किसी भी दंपत्ति को जब संतान प्राप्ति में समस्या का सामना करना पड़ता है, तो फिर तो वह शुक्राणु बढ़ाने की दवा और महिलाओं के लिए दूसरे उपायों की विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं.
आज आपको शुक्राणु बढ़ाने की दवा और शुक्राणु को लेकर कुछ विशेष चर्चा करने वाले हैं.
संतान प्राप्ति नहीं होने में पुरुष या महिला दोनों में से किसी एक के प्रजनन तंत्र में समस्या हो सकती है.
संतान प्राप्ति के लिए पुरुष और महिला दोनों ही बराबर के भागीदार होते हैं. कई बार पुरुषों के स्पर्म की समस्या की वजह से महिलाओं को प्रेगनेंसी होने में समस्या का सामना करना पड़ता है.
पुरुषों के स्पर्म की क्वालिटी, क्वांटिटी और गतिशीलता को कैसे बढ़ाया जाए इस पर चर्चा करेंगे.
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शुक्राणु की संख्या बढ़ाने के लिए दवा कितनी कार्य है
पुरुषों को शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाने के लिए उनकी क्वालिटी, क्वांटिटी और गतिशीलता को मजबूत करने के लिए दवाई पर बिल्कुल भी निर्भर नहीं रहना चाहिए. इसके लिए पुरुषों को अपने लाइफस्टाइल में परिवर्तन करके अपने भोजन में पौष्टिकता को बढ़ाकर, इस समस्या का समाधान लेना चाहिए.
शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए दवाई कार्य करती है, लेकिन जब तक आप मेडिसिन लेते रहेंगे तभी तक यह शरीर शुक्राणुओं के प्रोडक्शन और उनकी क्वालिटी को मेंटेन रखता है.
जैसे ही आप यह मेडिसन लेना बंद कर देते हैं. उसका नेगेटिव प्रभाव नजर आने लगता है. अर्थात शुक्राणुओं की संख्या और क्वालिटी कमजोर होने लगती है.
साथ ही साथ अगर आप कोई मेडिसन इस कार्य के लिए प्रयोग में लाते हैं, तो उसके भी अपने कुछ साइड इफेक्ट होते हैं, जो शरीर में नजर आते हैं.
शुक्राणु कैसे बनते है
पुरुष के अंडकोष में विस्तृत और सूक्ष्म नलियों की एक प्रणाली होती है. इन ट्यूबों, जिन्हें सेमिनिफेरस नलिकाएं कहते हैं. इनके अंदर जर्म कोशिकाएं होती हैं जो पुरुष सेक्स हार्मोन जिसे हम टेस्टोस्टेरोन जिसे हम कहते हैं यह इसके साथ मिलकर शुक्राणु में बदल जाती है.
जर्म कोशिकाएं तब तक विभाजित और बदलती रहती हैं जब तक कि वे एक सिर और छोटी पूंछ वाले टैडपोल के समान नहीं हो जाते. इसे ही शुक्राणु कहा जाता है.
1 दिन में कितने शुक्राणु बनते हैं
किसी भी स्वस्थ पुरुष के शरीर में प्रति सेकंड 1500 शुक्राणु का निर्माण होता है, लेकिन एक शुक्राणु के निर्माण में 2 महीने से भी अधिक का समय लगता है. एक स्वस्थ पुरुष के शरीर में 1 दिन में लगभग 5 Gm स्पर्म का निर्माण हो सकता है.
शुक्राणु की मात्रा पुरुष की उम्र पुरुष के लाइफस्टाइल और पुरुष के भोजन की पौष्टिकता पर भी काफी हद तक निर्भर करती है. एक पुरुष एक बार में 15 ग्राम तक शुक्राणु का उत्सर्जन कर सकता है.
शुक्राणु की कमी के लक्षण
शुक्राणुओं की कमी के लक्षण शरीर में स्पष्ट रूप से नजर आते हैं इन्हें कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी से पहचान सकता है.
अलग अलग व्यक्ति को शुक्राणुओं की संख्या में कमी होने के लक्षण अलग-अलग नजर आते हैं. इसके पीछे कारण यही होता है कि प्रत्येक शरीर किसी भी कमी को लेकर अलग-अलग प्रकार से रिस्पांस देता है, और उसी रिस्पांस के आधार पर लक्षण नजर आते हैं.
यह रिस्पांस व्यक्ति की लाइफ स्टाइल और भोजन पर काफी हद तक निर्भर करता है.
लक्षणों का रिस्पांस व्यक्ति की प्रकृति के आधार पर भी बदल जाता है.
अगर व्यक्ति पहले से ही शरीर में किसी हारमोंस या पोषक तत्व की कमी का शिकार है तो भी उस हार्मोन से संबंधित लक्षण सबसे पहले नजर आते हैं दूसरे लक्षण बाद में नजर आते हैं.
मुख्यतः आपको यह लक्षण शुक्राणु की कमी की वजह से किसी भी पुरुष के शरीर में नजर आएंगे जैसे कि –
- पुरुषों के बाल झड़ना शुरू हो जाते हैं.
- शुक्राणु की कमी और कमजोरी की वजह से यौन इच्छाओं की कमी.
- लिंग में तनाव आना कम हो जाता है, या तनाव काफी कम समय तक रहने लगता है.
- पुरुषों को अलग-अलग प्रकार की यौन समस्याएं भी नजर आने लगती हैं.
- पुरुष पिता बनने की क्षमता खो देता है.
- नपुंसकता और स्तंभन में कमी नजर आती है.
- पुरुषों के शुक्राणु शक्ति का प्रतीक माने जाते हैं. इनकी कमी की वजह से कमजोरी और वीकनेस महसूस हो सकती है.
शुक्राणु की जांच घर पर कैसे करे
शुक्राणु की जांच घर पर करना अब काफी आसान हो गया है. कुछ समय पहले तक लैब जाकर अपना सैंपल देना होता था और एक्सपर्ट द्वारा सीमन सैंपल का एनालिसिस करके रिपोर्ट प्राप्त की जाती थी.
लेकिन अब मार्केट में ऐसी किट उपलब्ध हो गई है जिसकी सहायता से कोई भी पुरुष घर पर ही स्पर्म क्वांटिटी को बड़ी आसानी से घर पर ही चेक कर सकते हैं.
स्पर्म काउंट कैसे करना है, किस प्रकार से प्रोसेस को फॉलो करना है. इसकी सारी इनफार्मेशन आपको फर्टिलिटी टेस्ट किट के ऊपर मिल जाएगी. उसी प्रोसेस को फॉलो करते हुए आप लगभग 20 मिनट के अंदर रिजल्ट प्राप्त कर सकते हैं.
किट के विषय में और अधिक जानकारी आपको नीचे दिए गए लिंक के ऊपर क्लिक करके प्राप्त हो जाएगी.
TIP: संतान प्राप्त नहीं होने की बहुत सारी वजहें होती हैं. क्योंकि संतान प्राप्ति एक काफी लंबी प्रोसेस है. उसमें कई सारी कड़ियों में कौन सी कड़ी टूट गई है, जिसकी वजह से प्रेगनेंसी नहीं हो रही है. इसलिए पुरुषों को सबसे पहले अपने स्पर्म काउंट की जांच करनी चाहिए. जरूरी नहीं कि समस्या यहीं से हो.
शुक्राणु बढ़ाने के लिए कौन सा फल खाना चाहिए
स्पर्म काउंट कम होने पर शुक्राणु बढ़ाने की दवा के साथ-साथ अपने भोजन पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है. शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए, यह आपको पता होना जरूरी है. आपको सभी पोषक तत्वों से भरपूर भोजन के साथ साथ कुछ फलों का सेवन अवश्य करना चाहिए जो आपकी बहुत मदद करेंगे.
- अनार का प्रयोग प्रजनन क्षमता को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए किया जाता है. अनार में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो शुक्राणुओं की संख्या, उसकी गतिशीलता और उसकी क्वालिटी को बढ़ाने में काफी मदद करते हैं.
- केले का प्रयोग भी संतान प्राप्ति की संभावना को बढ़ाने के लिए किया जाता है. पुरुषों को रोजाना दो से तीन केले नियमित रूप से खाने चाहिए. इसके अंदर मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन बी 6 और विटामिन सी स्पर्म काउंट की संख्या और गतिशीलता को मजबूती प्रदान करते हैं.
- अमरुद देखने में इतना सुंदर नहीं होता है, और उसका स्वाद भी काफी मीठा और कभी-कभी फीका नजर आता है. अक्सर इसे खाने से बचा जाता है. लेकिन हम आपको बता दें, अमरूद सामान्य रूप से उपलब्ध सभी फलों में सबसे अधिक पौष्टिक होता है. इसके अंदर सबसे अधिक मिनरल्स, विटामिंस और दूसरे पोषक तत्व पाए जाते हैं. अपनी इस समस्या में अमरूद जैसे फल को न खाना, सोचा भी नहीं जा सकता है.
- शुक्राणुओं की मजबूती संख्या और गतिशीलता को बढ़ाने के लिए एवोकाडो का सेवन काफी लाभदायक रहता है. यह फोलेट से भरपूर होता है. उसके अंदर विटामिन सी, विटामिन बी, विटामिन ई भी मौजूद होते हैं. जो शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में मदद करते हैं. यह फल सहजता से उपलब्ध नहीं होता है, लेकिन यह बहुत लाभदायक है.
- ब्लूबेरी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर लो कैलोरी फ्रूट है, जिसके सेवन से आप शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ा सकते हैं.
शुक्राणु बढ़ाने की दवा
शुक्राणु को बढ़ाने की दवा हर प्रकार की मेडिकल पैथी में दी जाती है. आप एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, और नेचुरोपैथी सभी के अंदर शुक्राणु बढ़ाने की दवा ले सकते हैं. हर पैथी की एप्रोच अलग-अलग प्रकार की होती है.
• किसी पैथी के अंदर डायरेक्ट बॉडी में उन तत्वों को बढ़ाया जाता है जो स्पर्म को बढ़ाने के लिए जो शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं.
• किसी पैथी में भोजन के माध्यम से शुक्राणुओं को बढ़ाने की अप्रोच लगाई जाती है.
• कुछ पैथी में शरीर को इतना बलिष्ट बनाया जाता है आपका इम्यून सिस्टम इतना मजबूत किया जाता है कि वह स्वयं इतना सक्षम हो जाता है कि समस्या को दूर कर सके.
• किसी किसी पैथी में आपके माइंड के उस हिस्से को एक्टिवेट किया जा सके जो इस प्रोसेस को कंट्रोल करता है.
मार्केट में बहुत सारी मेडिसिंस आती है, जो स्ट्रैंथ पावर और स्टैमिना बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाई जाती है. यह सभी मेडिसिंस मुख्य रूप से आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से ही तैयार की जाती है. शुक्राणु बढ़ाने की दवा के रूप में भी कार्य करती हैं.
जो मेडिसन एलोपैथिक कैटेगरी की होती है, उन्हें किसी डॉक्टर की सलाह के बिना प्रिसक्राइब नहीं किया जा सकता है. लेकिन आप आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों को बिना डॉक्टर प्रिसक्रिप्शन के भी प्राप्त कर सकते हैं. इसका कारण यह है, कि जड़ी बूटियां हमारे भोजन का हिस्सा होती हैं और इनके योग आप स्वयं भी ले सकते हैं.
TIP: सफेद मूसली, अश्वगंधा, मुलेठी, शतावरी, जिंसेंग, शिलाजीत, गोखरू, कौंच के बीज इत्यादि कुछ ऐसी जड़ी बूटियां है, जो शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता को बढ़ाने के लिए कार्य करती है. इनसे बना कोई भी आयुर्वेदिक योग आपके लिए फायदेमंद है. साथ ही साथ यह सभी जड़ी बूटियां इम्यून सिस्टम, स्टैमिना और ताकत को भी बढ़ाने का कार्य करती है. जब तक पुरुष के शुक्राणु मजबूत नहीं होंगे, उनकी संख्या प्रचुर मात्रा में नहीं होगी. तब तक स्टेमिना, इम्यून सिस्टम और ताकत नहीं बढ़ती है.
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सफेद मूसली, अश्वगंधा, मुलेठी, शतावरी, जिंसेंग, शिलाजीत, गोखरू, कौंच के बीज इत्यादि जड़ी बूटियां पुरुष सेक्स हारमोंस टेस्टोस्टरॉन के निर्माण को बढ़ाने का कार्य करती है. जैसा कि हमने अभी पहले भी चर्चा की है कि यह हार्मोन शुक्राणुओं के निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाता है. किसकी कमी से शुक्राणुओं की संख्या में रिमरकेबल कमी आती है. इसलिए इसका प्रचुर मात्रा में बनना आवश्यक होता है.
मार्केट में बहुत सारे आयुर्वेदिक मेडिसिन मैन्युफैक्चरर अलग अलग नाम से इन सभी जड़ी बूटियों का प्रयोग करके बहुत नामों से पुरुष सेक्स हारमोंस को बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का योग करके मेडिसन तैयार करते हैं. जिनमें यह सभी या इनमें से कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां अवश्य होती है.
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(टेस्टोस्टरॉन)
- आयुर्वेदिक
- जड़ी बूटियों से निर्मित
- ब्रांडेड
- कस्टमर रिव्यूज
- बजट में (नो एक्स्ट्रा कॉस्ट)
होम्योपैथी में भी बहुत सारी ऐसी मेडिसिंस होती है जो आपकी इस समस्या में काफी कारगर होती हैं लेकिन होम्योपैथी मेडिसिंस की एक प्रमुख गुण यह है, कि यह लक्षणों के आधार पर दवाई देता है. व्यक्ति को एक ही समस्या में अलग-अलग प्रकार के लक्षण नजर आते हैं. इसलिए दवाइयां भी अलग-अलग हो जाती हैं. एक ही प्रकार की समस्या में अलग-अलग व्यक्ति के लिए अलग-अलग प्रकार की दवाइयों का प्रावधान है. इसलिए होम्योपैथिक मेडिसिन भी डॉक्टर की सलाह से ही ली जाती है.
नेचुरोपैथी के अंदर आप अपने लाइफ स्टाइल को बदल कर अपने भोजन की गुणवत्ता में सुधार करके अपनी इस समस्या को ठीक कर सकते हैं. इसके अंदर आपको अपनी लाइफ स्टाइल में भी परिवर्तन करना होगा. सुबह जल्दी उठना, जल्दी शाम को समय से सो जाना, समय से भोजन करना, इसके लिए यह बहुत आवश्यक होता है. साथ ही साथ योगा मेडिटेशन और प्राणायाम यह भी अपने जीवन में उतारने होंगे.
निष्कर्ष
स्पर्म बढ़ाने के लिए कोई भी मेडिसन कभी भी अपनी सलाह पर नहीं लेनी चाहिए. यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है. मेडिसन को लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेना अत्यधिक आवश्यक है. क्योंकि हर मेडिसन हर एक व्यक्ति के लिए नहीं होती है.
अगर आप स्वयं की सलाह पर शुक्राणुओं की कमी को दूर करने के लिए कुछ करना चाह रहे हैं, तो आप अपने भोजन और अपनी लाइफ स्टाइल पर ध्यान देना शुरू करें. साथ ही साथ आप जड़ी बूटियों का प्रयोग भी स्वयं अपनी सलाह पर एक बार कर सकते हैं. हालांकि इसके लिए भी आपको आयुर्वेदाचार्य से सलाह लेने की सलाह देना चाहेंगे.