शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय, शिव पुराण के अंदर शिवजी की महिमा का वर्णन है. वह किस प्रकार से अपने भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए विभिन्न उपायों के माध्यम से भक्तों की सहायता करते हैं.
ऐसे ही जिन महिलाओं के यहां पर संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है या जो महिलाएं पुत्र संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं. उनके लिए शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय दिए गए हैं.
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सनातन धर्म के अनुसार पुत्र संतान की महत्ता
सनातन धर्म के अनुसार किसी भी दंपत्ति के यहां पुत्र होना बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है. धर्म के अनुसार पुत्र ही आपके वंश को आगे बढ़ाने का कार्य करता है.
पुत्र के द्वारा ही पूर्वजों को और पितरों को मुक्ति प्रदान की जाती है. हमारे समाज की व्यवस्था इस प्रकार से है कि परिवार का मुखिया पुरुष ही होता है और पुत्र संतान माता पिता के साथ रहकर पारिवारिक जीवन संबंधी कार्य को आगे बढ़ाती है और पुत्री दूसरे के घर जाकर दूसरे परिवार के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करती है.
भारतीय सनातन सामाजिक व्यवस्था के अनुसार देखा जाए तो एक पुत्री का जीवन अधिक संघर्षशील और कठिन होता है. जिसे दो परिवारों के बीच में सामंजस्य स्थापित करने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी को निभाना पड़ता है.
पुत्र को परिवार का अगला हकदार और वारिस माना जाता है, और उसी की संतान को परिवार की संतान माना जाता है इसलिए पुत्र संतान का होना एक अलग ही मायने रखता है.
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय
लेकिन जिन दंपतियों को अनेक उपाय करने के बाद भी पुत्र प्राप्ति नहीं हो रही है, उन्हें एक बार शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय अपना कर देखना चाहिए. धर्म शास्त्रों में शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय, घरेलू उपाय हैं.
इन उपायों के द्वारा संतान प्राप्ति की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है संतान में भी पुत्र प्राप्ति की संभावना को बढ़ाने वाले उपाय माने जाते हैं.
धतूरे के बीज से शिव पूजन
शिव पुराण के अनुसार अगर भगवान शिवजी की पूजा में धतूरे के पुष्प को चढ़ाकर पूजा पाठ की जाए और अपनी पुत्र प्राप्ति की मनोकामना को शिवजी के सामने रखा जाए, तो दंपत्ति को सुंदर पुत्र की प्राप्ति होती है साथ ही साथ वह संतान कुल का नाम रोशन करती है.
आप बड़ी श्रद्धा से जिस भी प्रकार से भगवान शिव की पूजा करते हैं, उस पूजा को कीजिए. लेकिन एक बात का ध्यान रखें आपको मांसाहारी और बीड़ी, शराब, तंबाकू, सिगरेट और तामसिक चीजों का त्याग करना आवश्यक है. क्योंकि यह नेगेटिव एनर्जी को बढ़ाने का कार्य करते हैं. आपके मन की शुद्धि भी अत्यधिक आवश्यक है.
सावन के महीने में पुत्र प्राप्ति का घरेलू उपाय
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है इस महीने में दंपत्ति को एक समय भोजन करना चाहिए और एक समय व्रत रहकर तपस्या करनी चाहिए और रोजाना भगवान शिव की पूजा आराधना करें प्रत्येक सोमवार को 9 वर्ष से छोटी 21 कन्याओं को भोजन कराएं.
भगवान शिव आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करेंगे. अपने मन को शुद्ध और निश्चल रखें और अपने भोजन में सात्विक खाद्य पदार्थों को ही शामिल करें.
वृक्षारोपण उपाय
संतान प्राप्ति के लिए शिव पुराण के अंदर बहुत सारे उपायों का वर्णन है इसमें मुख्य रूप से एक उपाय काफी आसान और काफी कठिन माना जा सकता है. अगर दंपत्ति वृक्षारोपण करते हैं और उन पेड़ों की देखभाल करके उन्हें बड़ा करते हैं, तो उनके यहां सुयोग्य और सुंदर पुत्र रत्न की उत्पत्ति होती है.
मुख्य रूप से अगर आप फलदार और छायादार पेड़ों को अपने यहां लगाते हैं, तो यह अत्यधिक विशिष्ट लाभ प्रदान करता है. इसमें पीपल आम और दूसरे फलदार वृक्ष लगा सकते हैं.
यह वृक्षारोपण सार्वजनिक स्थान पर किया जाए तो अत्यधिक लाभप्रद है. क्योंकि यह प्रत्येक व्यक्ति को लाभ प्रदान करेगा. यह एक प्रकार से सेवा होती है. आप वृक्षों को जीवनदान दे रहे हैं. और वृक्षों के द्वारा जनकल्याण कार्य होता है. जिसके फल स्वरूप आपको भी पुत्र का जीवन दान मिलता है.
भगवान शिव के लिए व्रत
कन्याओं द्वारा भगवान शिव के व्रत सुयोग्य वर प्राप्ति के लिए किए जाते हैं. अगर यह व्रत बड़ी श्रद्धा के साथ संतान प्राप्ति या पुत्र प्राप्ति के लिए किए जाते हैं, तो भगवान शिव उनकी मनोकामना को पूर्ण करते हैं. आप 11, 21, 41 इन संख्याओं में भगवान शिव के व्रत सोमवार के दिन कर सकती है.
इन व्रतों को करने का नियम वही है जो आपके परिवार में आपके समाज में प्राचीन समय से चला आ रहा है और आप जब भगवान शिवजी की पूजा करेंगे तो उनसे अपनी संतान प्राप्ति की मनोकामना अवश्य रखें. आप व्रत की संख्याओं का संकल्प लेकर और अपनी इच्छा रख कर भी यह व्रत संपन्न कर सकती हैं.
बाल सेवा उपाय
सेवा और संकीर्तन में अत्यधिक ताकत होती है. संतान प्राप्ति के उद्देश्य से दंपत्ति छोटे-छोटे बच्चों की सेवा करना शुरू करें. इसके लिए आप कुछ छोटे बच्चों के भोजन की व्यवस्था देख सकते हैं या आप किसी ऐसे परिवार के कुछ बच्चों को पढ़ाने का खर्चा उठा सकते हैं, जो अपने बच्चों को पढ़ाने में सक्षम नहीं है या आप समय-समय पर स्कूल में बच्चों को भोजन कराइए. उनके लिए पठन-पाठन की सामग्री या ड्रेस इत्यादि उपलब्ध करवा सकते हैं.
साथ ही साथ अपने जीवन में सादगी और निश्चलता लाने की भी आवश्यकता है. किसी भी प्रकार के समाज विरुद्ध और शास्त्र विरुद्ध कार्य को करने से आपको इस दौरान बचना है बल्कि सदा ही आपको इन कार्यों से दूर रहना है.
भगवान शिव की आराधना आपको रोजाना करना है आप भगवान शिव से जुड़े किसी भी स्तोत्र का पाठ रोजाना कर सकते हैं या सोमवार के दिन आप यह पाठ कर सकते हैं.
सात्विक जीवन जिए सात्विक भोजन ले यह सभी कार्य मिलकर आपकी एनर्जी को इतना अधिक बढ़ा देंगे कि आपकी इच्छा अवश्य पूर्ण हो जाएगी.
निष्कर्ष
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय भगवान शिव की पूजा और साथ ही साथ सामाजिक सेवा से जुड़े हुए है. यह पुत्र प्राप्ति ही नहीं अपितु आपकी किसी भी इच्छा की प्राप्ति के लिए कार्य कर सकते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार साधना, सेवा और संकीर्तन, संकीर्तन अर्थात भजन, स्तोत्र पाठ इत्यादि जीवन का मूल आधार है. इन्हें अपने जीवन में उतारने से आप किसी भी इच्छा की पूर्ति कर सकते हैं. थोड़ा समय अवश्य लग सकता है, लेकिन यह कार्य करते हैं.
यहां आपके विश्वास और श्रद्धा की भी उतनी ही आवश्यकता होती है. अगर किसी महिला को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है, तो वह अपने इलाज के साथ-साथ शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के घरेलू उपाय को भी अपनाएं, संतान की प्राप्ति अवश्य होगी.