जैसा कि गर्मियों के मौसम में कहा जाता है कि हमें गर्भ को ठंडा रखने
के लिए विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, तो क्या यह बात सर्दियों के
मौसम में भी लागू होती है क्या सर्दियों में भी गर्भ को ठंडा रखने की
आवश्यकता होती है.
हम यहां आपको एक बात बताना चाहते हैं, कि प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर का तापमान और वातावरण के तापमान में कोई संबंध नहीं होता है.
प्रेगनेंसी
के दौरान महिला के शरीर का तापमान एक नियत होना चाहिए. भले ही वातावरण का
तापमान अधिक हो या कम हो. क्योंकि शिशु को तो गर्भ में रहना है, तो उसे
अपने अनुसार तापमान चाहिए.
गर्मियों के मौसम में महिला के गर्भ को ठंडा रहना चाहिए.
यह आवश्यक है तो इसका मतलब यह नहीं है कि अगर बाहर का तापमान सर्दियों में
कम रहता है, तो प्रेगनेंसी के दौरान सर्दियों में महिला के शरीर का तापमान
अर्थात गर्भ का तापमान बढ़ भी जाए तो कोई परेशानी नहीं होती है. ऐसा
बिल्कुल भी नहीं है.
क्योंकि इंसान बाहरी तापमान के अंदर रहता है, तो इस कारण से बाहर का तापमान शरीर के अंदर के तापमान को प्रभावित करता है.
गर्मियों के सीजन
में इस वजह से महिला को इस प्रकार का भोजन खाना चाहिए, और साथ ही साथ ऐसे
वातावरण में रहना चाहिए, जिससे कि शरीर का तापमान अधिक ना रहे. ठंडी तासीर
के भोजन को खाना चाहिए. ठंडे रूम में रहना चाहिए. यह आवश्यक है.
वहीं
अगर सर्दियों में महिला इस बात का ध्यान नहीं रखती है, तो यह नुकसानदायक
हो सकता है. सर्दियों में भी महिला को अपेक्षाकृत ठंडी तासीर का ही भोजन
करना चाहिए और अधिक गर्म वातावरण में नहीं रहना चाहिए.
यह बात भी
उतनी ही सत्य है कि सर्दियों में अगर बाहर का तापमान कम रहता है, तो इस
कारण से महिला के शरीर के तापमान पर असर तो पड़ता है. वह भी अपेक्षाकृत कम
हो जाता है.
लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि हम इस बात का ध्यान रखना बिल्कुल छोड़ने की महिला के शरीर के तापमान को कुछ भी होने दे.
आपको
सर्दियों में भी इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि आपको गर्म तासीर का
भोजन नहीं खाना है हालांकि आप इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको बहुत ज्यादा
ठंडी तासीर का भोजन भी नहीं खाना है. अगर आप ऐसा करेंगे तो आपको सर्दी
जुखाम खांसी होने की संभावना हो जाती है जिस वजह से भी परेशानी का सामना
करना पड़ता है.
कुल मिलाकर आपको बैलेंस बनाकर रखने की आवश्यकता होती है. सर्दियों के मौसम में आप हल्का गर्म तासीर का भोजन खा सकते हैं तो कोई परेशानी नहीं होगी. साथी साथ आपको बहुत अधिक ठंडे तासीर का भोजन भी खाने से बचना है.
जबकि गर्मियों के मौसम में आप अधिक ठंडी तासीर का भोजन
खा लेते हैं. तो यह आपको फायदा ही करेगा. कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन
सर्दियों में यह आपको खांसी जुखाम या ठंड की बीमारी दे सकता है.
यहां हमारे कहने का सीधा-सीधा तात्पर्य यह है, कि आपको अपने भोजन में बैलेंस बनाकर चलने की आवश्यकता है. क्योंकि बहुत से गर्म तासीर की भोजन भी प्रेगनेंसी के दौरान फायदेमंद होते हैं, और ठंडी तासीर के भोजन भी फायदेमंद होते हैं.
अब
एक एग्जांपल के द्वारा इसे समझने की कोशिश करते हैं जैसे कि आपको
प्रेगनेंसी के दौरान केसर का प्रयोग करना है. केसर तासीर में बहुत गर्म
होता है. इसलिए केसर 2, 3 रेशे ही एक गिलास दूध के साथ लिए जाते हैं.
अब
यह दूध के साथ ही क्यों लिया जाता है. क्योंकि दूध की तासीर ठंडी होती है.
और केसर की तासीर काफी गर्म होती है. तो दोनों को मिला देने से इन की
तासीर न्यूट्रल हो जाती है.
बस आपको इसी प्रकार से अपने भोजन की
व्यवस्था करनी है. आपको अपने भोजन में ठंडी और गर्म दोनों तासीर के भोजन
प्रेगनेंसी के दृष्टिकोण से रखने हैं. जिससे कि प्रेगनेंसी को किसी भी
प्रकार का नुकसान नहीं हो. और यह ध्यान आपको गर्मी और सर्दी हो और बरसात
तीनों ही मौसम में रखना है.