नमस्कार दोस्तों हमने इस टॉपिक
पर पहले भी काफी सारे POST बनाए हैं. कुछ और तरीके जो रिसर्च
के बाद सामने आए हैं. उनको भी हम आपके सामने लेकर आ रहे हैं, कि आप किस तरह से जेंडर प्रेडिक्शन कर सकते हो.
दोस्तों भारतीय समाज में ही नहीं
अपितु संसार के हर समाज में आने वाले जेंडर को लेकर उत्सुकता रहती ही है. हिंदुस्तान
के अंदर जेंडर प्रिडिक्शन का सबसे विश्वसनीय स्रोत अल्ट्रासाउंड माना जाता है.
लेकिन हम आपको बता दें यह भी 100% सही रिजल्ट नहीं देता है. हम आपको जो तरीके बता रहे हैं. यह समाज में प्रचलित तरीके हैं.
गर्भ में बेटा बेटी होने के लक्षण के विषय में बात करते हैं, जो लगभग लगभग सही बैठते हैं. हम आपको गर्भ में बेटा बेटी होने के 6 लक्षण बताने जा रहे हैं. गर्भ में बेटी या बेटा होने के 4 लक्षण नहीं बल्कि पूरे 6 लक्षणों को लेकर हम यहां चर्चा कर रहे हैं.
गर्भ में बेटा या बेटी जानने के 6 तरीके - Gender Prediction ke 6 Tarikeलेकिन हम आपको बता दें यह भी 100% सही रिजल्ट नहीं देता है. हम आपको जो तरीके बता रहे हैं. यह समाज में प्रचलित तरीके हैं.
गर्भ में बेटा बेटी होने के लक्षण के विषय में बात करते हैं, जो लगभग लगभग सही बैठते हैं. हम आपको गर्भ में बेटा बेटी होने के 6 लक्षण बताने जा रहे हैं. गर्भ में बेटी या बेटा होने के 4 लक्षण नहीं बल्कि पूरे 6 लक्षणों को लेकर हम यहां चर्चा कर रहे हैं.
- यदि आपने ओव्यूलेशन से पहले सेक्स
किया और गर्भ धारण किया है, तो संभावना है कि यह एक लड़की है. यदि आप ओवुलेशन के दिन
या 48 घंटे बाद गर्भ धारण करती हैं, तो यह एक लड़का है. आपको अपना ओवुलेशन पीरियड
पता होना चाहिए.
महिला के सोने के तरीके से जेंडर प्रिडिक्शन
- अगर महिला सोते समय बाई करवट
सोना ज्यादा पसंद करती है, तो उसके गर्भ में एक लड़का है.
वहीं अगर महिला सोते समय दाहिने करवट लेकर सोना ज्यादा पसंद करती है. उसे आराम मिलता है. यह गर्भ में एक लड़की होने की निशानी होता है, गर्भ में बेटी होने का लक्षण है.
गर्भस्थ शिशु की हलचल से जेंडर प्रेडिक्शन
- यह माना जाता है, कि यदि आप अपनी
पसलियों में किक को अधिक महसूस करते हैं, तो यह एक लड़की है.
जबकि पेट के निचले हिस्से में लगा कि किक को अधिक महसूस करते हैं, एक लड़का है. यहां आपको भ्रूण के किक के बारे में जानने की जरूरत है.
सोडा से जेंडर प्रिडिक्शन
- यह कांच के बर्तन में थोड़ा सा बाइकार्ब सोडा ले ले, अब उसके अंदर सुबह के समय पहली बार जो यूरीन रिलीज होता है. उसे मिलाएं. अगर यूरीन और सोडा आपस में मिल जाते हैं. अर्थात सोडा घुल जाता है. यह एक लड़का है. यदि नहीं , तो यह गर्भ में बेटी होने का लक्षण है.
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- अगर प्रेग्नेंसी के समय महिला के पैरों पर सूजन नजर आने लगती है, तो यह गर्भ में लड़की होने का लक्षण है. अगर कोई भी चेंज नजर नहीं आता है, तो यह लड़का होने की निशानी है.
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महिला के चेहरे से जेंडर प्रिडिक्शन
- अगर प्रेगनेंसी के तीन चार महीने
के बाद महिला का चेहरा गोल नजर आने लगता है, तो यह गर्भ में लड़की होने की तरफ इशारा
करता है.
अगर वही महिला का चेहरा लंबा सा लगने लगता है, तो यह गर्भ में एक बेटा होने का संकेत देता है.
दोस्तों महिला के शरीर में आने वाले लक्षणों को देखकर हम शायद इस बात का पता लगाने की महिला के घर में कौन सी संतान है. लेकिन दोस्तों यह भी उतना ही जरूरी है कि हमें उसके स्वास्थ्य का संपूर्ण ध्यान रखना है, उसके पोषण का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है.