस्टाइल और आपके भोजन की गुणवत्ता की कमी की वजह से सामने आती है. जिसे बड़ी ही आसानी से सुलझाया जा सकता है.

  • आपको रोजाना आधा चम्मच जायफल पानी के साथ लेना है. यह स्पर्म काउंट को बढ़ाता है.
  • शाम को 4 से 5 बादाम पानी में भिगोकर रख दे. सुबह उन्हें महीन पीस लें और एक गिलास दूध में डालकर उबाल लें. उसके बाद उसमें एक चम्मच देसी घी व मिश्री डालकर रोजाना पिए. देसी घी बाजार वाला नहीं होना चाहिए. आप किसी गांव से देसी घी मंगाए. गाय का देसी घी हो तो बहुत अच्छा है.
  • शतावरी, अश्वगंधा व सफेल मूसली को मिलाकर पाउडर तैयार करें. इस मिश्रण को सुबह-शाम तीन-तीन ग्राम एक ग्लास दूध से लें.
  • लहसुन स्पर्म को बढ़ाने के लिए जाना जाता है अपने भोजन में इसका इस्तेमाल करना शुरू करें.
  • मौसमी फलों का जूस और मौसमी फलों को अपने भोजन में शामिल करें.
  • ग्रीन टी पीना शुरू करें, लेकिन खाली पेट नहीं पीना है.

स्पर्म बढ़ाने की मेडिसिन

स्पर्म बढ़ाने के लिए एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक तीनों ही प्रकार की चिकित्सा शैली में मेडिसिंस उपलब्ध है. किसी भी प्रकार की मेडिसिंस हमेशा अपनी स्थिति डॉक्टर को बता कर उसी के अनुसार प्राप्त की जाती है.

एक ही प्रकार की समस्या कई कारणों की वजह से होती है. इसलिए कंसल्ट करने के बाद ही मेडिसन लेना उचित रहता है. स्वयं के अनुभव पर या स्वयं की सलाह पर मेडिसिंस लेना नुकसानदायक साबित हो सकता है.

स्पर्म कैसे बढ़ाये – भोज्य पदार्थ

स्पर्म कैसे बढ़ाए इसके लिए पुरुषों को अपने भोजन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. आपको अपने भोजन में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना है, जो इस स्पर्म के दृष्टिकोण से लाभकारी होते हैं.

अगर आप मांसाहारी हैं, नॉनवेज खाते हैं, तो आप अंडा अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं. मछलियां भी काफी पौष्टिक मानी जाती हैं.

वेजिटेरियन भोजन के अंदर आप बहुत सारे ऐसे खाद्य पदार्थ ले सकते हैं, जो आपके स्पर्म काउंट को बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे.

स्पर्म की क्वांटिटी को बढ़ाने के लिए आपको पालक, गाजर, केले, अखरोट, टमाटर, ब्रोकली, कद्दू के बीज, डार्क चॉकलेट और अनार का सेवन अपने भोजन के माध्यम से करना है.

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कम स्पर्म काउंट के साथ प्रेगनेंसी कैसे हो

कम स्पर्म काउंट के साथ प्रेगनेंसी होना थोड़ा मुश्किल होता है. लेकिन कोशिश करने पर प्रेगनेंसी हो सकती है. कम स्पर्म काउंट होने पर महिलाओं को अपने ओवुलेशन पीरियड के दौरान ही या उसके आसपास पुरुषों से संबंध बनाने चाहिए.  इससे स्पर्म काउंट की संख्या कुछ बढ़ जाएगी.

महिला अपना ओवुलेशन पीरियड जानने के लिए ओवुलेशन किट का प्रयोग कर सकती है. साथ ही साथ पुरुष को यह चाहिए कि महिला पुरुष से पहले चरम सुख प्राप्त करें.  इससे महिला के शरीर में एक द्रव का उत्सर्जन होता है. जो पुरुष स्पर्म की सुरक्षा महिला के शरीर के अंदर करता है. उस द्रव की उपस्थिति में शुक्राणु आसानी से आगे बढ़ सकते हैं, और संतान प्राप्ति में अपना योगदान दे सकते हैं.

आपके प्रश्न

Q. सबसे अच्छी दवा शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए कौन सी है?

ANS : शरीर के अंदर शुक्राणु बनना एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया होती है. इसे किसी माध्यम औषधि के माध्यम से बढ़ाने के बजाय आपको अपनी लाइफ स्टाइल में इस प्रकार के परिवर्तन करने चाहिए, जिससे शुक्राणुओं का उत्पादन लगातार अच्छा बना रहे. इसके लिए आपको अपनी डाइट पर ध्यान देना होगा. अपने लाइफस्टाइल और दिनचर्या पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है.

अगर आपको तुरंत संतान प्राप्ति से संबंधित आवश्यकता के लिए स्पर्म काउंट और क्वालिटी को मजबूत करना है तो इसके लिए लाइफस्टाइल के साथ साथ आवश्यक आयुर्वेदिक औषधियों की जानकारी ऊपर आर्टिकल में दी गई है जहां आप उनका प्राइस भी चेक कर सकते हैं.

अगर आपको तुरंत संतान प्राप्ति से संबंधित आवश्यकता के लिए स्पर्म काउंट और क्वालिटी को मजबूत करना है तो इसके लिए लाइफस्टाइल के साथ साथ आवश्यक आयुर्वेदिक औषधियों की जानकारी ऊपर आर्टिकल में दी गई है.(Spermogra Capsule and Baby Capsule) जहां आप उनका प्राइस भी चेक कर सकते हैं.

Q. स्पर्म मोटिलिटी क्या होती है?

ANS: स्पर्म मोटिलिटी से मतलब है, स्पर्म की गतिशीलता. स्पर्म की गतिशीलता जितनी अधिक होती है, उतनी ही मोटिलिटी अच्छी मानी जाती है और यह माना जाता है, कि यह अंडे को निश्चित करने के लिए उतना ही अच्छा है.
किसी भी पुरुष के स्पर्म के अंदर हर एक स्पर्म की गतिशीलता एक जैसी नहीं होती है. कुछ स्पर्म बिल्कुल गति नहीं करते हैं. कुछ स्पर्म की गतिशीलता काफी अच्छी होती है, और कुछ स्पर्म की गतिशीलता सामान्य होती है. डॉक्टर स्पर्म के नमूने की जांच करके इस बात को कंफर्म करते हैं, कि पुरुष के स्पर्म की गतिशीलता अच्छी है, सामान्य है या कम है.

शुक्राणु को A से D तक एक लेटर ग्रेड मिलता है, जिसमें A सबसे तेज, सबसे सीधे तैराकों को दिया जाता है और D उन शुक्राणु को दिया जाता है जो बिल्कुल भी नहीं चलते हैं. यदि परीक्षण के नमूने से पता चलता है कि 25 से 30 प्रतिशत से कम शुक्राणु अच्छी गति से आगे बढ़ते हैं, तो गतिशीलता को कम माना जाता है.

Q. रोजाना स्पर्म रिलीज करने से क्या होता है

ANS: पुरुष के शरीर में स्पर्म एक निश्चित मात्रा में बनते हैं. इसलिए स्पर्म का उत्सर्जन एक निश्चित मात्रा में होना ही लाभदायक माना जाता है. एक स्वास्थ्य पुरुष के शरीर में अधिक से अधिक 5 ग्राम स्पर्म रोजाना बन सकते हैं. अगर पुरुष रोजाना स्पर्म का डिस्चार्ज शरीर से करता है, तो इस पर्व की क्वांटिटी पर काफी अधिक प्रभाव नजर आएगा. स्पर्म काउंट लो हो सकता है.

साथ ही साथ शरीर पर अधिक स्पर्म के प्रोडक्शन का दबाव आएगा. इस वजह से स्पर्म की क्वालिटी भी कम हो जाएगी और इस पर मोटिलिटी पर भी प्रभाव नजर आएगा.

इन सब का मिलाजुला प्रभाव यही होगा कि पुरुष स्पर्म की प्रोडक्टिविटी कम हो जाएगी और पुरुष बांझपन का शिकार हो सकता है. रोजाना स्पर्म रिलीज करने के ये हैं मुख्य नुकसान है.

Q. कैसे जाने स्पर्म महिला की योनि में सही तरीके से पहुंच गया है?

ANS: इंटर कोर्स के दौरान महिला की योनि में जब पुरुष अपने स्पर्म को रिलीज करता है, तो इसे मापने का कोई भी यंत्र या किट मार्केट में उपलब्ध नहीं है. मात्र हम यह भरोसा कर सकते हैं, कि हमने अपना कार्य सही तरीके से किया है, तो यह सही तरीके से ही संपन्न हुआ होगा.
इसका रिजल्ट आपको महिला के गर्भवती होने पर ही प्राप्त होता है.

अगर दंपत्ति चाहता है कि अधिक से अधिक स्पर्म महिला के की योनि में प्रवेश कर जाए, तो उसके लिए महिला को स्पर्म रिलीज होने के बाद लगभग आधा घंटा दोनों पैरों को दीवार के सहारे ऊपर उठाकर लेटना चाहिए और अपने हिप्स के नीचे तकिया लगा कर रखना चाहिए, ताकि स्पर्म ग्रेविटी का सहारा लेकर अंदर की यात्रा आराम से कर सके.

Q. प्रेगनेंसी के लिए कितने बूंद स्पर्म की आवश्यकता होती है ?

ANS: किसी भी महिला को गर्भवती होने के लिए मात्र एक ही स्पर्म की आवश्यकता होती है. और एक ड्रॉप के अंदर मिलियंस ऑफ स्पर्म होते हैं.
स्पर्म काउंट स्पर्म की संख्या पर आधारित होता है. यह स्पर्म की ड्रॉप्स पर निर्भर नहीं करता है. किसी भी पुरुष केप्रेगनेंसी के लिए 40 मिलियन से अधिक स्पर्म एक बार में उत्सर्जित होने चाहिए, तभी प्रेगनेंसी की संभावना बनती है.
पुरुष का स्पर्म कभी-कभी  गाढ़ा और पतला भी हो सकता है. इसलिए कितने बूंद स्पर्म की आवश्यकता होगी, ज्ञात नहीं किया जा सकता है.

Q. 30 दिन में कितना स्पर्म बनता है?

ANS: 1 दिन में कितना स्पर्म बनता है. इस बात पर निर्भर करता है कि एक व्यक्ति को 30 दिन में कितना स्पर्म बनता है. हालांकि हर एक व्यक्ति को 1 दिन में अलग-अलग मात्रा में स्पर्म बनता है. इसलिए 30 दिन के स्पर्म की क्वांटिटी हर एक व्यक्ति के लिए थोड़ी थोड़ी अलग होती है. माना जाता है औसतन 4 से 5 ग्राम स्पर्म पुरुष को 1 दिन में बन जाता है. इसलिए एक पुरुष को 1 महीने में अर्थात 30 दिन में 120 ग्राम से लेकर 150 ग्राम तक स्पर्म का उत्पादन हो सकता है.

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