13 पितृ दोष निवारण के सरल उपाय

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पितृ दोष निवारण के सरल उपाय

हमने पितृ दोष क्या होता है. यह किस प्रकार से कार्य करता है. इसके पीछे क्या वैज्ञानिक तथ्य हैं. इसको लेकर हमने चर्चा की है. आइए धर्म विज्ञान के अनुसार पितृदोष के कुछ उपायों को लेकर हम चर्चा कर रहे हैं.

पितृदोष उस स्थिति को कहा जाता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पितृ दोष उस स्थिति को कहा जाता है. जब कुछ ग्रह की ग्रेविटेशनल फोर्स आपके शरीर की एनर्जी पर नेगेटिव प्रभाव डालती है, और आपके रीप्रोडक्टिव सिस्टम को कमजोर बनाती है.

धर्म के अनुसार ऐसी स्थिति तब बनती है, जब आपने अपने पूर्व जन्म में अपने पितरों के साथ कुछ नाइंसाफी की है.

ऐसे भी कुछ उपाय हैं अगर आप उन उपायों को करते हैं तो उन उपायों से जो भी एनर्जी जनरेट होगी, पैदा होगी. वह एनर्जी उन ग्रहों की एनर्जी को शांत करेगी जो आप पर नेगेटिव प्रभाव डाल रहे हैं, और पितृदोष का योग बना रहे हैं.

यह सभी उपाय धार्मिक विज्ञान के अनुसार बताए जा रहे हैं. इनके पीछे क्या वैज्ञानिक तथ्य है, यह बिल्कुल अनभिज्ञ है. और इन उपायों से जो भी एनर्जी पैदा होगी, वह आपको फायदा करेगी.

कुल मिलाकर पितृ दोष आपके द्वारा पितरों पर की गई नाइंसाफी के कारण है. इसलिए आपको अपने पितृ की सेवा विभिन्न माध्यम से करनी है.

पितृदोष का काफी खर्चीला उपाय आजकल बताया जाता है. लेकिन आप बड़ी आसानी से कुछ कम खर्चे के साथ यह उपाय करे, तो आपको पितृदोष से मुक्ति मिल सकती है. बस आपको अपना समय देना होगा.

पितृ दोष निवारण के सरल उपाय

पितृ दोष निवारण के सरल उपाय

  • अगर आपकी कुंडली में पितृदोष है तो आपको अपने घर के दक्षिण दीवार पर अपने पितरों की तस्वीर टांग कर रोजाना उनकी पूजा और पुष्प अर्पण करने हैं.
  • घर में कपूर जलाने से पितृ दोष का शमन होता है. शाम के समय गुड़ के साथ मिलकर या गाय के देसी घी के साथ मिलकर घर में कपूर अवश्य जलाना चाहिए.
  • जिन व्यक्तियों केकुंडली में पितृदोष होता है उन्हें चिड़िया,गाय,,कुत्ते इत्यादि को रोटी खिलाते रहना चाहिए.
  • पितरों के नाम पर गरीब विद्यार्थियों की मदद करने तथा दिवंगत परिजनों के नाम से अस्पताल, मंदिर, विद्यालय, धर्मशाला आदि का निर्माण करवाने से भी अत्यंत लाभ मिलता है.
  • पितृपक्ष में अपने पितरों की निर्वाण तिथि पर आपको जरूरतमंदों को और ब्राह्मणों को भोजन कराना है. और दान दक्षिणा देनी है. इन दिनों जो भी व्यक्ति आपके यहां भोजन प्राप्त करके तृप्ति प्राप्त करेगा, उससे आपके पितरों को भी शांति मिलती है. ताकत मिलती है, और वह आपकी रक्षा करते हैं.
  • पीपल या बरगद के वृक्ष को जल चढ़ाते रहना चाहिए.
  • पितृ दोष में पीपल के पेड़ का अत्यधिक महत्व माना जाता है. पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वाद मांगें.
  • आप पूजा पाठ के माध्यम से भी पितृदोष को शांत कर सकते हैं. इसके लिए शाम के समय आपको दीपक जलाकर नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय जाप, रुद्र सूक्त या पित्र स्तोत्र अथवा नवग्रह स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. किसी भी एक या दो पाठ को आप रोजाना करें. इसके लिए आप किसी ज्ञानी पंडित से अपनी कुंडली के अनुसार यह भी पता लगा सकते हैं कि आपके लिए कौन सा पाठ उचित रहेगा.
  • माना जाता है, भगवत गीता का रोजाना पाठ करने से पित्र दोष समाप्त होने लगता है.
  • पवित्र पीपल तथा बरगद के पेड़ लगाएं। विष्णु भगवान के मंत्र जाप, श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से भी पित्तरों को शांति मिलती है और दोष में कमी आती है.
  • पित्र दोष के निवारण के लिए माथे पर केसर का तिलक लगाना चाहिए.
  • आप अपने इष्ट देवता अथवा और कुल देवता की पूजा रोजाना करें. इससे भी पित्र दोष शांत होता है. आप के कुल देवता कौन हैं, यह आपके बड़े बुजुर्ग जानते होंगे. और आप अपने जन्मदिवस के अनुसार अपने इष्ट देवता के बारे में जान सकते हैं. कोई भी ज्ञानी पंडित आपको बता देंगे जैसा कि मेरे इष्ट देवता शनि महाराज है.
  •  कुंडली में पितृदोष होने से किसी गरीब कन्या का विवाह या उसकी बीमारी में सहायता करने पर भी लाभ मिलता है. आप अपनी बहन बुआ या किसी विधवा स्त्री की मदद करते रहे और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

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