प्रोजेस्टेरोन क्यों जरूरी होता है

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हम प्रोजेस्ट्रोन हारमोंस को लेकर चर्चा करने जा रहे हैं. हम बात करेंगे…..

प्रोजेस्ट्रोन हारमोंस क्या है,प्रोजेस्ट्रोन कब कब बनता है और महिला के लिए इसका क्या महत्व है, प्रेगनेंसी में इसका क्या महत्व है.

प्रोजेस्ट्रोन हारमोंस क्या है, प्रोजेस्ट्रोन कब कब बनता है

प्रोजेस्ट्रोन को प्रेगनेंसी हारमोंस भी कहा जाता है. जो प्रेगनेंसी के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक होता है, बल्कि इसकी आवश्यकता प्रेगनेंसी के पहले स्टेप से ही शुरू हो जाती है. जब महिला के शरीर में प्रेग्नेंसी के लिए अंडा तैयार हो रहा होता है, तभी से इसका कार्य शुरू हो जाता है. और प्रेगनेंसी के अंत तक काफी महत्वपूर्ण भूमिका प्रेगनेंसी में निभाता है.

महिला के शरीर में इस हारमोंस का निर्माण ओवरी के अंदर होता है. एड्रेनल ग्लैंड में भी इसका निर्माण होता है और जब महिला गर्भवती होती है, तो प्लेसेंटा के माध्यम से भी यह बनाया जाता है.

प्रोजेस्टेरोन क्यों जरूरी होता है

महिला के लिए इसका क्या महत्व है

  • महिलाओं के अंदर प्रेगनेंसी होने के लिए यह प्रोजेस्ट्रोन काफी महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि प्रेगनेंसी की शुरुआती प्रोसेस के अंदर इस हारमोंस का काफी योगदान रहता है. इसकी कमी से प्रेगनेंसी हो ही नहीं पाती है.
  • प्रोजेस्ट्रोन महिला की योनि के अंदर म्यूकस को बनाने में काफी मदद करता है. यह म्यूकस कई प्रकार के संक्रमण से महिला को बचाता है.
  • प्रोजेस्ट्रोन हारमोंस महिला की कामेच्छा के ऊपर भी काफी प्रभाव डालता है. इसलिए इसका सही मात्रा में होना अत्यधिक आवश्यक होता है.
  • प्रोजेस्ट्रोन हर महा प्रेगनेंसी के लिए महिला के गर्भाशय में एक परत तैयार करता है. प्रेगनेंसी नहीं होने पर यह परत महामारी के रूप में बाहर आ जाती है.
  • यह नियमित Ovulation  के लिए भी काफी आवश्यक हारमोंस है.
  • प्रेगनेंसी के लिए अंडों को तैयार करने में भी इस हारमोंस का महत्वपूर्ण रोल है.
  • यह नई हड्डियों के निर्माण को प्रेरित करता है, और इसकी सहायता से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है.
  • यह हार्मोन खून के थक्के जमाने में मदद करता है. चोट लगने पर काफी मददगार.

और भी बहुत सारे फायदे इस हारमोंस के महिला के शरीर के अंदर होते हैं.

प्रेगनेंसी में इसका क्या महत्व है

यह हारमोंस मुख्य रूप से प्रजनन तंत्र के लिए ही कार्य करता है, इसलिए इसका उचित स्तर नहीं होने पर महिला को प्रेगनेंसी नहीं होती है. प्रेगनेंसी होने के लिए इस हारमोंस का बढ़ना काफी जरूरी माना जाता है. हालांकि बहुत ज्यादा होना भी नुकसानदायक है.

इस पर प्रोजेस्ट्रोन हारमोंस का मुख्य कार्य प्रेगनेंसी के लिए महिला के गर्भाशय में इस स्तर को तैयार करना है ताकि गर्भस्थ शिशु का पालन पोषण सही तरीके से हो सके.

प्रोजेस्ट्रोन कितना जरूरी है इस बात से पता चलता है कि

  • अगर गर्भावस्था की स्थिति जाननी हो तो प्रोजेस्ट्रोन टेस्ट कराया जाता है.
  • बांझपन के उपचार की प्रक्रिया में भी प्रोजेस्ट्रोन टेस्ट कराया जाता है.
  • बांझपन है या नहीं यह जानने के लिए भी प्रोजेस्ट्रोन टेस्ट करवाते हैं.
  • अगर महिला को मिसकैरिज हो गया है तब भी इस प्रोजेस्ट्रोन की जांच की सलाह दी जाती है, उसका स्तर जानने की कोशिश की जाती है.

यह हारमोंस प्रेग्नेंसी के समय इस बात को कंट्रोल करता है कि महिला को प्रेगनेंसी के समय दूध नहीं बने, बल्कि प्रेगनेंसी समाप्त होने के बाद बच्चे के लिए दूध का निर्माण हो.

अगर प्रेग्नेंसी के समय प्रोजेस्ट्रोन हारमोंस का स्तर कम होता है तो माना जाता है कि प्रेगनेंसी मिसकैरेज की तरफ बढ़ रही है. प्रेगनेंसी एक कमजोर प्रेगनेंसी है.

प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन न केवल गर्भधारण करने में मदद करता है बल्कि गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास में भी इसका योगदान होता है. गर्भधारण करने के बाद गर्भाशय में यह हार्मोन भ्रूण के विकास के लिए सहायक वातावरण तैयार करता है. गर्भधारण करने के 8 से 10 सप्ताह बाद गर्भाशय में इस हार्मोन की आवश्यकता बढ़ जाती है.

जिसके कारण गर्भाशय अधिक मात्रा में प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन का उत्पादन करता है.
यह प्रेगनेंसी के दौरान स्ट्रेस कम करने में काफी मदद करता है.

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