क्या योगासन और प्राणायाम की मदद से प्रेगनेंसी हो सकती है

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महिला जो माता तो बनना चाह रही है, लेकिन उन्हें कुछ विशेष समस्याएं हैं, जिनकी वजह से प्रेगनेंसी कंसीव होने में दिक्कत आ रही है. योगासन और प्राणायाम के द्वारा किस प्रकार से अपने शरीर को डिटॉक्सिफाई करते हुए प्रेगनेंसी कंसीव के लिए आदर्श स्थिति को पैदा किया जाए. इस संबंध में बात करेंगे.

प्रेगनेंसी में योगा मेडिटेशन कैसे हेल्प करते हैं – Meditation Yoga help for pregnancy

असल में योगा और मेडिटेशन आपके शरीर में मानसिक शांति और जीवन ऊर्जा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.

शरीर की जीवन ऊर्जा जब बढ़ती है, तो आपकी इम्यून सिस्टम भी बहुत मजबूत होता है और शरीर अपने अंदर आए हुए सभी कमियों को धीरे-धीरे दूर करने लगता है.

क्योंकि उसके अंदर यह सब करने की ताकत आ गई है. उसकी ऊर्जा बढ़ गई है, तो आपका रिप्रोडक्टिव सिस्टम ही सही नहीं होगा. बल्कि शरीर के दूसरे तंत्र भी अपने आप को मजबूत करते हैं.

क्योंकि रिप्रोडक्शन में शरीर के सभी तंत्र की आवश्यकता होती ही है क्योंकि यह सबसे बड़ा काम होता है.

प्राणायाम और योगा की मदद से प्रेगनेंसी कैसे कंसीव करें

प्रेगनेंसी कंसीव नहीं होने के कारण – Cause of Infertility

कंसीव नहीं होने के बहुत सारे कारण होते हैं. पुरुषों के कारण भी महिला प्रेगनेंसी कंसीव नहीं कर पाती है. और महिलाओं में भी ऐसे बहुत सारे कारण होते हैं, जिनके कारण महिला प्रेगनेंसी कंसीव कर पाने में दिक्कत महसूस करते हैं. आज हम महिलाओं से संबंधित समस्या पर चर्चा करेंगे.

आदर्श जीवन की चाहत

माता पिता अपने बच्चे को एक आदर्श जीवन देने के चक्कर में कभी-कभी बच्चे की प्लानिंग को लेकर देरी कर देते हैं और ऐसे में महिला के गर्भवती होने का एक आदर्श समय निकल जाता है.

सही उम्र में कोशिश नहीं करना

यह उम्र 20 वर्ष से लेकर 30 वर्ष की होती है, जो आदर्श मानी जाती है. यहां पर महिला में कोई समस्या नहीं है, लेकिन शरीर अब साथ नहीं दे रहा है तो प्रेगनेंसी होने में दिक्कत होती है.

प्रेगनेंसी की सही प्रोसेस नहीं पता होना

जिस महीने दंपत्ति प्रेगनेंसी की कोशिश करते हैं, तो उन्हें लगता है कि हमने कोशिश इस महीने की है तो प्रेगनेंसी हो जाएगी.

लेकिन वह यह नहीं जानते हैं कि प्रेगनेंसी होने में 1 महीने से लेकर 6 महीने तक का टाइम भी लग सकता है. इसके पीछे बहुत से कारण होते हैं उस पर तो हम चर्चा नहीं करेंगे. पहले भी कर चुके हैं.

और जब पहले महीने प्रेगनेंसी नहीं होती है तो महिला तनाव में आ जाती है. दुनिया भर के विचार उसके मन में आने लगते हैं, और ऐसे ही 2 या 3 महीने निकल जाने पर कभी-कभी अत्यधिक तनाव और डिप्रेशन की स्थिति आ जाती है.

इससे महिला के पीरियड पर फर्क पड़ता है, और दूसरे प्रकार की समस्याएं महिला को होने लगती है.

लाइफस्टाइल

हमारी लाइफस्टाइल के कारण भी महिला को प्रेगनेंसी होने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है.
पुरुष और महिला का अव्यवस्थित लाइफ़स्टाइल भी प्रेगनेंसी होने में समस्या पैदा करता है. क्योंकि शरीर हमेशा नियम के साथ चलना पसंद करता है, जैसा कि हम जानते हैं, कि कोई भी मशीन एक निश्चित स्थिति में चलती है. ऐसे ही हमारा शरीर भी एक निश्चित स्थिति में चलता है.
खाना-पीना का टाइम निश्चित नहीं हो ना
सोने और जागने का समय निश्चित नहीं होना यह सब बहुत प्रभाव डालता है.

महिला के पीरियड रेगुलर

अगर महिला के पीरियड रेगुलर नहीं होते हैं तो इस बात का पता ही नहीं चलता है कि ओवुलेशन पीरियड कब रहता है. ऐसे में प्रेगनेंसी होने में समस्या होती है, और इरेगुलर पीरियड के दौरान महिला के अंडों की गुणवत्ता भी बिगड़ सकती है. इन सब में भी योगा बहुत हेल्प करता है.

हार्मोन अल डिसबैलेंसी

कभी-कभी प्रेगनेंसी नहीं होने का कारण महिला के शरीर के अंदर हार्मोन अल डिसबैलेंसी भी होती है. क्योंकि प्रेगनेंसी में हारमोंस का प्रमुख रोल होता है. अगर इन की मात्रा अत्यधिक कम या अधिक हो जाए तो भी प्रेगनेंसी होने में समस्या होती है. यह हमारे लाइफस्टाइल और भोजन पर निर्भर करता है. इन सब में भी योगा बहुत हेल्प करता है.

आपने अक्सर सुना होगा कि पुरुष और महिला अपनी रिपोर्ट कर आते हैं रिपोर्ट नॉर्मल आती है लेकिन फिर भी प्रेगनेंसी नहीं होती है आईडेंटिफाई कारणों के वजह से प्रेगनेंसी नहीं होती है इन सब में भी योगा बहुत हेल्प करता है

प्राणायाम और योगा के लाभ – Benefits of meditation yoga for pregnancy

जितनी भी समस्याएं हमने ऊपर बताई है इन सब में योगा और मेडिटेशन आपकी मदद कर सकते हैं और इन समस्याओं को दूर करने में आपकी हेल्प कर सकते हैं.

सबसे पहले तो आप बाबा रामदेव जी के द्वारा बताए गए अनुलोम विलोम और दूसरे प्राणायाम को अपने जीवन में उतारे कम से कम रोजाना 15 मिनट इनका अभ्यास अवश्य करें.

  • यह आपके शरीर को स्ट्रीमलाइन करते हैं.
  • आपके शरीर में तनाव से आई कमी को दूर करते हैं. तनाव को कम करते हैं.
  • इससे हमारे मस्तिष्क को शांति मिलती है वह सही तरीके से कार्य कर सकता है और हारमोंस के पैटर्न में आई कमी भी धीरे-धीरे दूर होने लगती है.

प्रेगनेंसी नहीं होने का जो आईडेंटिफाई कारण होता है, उसे भी सॉल्व करने में मदद करते हैं,

प्राणायाम से शरीर की जीवन ऊर्जा बढ़ती है और जब शरीर की जीवन ऊर्जा बढ़ती है तो शरीर से सभी कमियां सभी रोग धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं जैसे कि महिलाओं को PCOS की समस्या, अनियमितता periods की समस्या या दूसरी समस्याएं जो है वह दूर होने लगती है.

  • मन की शांति को बढ़ाने के लिए
  • अपने तनाव को दूर करने के लिए
  • डिप्रेशन से निकलने के लिए
  • मुख्य रूप से  जीवन ऊर्जा को बढ़ाने के लिए आप मेडिटेशन करें. यह आपके रीप्रोडक्टिव सिस्टम ताकत देता है.

मेडिटेशन के भी बहुत सारे तरीके होते हैं आप इंटरनेट के माध्यम से जान सकते हैं. किसी स्पेशलिस्ट की सानिध्य में यह सब कर सकते हैं आपको फायदा जरूर होगा.

प्रेगनेंसी के लिए लाभदायक योगासन – Helpful yoga for pregnancy

बहुत सारे योगासन प्रेगनेंसी  कंसीव प्रोसेस को मजबूत करने में मदद करते हैं.

बद्धकोणासन

इस आसन को करने से लोअर बैक और हिप्स दोनो में अच्छी तरह स्ट्रेच होता है जिससे स्ट्रेस, टेंशन कम हो पाता है और ओवरी में ब्लड का सर्कुलेशन बेहतर तरीके से हो पाता है।

विपरित वीरभद्रासन

इस आसन को करने से आपके बॉडी के इंटरनल ऑर्गन्स को मजबूती मिलने के साथ फिर से नवयौवन जैसी शक्ति मिल जाती है। शरीर में ब्लड का फ्लो अच्छी तरह से हो पाता है जिससे थकान कम होती है और मन भी शांत हो जाता है।

मत्यासन

इस आसन का पूरा लाभ शरीर के प्रजनन तंत्र को मिलता है। इस आसन को करने से एक तो शरीर अच्छी तरह से स्ट्रेच्ड होता है ऊपर से एबडोमेन का ब्लड का सर्कुलेशन अच्छी तरह से हो पाता है।

भुजंगासन- इस पोज़ से हिप स्ट्रेच्ड होता है और पेल्विक एरिया में ब्लड फ्लो अच्छी तरह से होने लगता है जिससे मां बनने का चांस कुछ हद तक बढ़ जाता है।

विपरीतकरणी

 इस आसन को करने से पेल्विस और ओवरी एरिया में ब्लड का सर्कुलेशन बेहतर तरीके से हो पाता है। इस आसन को करने से मन और शरीर शांत होने के साथ शरीर भी रिलैक्स हो जाता है।

अगर आप यह आसन इंटर कोर्स के बाद प्रयोग में लाए तो यह आपकी फर्टिलिटी को बढ़ाने में काफी मदद करता है

दोस्तों अगर आप योगा की मदद से प्रेगनेंसी कंसीव करने की कोशिश कर रहे हैं तो आपको अपनी लाइफ स्टाइल में भी थोड़ा परिवर्तन लाना होगा आपको जब तक प्रेगनेंसी कंसीव नहीं होती है और डिलीवरी नहीं होती है तब तक आपको अपनी लाइफ स्टाइल को बिल्कुल नियमित करना होगा.

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