प्रेगनेंसी में सालमन मछली खाने के फायदे और नुकसान

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प्रेगनेंसी के दौरान हर भोजन को सोच समझकर ही खाना चाहिए, और उसकी निश्चित मात्रा ही हमें लेनी है. क्योंकि यह गर्भस्थ शिशु के लिए बहुत आवश्यक होता. भोजन की अनियंत्रित मात्रा एक बार को गर्भवती महिला को तो नुकसान कितना नहीं पहुंचाती है, लेकिन वह गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है.

ऐसा ही एक भोजन है सामन मछली , क्या यह प्रेगनेंसी में खाना चाहिए या नहीं खाना चाहिए. क्योंकि प्रग्नैंसी के दौरान कुछ लोग मछली खाना बताते हैं और कुछ कहते हैं कि प्रेगनेंसी में मछली नहीं खानी चाहिए.

हम बात करने वाले हैं
क्या गर्भवती को सामन मछली खानी चाहिए. प्रेगनेंसी में सामन मछली खाने के फायदे, प्रेगनेंसी में सामन मछली खाने के साइड इफेक्ट और अगर आप मछली खा रहे तो कैसे खाएं और कुछ सावधानियां

क्या गर्भवती को सामन मछली खानी चाहिए

सामन मछली खाने में बहुत ज्यादा स्वादिष्ट होती है, और यह हेल्दी भी मानी जाती है. गर्भावस्था के दौरान इसे खाना चाहिए या नहीं खाना चाहिए, तो हम सलाह देंगे कि यह प्रेगनेंसी में खाई जा सकती है.
सामन मछली में बहुत ज्यादा न्यूट्रिशंस पाए जाते हैं. यह गर्भवती महिला और उसके गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए काफी लाभदायक होती है.

सामन मछली में Fat भी कम होता है. इस मछली को खाने से कई प्रकार के रोग प्रेगनेंसी में नहीं लगते हैं. और गर्भस्थ शिशु का विकास भी उचित प्रकार से होता है.

प्रेगनेंसी में सालमन मछली खाने के फायदे और नुकसान

प्रेगनेंसी में सामन मछली खाने के फायदे

मस्तिष्क का विकास

शिशु के मस्तिष्क का विकास एक बहुत महत्वपूर्ण क्रिया होती है. सामन मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क के विकास के साथ-साथ और बहुत सारे शारीरिक विकास के लिए आवश्यक होता है. तंत्रिका तंत्र मजबूत बनता है.

संपूर्ण शारीरिक विकास

सामन मछली में पाए जाने वाले प्रोटीन और विटामिन से शिशु की मांसपेशियों का विकास उचित प्रकार से होता है ब्लड प्रेशर का उत्तर सही बना रहता है. दिल के रोग नहीं होते हैं. महिला और गर्भस्थ शिशु दोनों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है. साथ ही साथ बच्चे की दृष्टि, त्वचा और बालों के लिए आवश्यक विटामिन सामन मछली के अंदर के  पाए जाते हैं .

दिल स्वस्थ रहे

सामन मछली में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखते हैं. इससे दिल अत्यधिक स्वस्थ रहता है.

प्रीमेच्योर डिलीवरी सुरक्षा

सामन मछली खाने से समय से पहले डिलीवरी होने की आशंका बहुत कम हो जाती है.

अच्छी मात्रा में डी एच ए

सामन मछली के अंदर डी एच ए अच्छी मात्रा में होता है, जो बच्चे के विकास में बहुत ज्यादा मदद करता है. साथ ही साथ महिला को डिप्रेशन से भी बचाता है.

सामन मछली के साइड इफेक्ट

मछलियों के अंदर काफी मात्रा में मरक्यूरी पाया जाता है. जो गर्भस्थ शिशु के लिए बहुत ज्यादा नुकसान दायक होता है. लेकिन कुछ मछलियां ऐसी भी होती है. जिनमें मरक्यूरी कुछ ही मात्रा में पाया जाता है. सामन मछली भी एक ऐसी मछली है, जिसमें मरक्यूरी कम मात्रा में पाया जाता है. इसलिए इसे प्रग्नैंसी में खाना बताया जाता है.
अगर आप अधिक मात्रा में सामन मछली का प्रयोग कर रहे हैं, तो उसने पाया जाने वाला मरक्यूरी आपके शरीर में अधिक मात्रा में एकत्र हो जाएगा. यह गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है.
कुछ विशेष परिस्थितियों में यह कैंसर का कारण ही बनती है.

प्रेगनेंसी में सामन मछली कैसे खाएं

प्रेगनेंसी के दौरान आपको ऐसी मछली खानी चाहिए. जिसको बहुत ज्यादा समय पहले नहीं पकड़ा गया हो अर्थात पुराना मांस खाने से बचना चाहिए.
कच्ची मछली खाने से बिल्कुल परहेज करना चाहिए. मछली को बहुत अच्छी तरह से पका कर ही खाना चाहिए. क्योंकि इनमें कुछ बैक्टीरिया होने का खतरा होता है.
मछली को पका कर 1 या 2 घंटे के अंदर खा लेना चाहिए. उसके बाद गर्भवती महिला को मछली खाने से बचना चाहिए.

कुछ सावधानियां

मछली बहुत पहले पकड़ी गई नहीं होनी चाहिए पुरानी मछली के अंदर बैक्टीरिया पनपने लगते हैं.
मछली को बहुत अधिक मसालों के साथ पका कर खाना प्रेगनेंसी में सुरक्षित नहीं होता है.
कच्ची मछली प्रेगनेंसी में बहुत ज्यादा नुकसान दे सकती है.

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