अधिकांश महिलाओं को शारीरिक और मानसिक कारणों की वजह से प्रजनन क्षमता में आजकल दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है इसके अंदर प्रमुख कारण हमारा लाइफस्टाइल भोजन और मशीनों पर अत्यधिक डिपेंड होना इत्यादि है.
अगर हम अपनी लाइफ स्टाइल के अंदर योगा मेडिटेशन या प्राणायाम को शामिल कर लेते हैं तो यह हमारे शरीर की एनर्जी को स्ट्रीम लाइन कर देता है शरीर की जीवन शक्ति को बढ़ा देता है जिससे किसी भी प्रकार से प्रेगनेंसी कंसीव करने में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा.
आज हम बात करेंगे —
प्रेगनेंसी वर्धक योग किया है. बांझपन के प्रमुख कारण कौन-कौन से होते हैं. योग मुद्राएं प्रजनन क्षमता को कैसे बढ़ाते हैं. प्रजनन और गर्भाधान के लिए योगासन के क्या लाभ है और कौन कौन से योगासन करने चाहिए.
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प्रेगनेंसी वर्धक योग से क्या मतलब है
- गा हमारी एक 5000 साल पुरानी भारतीय परंपरा है. एक साधना है, जो मन को शरीर को आत्मा को उन्नत करती है. बदलाव लाती है, और शरीर की जीवन शक्ति को बढ़ाती है.
- प्रजनन शक्ति को बढ़ाने के लिए कोई विशेष प्रकार के योग नहीं है, बल्कि कुछ विशेष आसनों का मुद्राओं का एक संग्रह है, जो महिला के तनाव को कम करता है.
- जीवन शक्ति को बढ़ाता है. शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में मदद करता है.
- जिससे शरीर की इम्यून शक्ति बढ़ जाती है, और शरीर में जो भी समस्या होती है. शरीर की जीवन ऊर्जा बढ़ने से वह धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है.
- यह केवल स्पेशल प्रजनन तंत्र के लिए ही कार्य नहीं करता बल्कि पूरे शरीर के लिए कार्य करता है, और रिप्रोडक्शन में मात्र प्रजनन तंत्र का ही कार्य नहीं होता है बल्कि यह सभी तंत्रों का सामूहिक कार्य होता है.
- प्रेगनेंसी के लिए महिला के शरीर का हर एक तंत्र सही तरीके से कार्य करें यह जरूरी है. अगर कोई भी तंत्र कमजोर रह जाता है, तो प्रेगनेंसी होने में दिक्कत होती है. अगर प्रेगनेंसी होती जाती है, तो कंप्लीट होने में प्रॉब्लम होती है.
बांझपन के प्रमुख कारण कौन-कौन से होते हैं
बांझपन के प्रमुख कारणों में है —
- महिला का की उम्र का निकल जाना. अगर महिला 30 की उम्र के बाद संतान प्राप्ति की कोशिश करती है, तो समस्या आती है.
- अगर महिला धूम्रपान या नशीले पदार्थों का सेवन करती है. तो यह प्रजनन क्षमता को कमजोर करते हैं.
- शराब भी प्रजनन क्षमता पर बुरा प्रभाव डालती है. कई प्रकार के शोधों से यह बात सिद्ध हुई है.
- आजकल हमारा भोजन काफी दूषित हो गया है. हम फास्ट फूड पर अधिक निर्भर रहते हैं. इसमें किसी भी प्रकार का पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं. ऐसा भोजन खाने से भी शरीर कमजोर होता है और कमजोर शरीर में प्रेगनेंसी नहीं होती है.
- अगर महिला को कोई संक्रमण है महिला का रिप्रोडक्टिव तंत्र कमजोर है, तब भी महिला को प्रेगनेंसी में दिक्कत आती है. या महिला के रिप्रोडक्टिव तंत्र में कोई गांठ हो गई है, फोड़े फुंसी है PCOS की समस्या है तब भी प्रेगनेंसी में दिक्कत आती है.
- महिलाओं के अंदर हार्मोन अल डिसबैलेंस इसका प्रमुख कारण होता है.
- अगर तनाव की समस्या अधिक है तब भी प्रेगनेंसी में दिक्कत आती है.
योग मुद्राएं प्रजनन क्षमता को कैसे बढ़ाते हैं
योगासन करने से सबसे पहले तो महिला की जीवन शक्ति में बहुत ज्यादा वृद्धि होती है. जीवन शक्ति मजबूत होती है, तो इम्यून सिस्टम बहुत ज्यादा मजबूत होता है, और अधिक जीवन ऊर्जा और मजबूत इम्यून सिस्टम महिला के शरीर में छोटी-मोटी समस्याओं को अपने आप धीरे-धीरे समाप्त करने लगता है.
जैसे कि —
- हार्मोन अल डिसबैलेंस सही हो जाता है.
- इरेगुलर पीरियड्स की समस्या निपट जाती है.
- PCOS जैसी समस्या में भी राहत मिलती है.
- बहुत से ऐसे अनजाने कारण होते हैं जिनकी वजह से प्रेगनेंसी में रुकावट आती है वह भी धीरे-धीरे स्वता ही दूर हो जाते हैं.
- योगासन से शरीर के अंदर रक्त प्रवाह बढ़ जाता है.
इस वजह से काफी सारी समस्याएं अपने आप दूर होने लगती हैं.
कौन से योगासन करें
कोई भी योगासन हमेशा किसी योगाचार्य के सानिध्य में ही करना चाहिए तभी उसका उचित फल प्राप्त होता है क्योंकि आपकी समस्या के लिए योगासन कर रहे हैं उसके अनुसार करने की विधि में थोड़ा सा अंतर आ जाता है जिसे योगाचार्य बड़ी आसानी से बताएं सकता है
कुछ योगा है जैसे कि ——
- भ्रामरी प्राणायाम
- नाड़ी शोधन प्राणायाम
- कपालभाति प्राणायाम
- हस्त पादासन
- पश्चिमोत्तानासन
- जानू शीर्षासन
- बद्ध कोणासन
- सुध बुध कोणासन
- बालासन
- सर्वांगासन
- सेतुबंध आसन
- भुजंगासन
- विपरीत करनी आसन
- उपविष्ट कोणासन
- सालम्ब शीर्षासन
- शवासन
किस आसन से प्रेगनेंसी कंसीव करने के लिए किन किन समस्याओं का समाधान होता है इस पर हम चर्चा अपने आने वाले आर्टिकल्स में करेंगे.