प्रश्न पूछे जाते हैं, कि असुरक्षित तरीके से मेल कर लेने के बाद प्रेगनेंसी से संबंधित लक्षण शरीर के अंदर आ रहे हैं, और पीरियड भी मिस हो गए हैं. लेकिन जब हम चेक करते हैं. प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव आता है.
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दोस्तों बहुत सारे लक्षण ऐसे होते हैं. जो प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में नजर आते हैं. साथ ही साथ यह लक्षण महावारी शुरू होने के समय भी नजर आते हैं.
अगर महिला ने असुरक्षित तरीके से मेल नहीं किया होता है, तो वह इन सब बातों पर ध्यान नहीं देती है. सालों तक ध्यान नहीं देती है.
प्रेगनेंसी के शुरुआती समय में कुछ लक्षण नजर आते हैं:
जल्दी थकान आ जाना
मूड स्विंग की समस्या
पेट का फुला फुला लगना
किसी भी चीज की तलब लगना,
पेट में मरोड़ का उठना
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यह सभी लक्षण महावारी शुरू होने के समय भी होते हैं. ऐसा भी नहीं है कि हर एक महिला को यह सभी लक्षण नजर आते हैं. किसी को 1, किसी को 2, किसी को 3 या किसी को सब लक्षण नजर आ सकते हैं.
अगर असुरक्षित तरीके से मेल किया हो, और किसी कारणवश पीरियड मिस हो जाते हैं. पीरियड समय पर नहीं आते हैं, तो यह लगने लगता है, कि कहीं वह प्रेग्नेंट नहीं हो गई है. क्योंकि जब वह गौर करती है तो लक्षण नजर आने लगते हैं.
आज हम आपको उन कारणों के बारे में बता रहे हैं. जिनकी वजह से प्रेगनेंसी ना होते हुए भी आप उसके लक्षण को महसूस कर सकते हैं. यह सब एक्सपर्ट डॉक्टर की राय पर ही आधारित है.
प्रेगनेंसी हो जाने के बाद जिस प्रकार का हार्मोनल बदलाव शरीर में आता है. उसका जो प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है. शरीर पर नजर आता है. जो लक्षण नजर आते हैं. वैसे ही अन्य मेडिकल स्थितियों में भी हो सकता है.
इन परिस्थितियों में भी पीरियड की तरह मूड स्विंग महसूस हो सकता है. लेकिन इसका संबंध अंडोत्सर्ग से नहीं होता है. यदि आपका मासिक फ्लो तीन माह से अधिक समय तक रुका रह जाए, तो आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए,
1 या 2 माह तक अगर पीरियड्स नहीं भी होते हैं. दिक्कत वाली बात नहीं होती है. उसके बाद आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. ऐसा डॉक्टर कहते हैं.
लेकिन हमारा मानना है कि अगर प्रेगनेंसी नहीं है, पीरियड मिस हो जाते हैं तो आपको 15 से 20 दिन के बाद डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए. कोई हर्ज नहीं है.
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क्योंकि गर्भावस्था के कुछ शुरुआती लक्षण तकरीबन माहवारी के लक्षणों जैसे ही होते हैं. जैसे कि ब्रेस्ट का नाजुक होना, थकान, मरोड़, मूड स्विंग आदि. आपको लक्षण है तो प्रेगनेंसी हो भी सकती है और नहीं भी कंफर्म कर ले.
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दोस्तों बहुत सारे लक्षण ऐसे होते हैं. जो प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में नजर आते हैं. साथ ही साथ यह लक्षण महावारी शुरू होने के समय भी नजर आते हैं.
अगर महिला ने असुरक्षित तरीके से मेल नहीं किया होता है, तो वह इन सब बातों पर ध्यान नहीं देती है. सालों तक ध्यान नहीं देती है.
प्रेगनेंसी के शुरुआती समय में कुछ लक्षण नजर आते हैं:
जल्दी थकान आ जाना
मूड स्विंग की समस्या
पेट का फुला फुला लगना
किसी भी चीज की तलब लगना,
पेट में मरोड़ का उठना
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यह सभी लक्षण महावारी शुरू होने के समय भी होते हैं. ऐसा भी नहीं है कि हर एक महिला को यह सभी लक्षण नजर आते हैं. किसी को 1, किसी को 2, किसी को 3 या किसी को सब लक्षण नजर आ सकते हैं.
अगर असुरक्षित तरीके से मेल किया हो, और किसी कारणवश पीरियड मिस हो जाते हैं. पीरियड समय पर नहीं आते हैं, तो यह लगने लगता है, कि कहीं वह प्रेग्नेंट नहीं हो गई है. क्योंकि जब वह गौर करती है तो लक्षण नजर आने लगते हैं.
आज हम आपको उन कारणों के बारे में बता रहे हैं. जिनकी वजह से प्रेगनेंसी ना होते हुए भी आप उसके लक्षण को महसूस कर सकते हैं. यह सब एक्सपर्ट डॉक्टर की राय पर ही आधारित है.
प्रेगनेंसी हो जाने के बाद जिस प्रकार का हार्मोनल बदलाव शरीर में आता है. उसका जो प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है. शरीर पर नजर आता है. जो लक्षण नजर आते हैं. वैसे ही अन्य मेडिकल स्थितियों में भी हो सकता है.
इन परिस्थितियों में भी पीरियड की तरह मूड स्विंग महसूस हो सकता है. लेकिन इसका संबंध अंडोत्सर्ग से नहीं होता है. यदि आपका मासिक फ्लो तीन माह से अधिक समय तक रुका रह जाए, तो आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए,
1 या 2 माह तक अगर पीरियड्स नहीं भी होते हैं. दिक्कत वाली बात नहीं होती है. उसके बाद आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. ऐसा डॉक्टर कहते हैं.
लेकिन हमारा मानना है कि अगर प्रेगनेंसी नहीं है, पीरियड मिस हो जाते हैं तो आपको 15 से 20 दिन के बाद डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए. कोई हर्ज नहीं है.
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गर्भधारण
अगर आपने असुरक्षित यौन संबंध बनाया है और अगले 72 घंटों में गर्भनिरोधक दवा लेना भूल गई हैं, तो आपको घर पर प्रेग्नेंसी टेस्ट किट लाकर टेस्ट जरूर कर लेना चाहिए.क्योंकि गर्भावस्था के कुछ शुरुआती लक्षण तकरीबन माहवारी के लक्षणों जैसे ही होते हैं. जैसे कि ब्रेस्ट का नाजुक होना, थकान, मरोड़, मूड स्विंग आदि. आपको लक्षण है तो प्रेगनेंसी हो भी सकती है और नहीं भी कंफर्म कर ले.
थायरॉइड
थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर के काफी सारे गतिविधियों को मैनेज करती है. जिसके अंदर महिलाओं का मासिक चक्र भी शामिल है. अगर किसी भी कारणवश ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन का कंट्रोल ग्रंथि से हट जाता है . ग्रंथि का कंट्रोल निकलने वाले हार्मोन पर नहीं रहता है. स्वास्थ्य पर इसका विपरीत असर पड़ता है. जैसे कि डिप्रेशन या वजन में बढ़ोतरी और कभी कभी बजन घटने भी लगता है. कुछ लोगों के साथ ऐसा भी हो सकता है, कि उनको महीनों तक माहवारी न आए. और फिर भी इसके लक्षण महसूस हों जो कि हमने आपको ऊपर बताए हैं.
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पीसीओएस की वजह से अंडोत्सर्ग की प्रक्रिया बाधित हो सकती है जिसके परिणामस्वरूप पीरियड आने में देरी होती है और मरोड़ वाला दर्द उठता है। मूड स्विंग होता है.
हार्मोन उत्पादित करने वाले सिस्ट कई बार अनियमित पीरियड का कारण बन सकता है. बारम्बारता बढ़ने पर बांझपन भी हो सकता है, मगर ऐसा हमेशा नहीं होता है.
वह तो मुझे उम्मीद है कि आप समझ ही गए होंगे की प्रेगनेंसी के लक्षण नजर आने पर भी अगर प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव आता है तो उसके क्या कारण हो सकते हैं.
तनाव
असुरक्षित संबंध हो जाने के बाद महिलाओं को अत्यधिक तनाव आ जाता है. तनाव से कॉर्टिसोल स्तर बढ़ जाता है. जो शरीर के हार्मोन संतुलन को बिगाड़ सकता है. इस हालत में भी बिना ब्लीडिंग के ही माहवारी के लक्षण महसूस हो सकते हैं. उन्होंने कभी कभी प्रेगनेंसी होने का एहसास भी होने लगता है. जरूरी नहीं कि वह प्रेग्नेंट हो ही .इन्हें भी पढ़ें : गर्भ में बेटा या बेटी जानने के 6 तरीके
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एंडोमेट्रियोसिस
एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी बीमारी है. जिसमें एंडोमेट्रियम प्राथमिक तौर पर गर्भाशय के अंदरूनी दीवार पर और फिर बाहरी दीवार तक ही विकसित होता है. आमतौर पर यह असामान्य विकास फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय और अंडाशय के आस-पास के टिशू पर हे होता है. और बेहद कम चान्सेस होते है, कि ये शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल जाए. इसकी वजह से गम्भीर मरोड़ वाला दर्द, पेट फूलने और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण सामने आते हैं.पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस)
पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है जिसमें एंड्रोजन की मात्रा बढ़ने से अंडाशय का फंक्शन प्रभावित होता है। बालों की ग्रोथ बढ़ जाती है. वजन बढ़ने लगता है, और इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ जाती है.पीसीओएस की वजह से अंडोत्सर्ग की प्रक्रिया बाधित हो सकती है जिसके परिणामस्वरूप पीरियड आने में देरी होती है और मरोड़ वाला दर्द उठता है। मूड स्विंग होता है.
गर्भाशय का सिस्ट
हार्मोन उत्पादित करने वाले सिस्ट कई बार अनियमित पीरियड का कारण बन सकता है. बारम्बारता बढ़ने पर बांझपन भी हो सकता है, मगर ऐसा हमेशा नहीं होता है.
वह तो मुझे उम्मीद है कि आप समझ ही गए होंगे की प्रेगनेंसी के लक्षण नजर आने पर भी अगर प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव आता है तो उसके क्या कारण हो सकते हैं.