सफेद मूसली के फायदे पुरुषों के लिए - कितने दिन खानी चाहिए

[Safed Musli in English]

सफेद मूसली (safed musli) एक भारतीय जड़ी बूटी है. सफेद मूसली का वैज्ञानिक नाम क्लोरोफाइटम बोरीविलियेनम (Chlorophytum Borivilianum) है. इसका प्रयोग आयुर्वेद में प्राचीन समय से होता आया है. यह उष्णकटिबंधीय जंगलों में पाए जाने वाली जड़ी बूटी है. मुख्यतः यह गीले इलाकों और जंगल में अपने आप उगती है. इसे जंगलों से प्राप्त किया जाता है. मुख्यता यह है सफेद मूसली भारतीय जंगलों में पाई जाती है, लेकिन यह तिब्बत के इलाके में भी होती है.



सफेद मुसली के फायदे पुरुषों के लिए विशेष तौर से काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. यह पुरुष सेक्स हारमोंस टेस्टोस्टेरोन के निर्माण में विशेष सहायक होती है, लेकिन यह जड़ी बूटी महिलाओं के लिए और बच्चों के लिए भी काफी फायदेमंद मानी जाती है.

सफेद मूसली के फायदे पुरुषों के लिए - कितने दिन खानी चाहिए

सफेद मुसली क्या है – Safed musli Kya Hai

सफेद मूसली एक जड़ी - बूटी है. इसके फूल सफेद होते हैं, इसलिए इसे सफेद मूसली कहा जाता है. इसकी जड़ों का प्रयोग भी होता है.

यह उत्तर भारत में प्रचुर मात्रा में पाई जाती है. यह बरसात के समय अपने आप जंगल में और खेतों के किनारे उग आती है. इसके पौधे की ऊंचाई 2 फीट तक हो जाती है.

इसे दूसरे कई नामों से भी जाना जाता है जैसे कि श्वेत मूसली, धोली मूसली,खिरुवा, तान्यारवी खंग, इत्यादि.
आयुर्वेद में, यूनानी पद्धति में और चाइनीस पद्धति में इसका प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है. यह औषधि पुरुषों के लिए विशेष रूप से काफी लाभदायक मानी जाती है. लेकिन महिलाओं बच्चों के लिए भी इसके अनेक लाभ है.

मूसली की न्यूट्रिएंट्स वैल्यू

मूसली के अंदर कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं. इससे कई आयुर्वेदाचार्य वियाग्रा का देसी रूप कहते हैं. इसके अंदर अपने आप ही 25 से अधिक अल्कलॉइड होते हैं. साथ ही साथ इसके अंदर आपको बहुत सारे विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, स्ट्राइड सपोनिन, मैग्निशियम, कैलशियम, पोटैशियम, फिनोल, रेजिन म्यूसिलेज और पॉलिसैकराइट जैसे पोषक तत्व प्राप्त होते हैं.

इसमें उच्च मात्रा में शुगर, गैलेक्टोज,ग्लूकोज,सुक्रोज, फ्रुक्टोज,  मैनोज और जोइलोज भी होते हैं.
इसमें एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल, एंटीट्यूम जैसे कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं.

सफेद मूसली के फायदे - Safed Musli ke Fayde

सफेद मूसली के बहुत सारे फायदे (safed musli benefits in hindi) विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं में होते हैं.

सफेद मूसली मानसिक तनाव, चिंता, कामोत्तेजक प्रभाव, पुरुष हार्मोन इम्यून सिस्टम इत्यादि में काफी लाभदायक होती है. सफेद मूसली एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्रचलित है. यह एक जड़ी-बूटी भी है. इसलिए इसका प्रयोग आप स्वयं भी कर सकते हैं. लेकिन डॉक्टर की सलाह पर इसका प्रयोग करना सर्वोत्तम रहता है.

कामोद्दीपक के रूप में प्रयोग

पुरुषों की काम शक्ति को बढ़ाने के लिए सफेद मूसली का प्रयोग आयुर्वेद के अंदर हजारों वर्षों से होता चला आ रहा है. यह पुरुषों की सेक्स समस्याओं से संबंधित लगभग हर एक समस्या में काफी लाभकारी है. इससे कई प्रकार के आयुर्वेदिक नुस्खे तैयार किए जाते हैं, जो पुरुषों के लिए काफी लाभदायक होते हैं.

इम्यून सिस्टम मजबूत करें

सफेद मुसली के अंदर बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं. जिनका प्रभाव व्यक्ति की इम्यून सिस्टम पर नजर आता है. इसका प्रयोग करने वाले व्यक्ति का इम्यून सिस्टम काफी मजबूत हो जाता है. खांसी, जुखाम, बुखार, स्टैमिना, ताकत जैसी समस्याओं में कमी देखने में आती है.

डिप्रेशन और चिंता की समस्या में लाभदायक

सफेद मूसली के अंदर बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इनमें कुछ ऐसे विशेष तत्व होते हैं, जो मस्तिष्क में ऐसे रासायनिक तत्वों का उत्सर्जन माइंड के अंदर बढ़ाते हैं, जो खुशी पैदा करने का काम करते हैं. इस वजह से डिप्रेशन और चिंता जैसी समस्याओं में बहुत लाभ देखने में आता है.

पाचन संबंधी समस्याओं में लाभदायक

मूसली इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है. इसी वजह से पाचन तंत्र भी काफी मजबूत हो जाता है. यह पेट दर्द, पेट में गड़बड़, दस्त, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं में काफी लाभदायक होती है.

पेशाब की जलन

पुरुष प्रजनन तंत्र को मजबूत करने वाले बहुत सारे पोषक तत्व मूसली के अंदर पाए जाते हैं. इसलिए यह पेशाब की जलन में भी काफी लाभदायक मानी जाती है.

गठिया के दर्द में लाभदायक

मूसली का चूर्ण खाने से गठिया के दर्द में काफी लाभ मिलता है. गठिया की विभिन्न स्थिति में इसका प्रयोग वैद्य बताते हैं. सफेद मूसली की जड़ों में सैपोनिन नामक कंपाउंड पाया जाता है. सैपोनिन के अंदर एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटी-अर्थराइटिस गुण होते हैं, इसलिए हड्डी के जोड़ों के दर्द में भी यह बहुत लाभदायक है.    

स्तनों का दूध बढ़ाएं

जो माता अपने बच्चे के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध का उत्पादन नहीं कर सकती है, उन्हें मूसली का सेवन डिलीवरी के बाद करना चाहिए. यह स्तनों में दूध को बढ़ाने में सहायक होता है.

वजन संतुलित करें

हमारा बढ़ता हुआ वजन बहुत सारी बीमारियों का कारण होता है. इस वजह से हार्ट अटैक और कैंसर जैसी बीमारियां भी पैदा होती है. अगर हम नियमित तौर पर वैद्य की सलाह पर मूसली का प्रयोग रोजाना अपने भोजन में करते हैं, तो इससे अतिरिक्त वजन कम होने लगता है.

डायबिटीज नियंत्रित करें

डायबिटीज एक ऐसी समस्या है, जो इम्यून सिस्टम को कमजोर करती है. इस वजह से बहुत सारी बीमारियों का डर अपने आप रहता है. अगर सफेद मूसली का प्रयोग किया जाए तो यह सिस्टम को मजबूत करता है. इस वजह से डायबिटीज नियंत्रित रहती है.

सफेद मुसली यौनशक्ति क्यों बढ़ाती है

हम सभी जानते हैं कि यह यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए काफी कारगर है. विभिन्न प्रकार की समस्याओं में यह काफी लाभदायक होती है, लेकिन यह यौनशक्ति क्यों बढ़ाती है.

पुरुषों की यौन शक्ति, पुरुष सेक्स हारमोंस टेस्टोस्टरॉन पर निर्भर करती है. पुरुष के अंदर शुक्राणुओं का निर्माण जितना अधिक और सही तरीके से होगा, उतना ही पुरुष की यौन शक्ति मजबूत होती है. 

पुरुष सेक्स हारमोंस शुक्राणु के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाता है. इसकी उचित मात्रा पुरुषों के शरीर में अत्यधिक आवश्यक होती है.

मूसली के अंदर पाए जाने वाले पोषक तत्व पुरुष के शरीर के अंदर पुरुष सेक्स हारमोंस में आई कमी को पूरा करने का कार्य करते हैं. यह हारमोंस पुरुष के प्रजनन तंत्र का आधार होता है. इसकी कमी से पुरुष को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जिनकी चर्चा हम आगे करने वाले हैं. इसलिए पुरुष यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए मूसली का प्रयोग बताया जाता है.


सफेद मूसली के फायदे पुरुषों के लिए – Musli benefits in Hindi

पुरुषों की यौन संबंधी समस्याओं और प्रजनन तंत्र से संबंधित काफी सारी समस्याओं में सफेद मूसली रामबाण की तरह कार्य करती है. यह युवा पुरुषों और वृद्ध पुरुषों दोनों के लिए ही बहुत लाभदायक होती है. अलग-अलग उम्र में यह अलग-अलग प्रकार से कार्य करती है. इसलिए इसे युवा पुरुष से लेकर वृद्ध पुरुष सभी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.

आयुर्वेद के अनुसार तीन प्रकृति होती है, वात प्रकृति, पित्त प्रकृति, कफ प्रकृति.  मूसली अत्यंत लाभदायक है, लेकिन यह कफ दोष को बढ़ाती है. इसलिए जिन पुरुषों के अंदर कफ दोष है, उन्हें यह मूसली लेने से परहेज करना चाहिए या मूसली का प्रयोग करने से पहले आयुर्वेदाचार्य सलाह अवश्य लें.

अगर आपको कफ दोष है, तो आपके लिए और भी दूसरे प्रकार की जड़ी बूटियां होती है, जो आपकी इन्हीं समस्याओं में काफी कारगर है. जिनकी चर्चा में दूसरे आर्टिकल्स में करेंगे.
आइए बात करते हैं यह पुरुषों को किस प्रकार के फायदे देती है.

यौनशक्ति बढ़ाने में उपयोगी

किसी भी प्रकार की यौनशक्ति से संबंधित समस्या को सफेद मुसली पाउडर के द्वारा दूर किया जा सकता है. हालांकि अपने आप में काफी शक्तिशाली जड़ी बूटी मानी जाती है, लेकिन अगर दूसरी जड़ी बूटियों का योग इसके अंदर आ जाता है तो उनकी क्षमता और अधिक बढ़ जाती है और समस्या पूर्ण रूप से आवश्यक हो जाती है.

यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए आप आधा चम्मच सफेद मुसली पाउडर हल्के गर्म दूध के साथ खाना खाने के आधे घंटे बाद सुबह और शाम ले.

स्पर्म क्वालिटी में सुधार

पुरुष के स्पर्म क्वालिटी खराब होने की वजह से नपुंसकता का शिकार पुरुष हो सकता है पिता बनने में समस्या आ सकती है स्पर्म क्वालिटी और क्वांटिटी में गिरावट पुरुष सेक्स हारमोंस की वजह से अर्थात उसकी कमी की वजह से आती है मूसली पुरुष सेक्स हारमोंस टेस्टोस्टरॉन को बढ़ाने का कार्य करती है.

इसके लिए आप आधा चम्मच सफेद मुसली पाउडर एक चम्मच शुद्ध शहद के साथ मिलाकर सुबह-शाम खाएं. फायदा अवश्य नजर आएगा.

नपुंसकता से बचाव

वीर्य उत्पादन को बढ़ाने के लिए और उसकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सफेद मूसली का प्रयोग किया जाता है. अगर सफेद कौंच के बीज और मूसली का पाउडर दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर प्रयोग किया जाए तो यह बहुत फायदेमंद रहता है.

अधिक जानकारी के लिए अपनी सेहत के अनुसार आपको वैद्य से सलाह लेनी चाहिए.

नपुंसकता की समस्या में  एक से डेढ़ चम्मच मूसली पाक को गाय के दूध के साथ दिन में दो बार लें.

स्वप्नदोष की समस्या दूर करें

स्वप्नदोष होना एक बहुत ही आम समस्या है. यह किसी बीमारी के अंतर्गत नहीं आता है लेकिन इससे शारीरिक कमजोरी अवश्य होती है इसके लिए भी मूसली का प्रयोग किया जा सकता है.

सफेद मूसली पाउडर को आधा चम्मच गुनगुने दूध के बाद सुबह नाश्ते के बाद और रात को खाना खाने के 1 घंटे बाद लेने से 40 दिन के अंदर कमजोरी दूर हो जाती है.

पेशाब संबंधी समस्याएं

पेशाब संबंधी समस्याएं कई प्रकार की होती हैं जैसे कि बार-बार जल्दी जल्दी पेशाब आना, पेशाब में जलन होना, पेशाब की तीव्रता अधिक महसूस होना.  इन समस्याओं में यह काफी लाभदायक है. पेशाब के इंफेक्शन में भी यह काफी इफेक्टिव मानी जाती है.

इसमें भी आधे चम्मच सफेद मूसली को गर्मियों में एक कप गुनगुने दूध के साथ और जाड़ों में एक कप दूध के साथ या गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं.

स्तंभन शक्ति बढ़ाए

स्तंभन शक्ति अर्थात इरेक्टाइल डिस्फंक्शन समस्या में भी यह अत्यधिक लाभदायक होता है. यह समस्या स्ट्रेस डिप्रेशन और किसी बीमारी की वजह से आ सकती है. 

जैसा कि हमने चर्चा की है कि यह डिप्रेशन, चिंता और तनाव को दूर करने में अत्यधिक सहायक होती है तो यह समस्या अपने आप ठीक होने लगती है.

अगर कोई बीमारी आपको हो गई है उस वजह से भी यह समस्या आती है तो इम्यून सिस्टम मजबूत होने से बीमारियों की तीव्रता कम हो जाती है और आपकी स्तंभन शक्ति बढ़ जाती है.

स्पर्म की कमजोरी की वजह से भी स्तंभन शक्ति कमजोर होती है यह स्पर्म की शक्ति को भी बढ़ाती है उसकी क्वांटिटी को बढ़ा दी है तब भी स्तंभन शक्ति बढ़ जाती है.



TIP: पुरुषों के समग्र विकास जैसे कि शारीरिक विकास, मानसिक विकास और मर्दाना ताकत के विकास इत्यादि के लिए आयुर्वेद के अंदर काफी सारी जड़ी बूटियां प्रयोग में लाई जाती है जैसे कि –

केसर
, शतावरी, अश्वगंधा, शिलाजीत, गोखरू, विदारीकंद, स्वर्ण भस्म, कौंच के बीज, मेथीपाउडर,
जिनसेंग, जिंक, सालम पंजा, काली मूसली, टोंगकैट अली इत्यादि. इन जड़ी-बूटियों से बने नुस्खे बहुत लाभदायक और शक्तिशाली होते हैं. {alertSuccess}

सफेद मूसली के नुकसान

सफेद मूसली के जहां इतने सारे फायदे होते हैं. वही कुछ नुकसान भी सफेद मूसली के नजर आ सकते हैं जैसे कि ---
सफेद मूसली से अगर किसी व्यक्ति को एलर्जी है तो इसका सेवन करने से उसे विभिन्न प्रकार के नुकसान उसकी शारीरिक प्रकृति के अनुसार आ सकते हैं.

सफेद मूसली प्रकृति में ठंडी होती है इस वजह से कफ दोष से ग्रसित व्यक्ति इसका सेवन करता है तो उसे नुकसान होने की संभावना रहती है. कफ से संबंधित रोगों में बढ़ोतरी हो जाती है.

गर्भावस्था के दौरान मूसली का प्रयोग करने में सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है. कुछ परिस्थितियों में यह नुकसान दे सकती है.

मूसली का प्रयोग संयमित मात्रा से अधिक करने पर यह भूख में कमी और दूसरे प्रकार के सारे समस्याओं को बढ़ा सकती है.

सफेद मूसली प्रकृति में ठंडी और पचने में भारी होती है. यह आसानी से नहीं पचती है. अगर किसी व्यक्ति का पाचन तंत्र कमजोर है, तो उसे मूसली का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

सफेद मूसली कितने दिन खानी चाहिए

सफेद मुसली एक आयुर्वेदिक औषधि है. इसका प्रयोग कितने दिन लगातार किया जाए, यह हर एक व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता है.

सामान्य व्यक्ति अगर अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए इसका प्रयोग कर रहा है तो वह रोजाना आधा चम्मच 40 दिन तक ले सकता है. उसके बाद वह उसे 15 से 20 दिन खाना छोड़ दें और दोबारा से उसके बाद लेना शुरू कर सकता है. लेकिन इसकी मात्रा कितनी होनी चाहिए यह आप की आवश्यकता पर निर्भर करता है. कम से कम आधा चम्मच आपको रोजाना इसका सेवन करना बताया जाता है.

सफेद मूसली कितने दिन खानी चाहिए, यह आपकी समस्या पर भी काफी हद तक निर्भर करता है.

मूसली किस प्रकार खाएं

मूसली कई प्रकार से अपने डाइट में शामिल की जा सकती है.

  • मूसली का पाउडर मुख्यतः प्रयोग में लाया जाता है (1 या 2 ग्राम मूसली दिन में दो बार).
  • मूसली के कैप्सूल भी अपनी डाइट में शामिल किए जा सकते हैं (एक या दो मुसली कैप्सूल आवश्यकतानुसार दिन में दो बार).
  • मूसली पाक का प्रयोग भी काफी फायदेमंद रहता है (आधा-आधा चम्मच मूसली पाक दिन में दो बार).
  • शुद्ध मूसली की जड़ को रोजाना पानी में उबालकर उसके पानी का प्रयोग भी किया जाता है(15 ग्राम मूसली).
  • इसका प्रयोग आप कैसे कर रहे हैं, यह आप की आवश्यकता, आपके लाइफस्टाइल और आपके पास मूसली की उपलब्धता पर भी निर्भर करता है.


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आपके प्रश्न

Q. सफेद मूसली कितने दिन में असर करता है?

Ans: सफेद मूसली का प्रयोग किस प्रकार की समस्या में कर रहे हैं. समस्या का प्रकार भी प्रभाव के समय को प्रभावित करता है.
आपकी समस्या किस लेवल की है, अर्थात समस्या ना के बराबर है. समस्या अत्यधिक गंभीर है, या समस्या मध्यम है. इस बात का प्रभाव भी मूसली के असर को प्रभावित करता है.
मूसली एक अत्यधिक प्रभावी जड़ी बूटी है. इसका प्रभाव छोटी समस्या में काफी जल्दी नजर आने लगता है. आप 3 से 4 दिन में इसका प्रभाव देख सकते हैं. वहीं गंभीर समस्याओं में भी यह 1 हफ्ते के अंदर असर दिखाना शुरू कर देती है.
किसी भी समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए 40 दिन से लेकर 3 महीने तक का समय लगता ही है और आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां प्राकृतिक तरीके से शरीर में कार्य करती हैं. इसलिए यह समस्या को धीरे-धीरे ठीक करती हैं.

Q. मूसली की तासीर क्या होती है?

Ans : मूसली की तासीर ठंडी होती है यह कफ को बढ़ाने वाली मानी जाती है इसलिए इसका प्रयोग गर्मी के मौसम में करना श्रेष्ठ रहता है.

Q. मूसली को दूध के साथ लेने से क्या क्या फायदे होते हैं?

Ans: मूसली की तासीर ठंडी है. इसलिए दूध के साथ इसका प्रयोग करने से कफ से प्रभावित लोग भी इसका प्रयोग आसानी से कर सकते हैं.
सफेद मूसली का प्रयोग दूध के साथ करने से इसके गुणों में काफी वृद्धि हो जाती है.
यह पुरुष सेक्स हारमोंस टेस्टोस्टेरोन की वृद्धि में अत्यधिक सहायक होता है.
यह सिर दर्द को दूर करने में मदद करता है.
स्पर्म की क्वालिटी को और क्वांटिटी को बूस्ट करता है.
दूध के साथ सफेद मूसली का प्रयोग करने से हड्डियों की मजबूती बढ़ने लगती है.
यह ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करने में सहायक होता है.
इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है इस कारण से छोटी मोटी मौसमी समस्याएं शरीर को नहीं लगती है.
सेक्स संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं.

Q. क्या सफेद मूसली का कोई साइड इफेक्ट होता है?

Ans: प्रकृति में हर खाद्य वस्तु का या जड़ी-बूटी या मेडिसिन का साइड इफेक्ट आवश्यक होता है. इसी श्रृंखला में सफेद मूसली के भी कुछ साइड इफेक्ट नजर आते हैं.
कुछ साइड इफेक्ट ऐसे होते हैं जो व्यक्ति विशेष को ही होते हैं, जैसे कि किसी व्यक्ति को अगर सफेद मूसली से एलर्जी है, तो उसे विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं. जो उसके स्वास्थ्य संरचना के आधार पर होती है.
मुख्यतः संयमित मात्रा में मूसली का प्रयोग करने से साइड इफेक्ट नजर नहीं आते हैं. अधिक मात्रा में सफेद मूसली का प्रयोग करने से कुछ समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि--
यह कफ को बढ़ाने वाली होती है. इस वजह से कफ से संबंधित समस्याएं नजर आ सकती हैं.
आपके पेट में ठंड बैठ सकती है आंते और पाचन तंत्र कमजोर हो सकते हैं.
भूख की कमजोरी नजर आ सकती है.
कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याएं नजर आ सकती हैं.

Q. क्या सफेद मूसली को गर्मियों में खा सकते हैं?

Ans: सफेद मुसली की तासीर ठंडी होती है. इसलिए गर्मियों में ही इसका प्रयोग करना श्रेष्ठ रहता है. गर्मियों के मौसम में यह अधिक फायदेमंद रहती है.
इसी प्रकार की दूसरी जड़ी बूटियां जैसे कि अश्वगंधा, केसर, शिलाजीत इत्यादि गर्म प्रकृति की होती हैं. उनका प्रयोग सर्दियों के मौसम में अधिक फायदेमंद रहता है.

Q. सफेद मूसली को कैसे अपनी डाइट में शामिल करें?

Ans: सफेद मूसली आपको बाजार में कई प्रकार के रूप में उपलब्ध रहती है. यह आपको शुद्ध प्राकृतिक रूप में मार्केट में प्राप्त हो सकती है. जिसका आप घर पर चूर्ण बनाकर प्रयोग कर सकते हैं.
मार्केट में आपको सफेद मूसली का चूर्ण, सफेद मुसली कैप्सूल और सफेद मुसली टेबलेट आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं. जिनका प्रयोग आप आसानी से अपनी डाइट में कर सकते हैं.

Q. क्या हम रात्रि को मूसली का प्रयोग अपनी डाइट में कर सकते हैं?

Ans : मूसली एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है यह अत्यधिक सुपाच्य मानी जाती है, और यह हल्का भोजन श्रेणी में आती है. इसलिए रात्रि में इसका प्रयोग करना उचित रहता है, लेकिन कोई भी भोजन रात्रि में सोने से कम से कम एक घंटा पहले तो करना ही चाहिए.
अगर आप सोने से एक घंटा से अधिक पहले भोजन कर लेते हैं, तो यह और अच्छा माना जाता है.


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