हम प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए एक Tips को लेकर आपके सामने आए हैं.
दोस्तों अगर आपको अपनी प्रजनन क्षमता मजबूत रखनी है और प्राकृतिक तरीके से मजबूत रखनी है तो उसके लिए आपके भोजन में फाइटोन्यूट्रिएंट्स होना बहुत जरूरी है.
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फाइटोन्यूट्रिएंट्स
फाइटोन्यूट्रिएंट्स होता क्या है, यह कहां मिलेगा और इसके क्या क्या फायदे हैं
अलग-अलग प्रकार के फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं. फाइटोन्यूट्रिएंट्स की कैटेगरी होती हैं. उनके कैटेगरी की भी सब कैटेगरी होती हैं, और आप कह सकते हो कि हजारों प्रकार के फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं.
फाइटोन्यूट्रिएंट्स, जिन्हें फाइटोकेमिकल्स के नाम से भी जाना जाता है, पौधों द्वारा उत्पादित वह रसायन होते हैं, जो उनके स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक होते हैं. ये फाइटोकेमिकल्स पौधों को कीटों के हमलों और पराबैंगनी किरणों से बचाते हैं.
बहुत सारे फाइटोन्यूट्रिएंट्स हमारे लिए भी अत्यधिक फायदेमंद होते हैं, और यह हमारी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में काफी मदद करते हैं.
फाइटोन्यूट्रिएंट्स के प्रकार
हजारों प्रकार के फाइटोन्यूट्रिएंट्स हैं पर वैज्ञानिकों द्वारा केवल कुछ की ही पहचान स्वास्थ्य-वर्धक रसायनों के रूप में की गयी है. निम्नलिखित कुछ फाइटोन्यूट्रीएंट के प्रकार हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं.
- एंथोसायनाइड
- कैरोटीनॉयड
- कैपसेसिन
- कर्क्यूमिन
- एलॉजिक एसिड
- फ्लेवनाइड
- ग्लूकोसाइनोलेट
- फाइटोएस्ट्रोजन
- रसवेराट्रोल
- टैनिन
जितने भी यह फाइटोन्यूट्रिएंट्स हमने बताए हैं, इनके भी काफी सारे प्रकार होते हैं, और यह स्वयं हजारों में होते हैं.
इनका फायदा क्या होता है
दोस्तों आपने देखा होगा कि डॉक्टर विभिन्न प्रकार की समस्याओं में आपको अनुपूरक अर्थात सप्लीमेंट लेना बताते हैं. इनके अंदर फाइटोन्यूट्रिएंट्स की एक प्रचुर मात्रा उपलब्ध होती है, जो विभिन्न प्रकार के समस्याओं में हमारी मदद करती है.
सबसे पहले तो यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है हमारी प्रतिरोधक क्षमता स्ट्रांग होती है, तो छोटी-मोटी समस्याएं छोटी मोटी बीमारी हमें नहीं होती है.
हमारा पाचन तंत्र ठीक रहता है. सभी प्रकार के पोषक तत्व हमारा शरीर सही तरीके से अवशोषित करता है हमारे ब्लड के अंदर ऑक्सीजन की प्रचुर मात्रा बनी रहती है, जो की प्रजनन क्षमता के लिए अत्यधिक आवश्यक है.
एंटी ऑक्सीडेंट और anti-inflammatory एंटीवायरल ,एंटीफंगल इनके अंदर होते हैं. इनकी कमी से हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग लगते हैं जैसे कि कैंसर डायबिटीज दिल की बीमारी गुर्दे और लीवर के रोग और भी बहुत सारी बड़ी-बड़ी बीमारियां हैं जो उनकी कमी से हमें हो सकती हैं.
हमारा शरीर साथ मिलकर कार्य करता है.
आपको लग रहा होगा कि अगर मेरे कमर में दर्द है या मेरे घुटने में दर्द है तो यह मेरी प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करेगा. अगर सीधे तौर पर प्रभावित नहीं करेगा तो अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करेगा पर करेगा जरूर.
सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि अगर आपके घुटनों में दर्द है, तो आप शारीरिक मेहनत नहीं कर पाएंगे. आप एक ही जगह बैठे रहेंगे. आपका शरीर धीरे-धीरे मोटा हो जाएगा. आपकी पाचन क्रिया कमजोर हो जाएगी. आपके ब्लड के अंदर ऑक्सीजन की मात्रा धीरे-धीरे कम होने लगेगी. आपके अंग कमजोर होने लगे, क्योंकि आप उनका प्रयोग ही नहीं कर रहे हैं. ऐसे में किसी भी व्यक्ति की प्रजनन क्षमता मजबूत नहीं रह सकती.
शरीर में कोई भी रोग हो जाए चाहे आपका दिल कमजोर हो, चाहे डायबिटीज हो, चाहे लीवर या गुर्दे से संबंधित बीमारी हो, आपके प्रजनन क्षमता पर प्रभाव जरूर पड़ता है, क्योंकि यह एक ऐसा कार्य है जो शरीर की मजबूती पर निर्भर करता है, इसके लिए शरीर के सभी अंगो का प्रॉपर तरीके से काम करना आवश्यक है, अगर शरीर में कहीं भी कुछ भी कमी है तो आप की प्रजनन क्षमता पर प्रभाव अवश्य पड़ता है चाहे आपको नजर आए या नहीं आए.
फाइटोन्यूट्रिएंट्स शरीर को स्वस्थ और मजबूत रखने में काफी मदद करते हैं ऑक्सीजन की मात्रा आपके शरीर में बनाए रखते हैं आपकी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखते हैं आपके शरीर को स्वस्थ रखते हैं ताकि आप अपने शरीर को एक्टिव बनाए रखें और एक एक्टिव शरीर की प्रजनन क्षमता ही मजबूत होती है.
आप देखेंगे कि एक बैठे बैठे काम करने वाले व्यक्ति की तुलना में एक एथलीट की प्रजनन क्षमता मजबूत होती है.
अगर आप अपने शरीर को एक्टिव रखना चाह रहे हैं और बीमारी की वजह से वह शरीर एक्टिव नहीं रह पा रहा है तो फाइटोन्यूट्रिएंट्स आपकी मदद करते हैं.
अगर आप स्वयं ही अपने शरीर को एक्टिव नहीं रखना चाह रहे हैं तो फिर ईश्वर भी आपकी मदद नहीं कर सकता.
तो बस हमें यह समझना है कि हमें फाइटोन्यूट्रिएंट्स की आवश्यकता है और यह हमें कहां से मिलेगा तो इसका सबसे अच्छा स्रोत हमारे फल और सब्जियां होती है जो फल जितना ज्यादा चटक रंग का होता है उसमें फाइटोन्यूट्रिएंट्स उतने अधिक पाए जाते हैं इसलिए आपको चटक रंग वाले फल और सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करना.
अगर आप एक रोटी के साथ एक कटोरी सब्जी खाते हैं तो आपको एक रोटी के साथ दो कटोरी सब्जी खानी है. इस अंदाज में आप फल और सब्जियों को अपने भोजन में बढ़ाएं.
चटक रंग की सब्जी और फल की बात हम यहां कर रहे हैं हम यहां वह बात नहीं कर रहे हैं कि आप फास्ट फूड जाकर खा रहे हैं और उसमें चटक रंग की चटनी से आपने खाया तो फायदा मिलेगा वह तो आप केमिकल ले रहे हैं.
फास्ट फूड से दूर रहें और दाल सब्जी और फलों पर कंसंट्रेट करें आपकी प्रजनन क्षमता मजबूत होगी साथ ही साथ अपने शरीर को एक्टिव बनाए भी आपको रखना है कभी इसका पूरा फायदा मिलेगा.
जब इतनी बड़ी मात्रा में फल फ्रूट और सब्जियों का इस्तेमाल अपने भोजन में करेंगे तो इससे महिलाओं के अंडे की क्वालिटी और पुरुषों के स्पर्म की क्वालिटी भी सुधर जाएगी और आप देखेंगे कि कुछ ही महीनों में आपके यहां प्रेगनेंसी की खुशखबरी प्राप्त हो गई है.