स्तन के आकार से जाने गर्भ में लड़का है या लड़की - Gender Prediction Breast size se
दोस्तों भारत देश में लिंग परीक्षण करवाना एक गैर कानूनी कार्य है हम अल्ट्रासाउंड या किसी भी मेडिकल फैसिलिटी के द्वारा लिंग परीक्षण नहीं करवा सकते हैं लेकिन प्राचीन काल से ही भारत देश में महिला की गर्भ में लड़का है या लड़की है इस बात को लेकर काफी जिज्ञासा हमेशा से रहती ही है आज भी है,
लेकिन हम इस बात का कयास लगाने के लिए तो स्वतंत्र हैं कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की हम महिलाओं के स्तन के अंदर आए परिवर्तन से भी इस बात का आइडिया ले सकते हैं।
महिलाओं के जीवनकाल के अलग अलग पड़ाव में स्तनों के आकार में बदलाव आना एकदम से सामान्य सी बात हैं। कभी कभी खानपान के बदलाव के कारण भी और प्रेग्नेंसी में भी महिलाओं के स्तनों के आकार एकदम से बदलाव आ जाता हैं।
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दोस्तों जेंडर पता लगाने का यह तरीका प्राचीन काल से भारतीय समाज में प्रचलित है इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है बस अधिकतर प्रेग्नेंसी के समय ऐसा होता है और समाज में ऐसा देखने में आया है इस वजह से जेंडर प्रिडिक्शन का यह तरीका समाज में मान्य है।
दोस्तों किसी भी प्रेग्नेंसी के समय महिला के गर्भ में या तो लड़का होगा या फिर लड़की होगी दोनों के शरीर में काफी भिन्नता होती है इसी वजह से उनके पालन पोषण में भी शरीर के अंदर अलग-अलग तरह के हार्मोन डिवेलप होते हैं इन्हीं की वजह से महिला के स्तन में जो परिवर्तन आता है वह हम आपको बताएं।
जब महिला को प्रेगनेंसी कंफर्म हो जाती है उसके लगभग 3 महीने के बाद अर्थात चौथे महीने में अगर महिला का दाहिना स्तन बाएं स्तन से देखने में थोड़ा सा बड़ा नजर आता है तो ऐसे में माना जाता है कि महिला के गर्भ में 1 पुत्र संतान पल रही है।
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वहीं अगर महिला का बाया स्तन महिला के दाहिने स्तन से देखने में बड़ा नजर आता है क्योंकि महिला स्वयं शीशे के सामने चेक भी कर सकती है तो महिला के गर्भ में एक पुत्री संतान है, कन्या रत्न की प्राप्ति होगी।
अगर महिला के गर्भ में पुत्र है और पुत्र की के कारण महिला के शरीर में जो हार्मोनल चेंजेज आते हैं उसकी वजह से महिला के स्तन का निप्पल डार्क कलर का हो जाता है काला काला नजर आने लगता है तो माना जाता है कि महिला के गर्भ में एक पुत्र है।
अगर आपके ब्रेस्ट अपने आकार से भारी, मज़बूत और बड़े महसूस हों तो आपको एक बेटी होनेवाली है और अगर आपके ब्रेस्ट्स में कोई विशेष बदलाव नहीं होता तो हो सकता है कि आपको एक बेटा होनेवाला है।
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अगर गर्भवती स्त्री के दाहिने स्थान में पहले दूध आता है तो यह लड़का होने की निशानी माना जाता है,और अगर बाएं स्तन में दूध पहले आता है तो यह है लड़की होने की निशानी है।
लेकिन हम इस बात का कयास लगाने के लिए तो स्वतंत्र हैं कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की हम महिलाओं के स्तन के अंदर आए परिवर्तन से भी इस बात का आइडिया ले सकते हैं।
महिलाओं के जीवनकाल के अलग अलग पड़ाव में स्तनों के आकार में बदलाव आना एकदम से सामान्य सी बात हैं। कभी कभी खानपान के बदलाव के कारण भी और प्रेग्नेंसी में भी महिलाओं के स्तनों के आकार एकदम से बदलाव आ जाता हैं।
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दोस्तों किसी भी प्रेग्नेंसी के समय महिला के गर्भ में या तो लड़का होगा या फिर लड़की होगी दोनों के शरीर में काफी भिन्नता होती है इसी वजह से उनके पालन पोषण में भी शरीर के अंदर अलग-अलग तरह के हार्मोन डिवेलप होते हैं इन्हीं की वजह से महिला के स्तन में जो परिवर्तन आता है वह हम आपको बताएं।
जब महिला को प्रेगनेंसी कंफर्म हो जाती है उसके लगभग 3 महीने के बाद अर्थात चौथे महीने में अगर महिला का दाहिना स्तन बाएं स्तन से देखने में थोड़ा सा बड़ा नजर आता है तो ऐसे में माना जाता है कि महिला के गर्भ में 1 पुत्र संतान पल रही है।
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अगर महिला के गर्भ में पुत्र है और पुत्र की के कारण महिला के शरीर में जो हार्मोनल चेंजेज आते हैं उसकी वजह से महिला के स्तन का निप्पल डार्क कलर का हो जाता है काला काला नजर आने लगता है तो माना जाता है कि महिला के गर्भ में एक पुत्र है।
अगर आपके ब्रेस्ट अपने आकार से भारी, मज़बूत और बड़े महसूस हों तो आपको एक बेटी होनेवाली है और अगर आपके ब्रेस्ट्स में कोई विशेष बदलाव नहीं होता तो हो सकता है कि आपको एक बेटा होनेवाला है।
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अगर गर्भवती स्त्री के दाहिने स्थान में पहले दूध आता है तो यह लड़का होने की निशानी माना जाता है,और अगर बाएं स्तन में दूध पहले आता है तो यह है लड़की होने की निशानी है।
दोस्तों महिला के शरीर में आने वाले लक्षणों को देखकर हम शायद इस बात का पता लगाने की महिला के घर में कौन सी संतान है लेकिन दोस्तों यह भी उतना ही जरूरी है कि हमें उसके स्वास्थ्य का संपूर्ण ध्यान रखना है, उसके पोषण का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है.
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