प्रेगनेंसी के पहले पहले लक्षण – 4th week of Pregnancy

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 प्रेगनेंसी के पहले महीने तो इस बात का पता लगना बड़ा ही मुश्किल हो जाता है, कि महिला गर्भवती है कि नहीं है. क्योंकि इस दौरान महिला के शरीर में किसी भी प्रकार के लक्षण प्रकट नहीं होते हैं, और महिला के शरीर में हारमोंस भी उतनी बड़ी मात्रा में नहीं बनते हैं, कि उन्हें ट्रैक किया जा सके.

इस कारण से पहले महीने तो हां और ना की स्थिति बनी रहती है. बिल्कुल भी कंफर्म नहीं होता है. जैसे जैसे पहला महीना बीतने को होता है. चौथा हफ्ता लग जाता है. तब कहीं जाकर महिला के शरीर में प्रेगनेंसी हारमोंस थोड़ी अधिक मात्रा में बनने शुरू होते हैं, और उनके साइड इफेक्ट महिला के शरीर में दिखाई पड़ने लगते हैं.

उन साइड इफेक्ट को देखकर या ब्लड या यूरिन टेस्ट करा कर पता लगाया जाता है, कि महिला गर्भवती हो चुकी है.

4th week of pregnancy in hindi

आज हम चौथे सप्ताह में दिखाई पड़ने वाले लक्षणों और महिला को क्या सावधानी रखनी चाहिए इस पर बात करेंगे.

इस सप्ताह में महिलाएं बहुत ज्यादा आतुर होती हैं, कि उन्हें पता चले कि वह गर्भवती है, या गर्भवती नहीं है. और यह आवश्यक भी होता है. ताकि उसके अनुसार आगे चलकर अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव किए जाएं.
देखिए यह तो पता नहीं है कि प्रेगनेंसी है या नहीं है क्योंकि प्रेगनेंसी जब चाहे तब हो जाए ऐसा नहीं होता है. तो ऐसे में आप कुछ लक्षणों को नोट करें जैसे कि –

महिला के पेड़ू में मरोड़ जैसा अनुभव होता है. रह रहकर आपको हल्का हल्का दर्द महसूस हो सकता है.
इस दौरान महिलाओं को अपना शरीर काफी हल्का हल्का महसूस हो सकता है. ऐसा लगा जैसे उनके अंदर हवा भर गई हो. बस वह अभी उड़ने लगेंगे. शरीर भरा भरा महसूस होता है.

जैसा कि हमने दूसरे और तीसरे हफ्ते में बात की थी, कि महिलाओं को गंध के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है. ऐसे में महिलाओं को अधिकतर गंद के प्रति नफरत ज्यादा महसूस होती है, और चौथे हफ्ते में आते आते यह संवेदनशीलता काफी ज्यादा हो जाती है. महिलाओं को हल्की सी गंध पर जो उन्हें पहले परेशान नहीं करती थी उस पर उबकाई आ सकती है, मतली महसूस हो सकती है.

आमतौर पर महिलाओं को जो गंध काफी ज्यादा पहले पसंद थी जैसे की मीट की गंध ,अंडे की गंध. अब वह उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रही है. जैसे कि महिला चाऊमीन या दूसरे प्रकार के चाइनीज भोजन खाना पसंद करती थी.

अब उसे वह पसंद नहीं आ रहे हैं. यहां तक कि महिलाओं को अपने पालतू जानवरों से भी काफी तीखी गंध आने लगती है. जिससे वह सहन नहीं कर पाती है, अर्थात उसकी संवेदनशीलता बढ़ गई है, तो यह भी प्रेगनेंसी की निशानी होती है.

हालांकि ऐसा भी होता है कि जो गंध महिलाओं को पहले पसंद नहीं आती थी, कुछ मामलों में महिलाओं को वह गंध पसंद आने लगती है. ऐसा भी देखा गया है. और जिन्हें पसंद करती थी वह नापसंद हो जाती हैं. यह सब हार्मोन अल परिवर्तन के कारण होता है.

महिलाएं चौथे हफ्ते में अपने स्तनों को जांचे अगर उन्हें लगता है या महसूस होता है कि वह पहले से ज्यादा अधिक कोमल हो गए हैं, और हल्के से घर्षण पर परेशानी का अनुभव होता है या पहले वह छोटे थे और अब थोड़ा बड़े नजर आ रहे हैं यह भी प्रेगनेंसी में होता है.


प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में काफी सारे हारमोंस बनते हैं, और कुछ हारमोंस पहले कम बनते थे, वह ज्यादा बनने लगते हैं. ऐसे में कुछ हारमोंस महिलाओं की मांसपेशियों को मुलायम करने के लिए जिम्मेदार होते हैं.
जो गर्भाशय की दीवारों को मुलायम करते हैं. ताकि कोमल गर्भस्थ भ्रूण को घर्षण ना लगे, आघात ना लगे, लेकिन यह हार्मोन पूरे शरीर में पहुंच जाते हैं, और महिलाओं की शरीर में सभी मांसपेशियों को मुलायम कर देते हैं. ऐसे में कुछ लक्षण नजर आते हैं जैसे कि –

महिलाओं की मूत्राशय की मांसपेशियां भी काफी कमजोर हो जाती हैं, और वह अधिक मात्रा में मूत्र को शरीर के अंदर रोक पाने में सक्षम नहीं होती हैं, अर्थात उनकी मूत्र संग्रह की क्षमता कम हो जाती है. फल स्वरूप बार बार पेशाब जाने की इच्छा होने लगती है. यह भी एक लक्षण है.

साथ ही साथ महिलाओं के पेट की मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती है, जो भोजन को पचाने के लिए कार्य करती है. जब वह मांसपेशियां कमजोर हो जाती है, तो भोजन सही तरीके से नहीं पचता है, और महिला को कब्ज गैस और एसिडिटी की समस्या नजर आने लगती है, अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है, तो यह भी एक गर्भ अवस्था का लक्षण माना जाता है.

सबसे प्रमुख लक्षण तो यही है कि पीरियड मिस हो जाते हैं और पीरियड के स्थान पर कभी-कभी स्पॉटिंग नजर आती है यह प्रेगनेंसी का प्रमुख लक्षण है.

इस दौरान महिला के मन में काफी सारे भावनात्मक परिवर्तन आते हैं.

महिलाओं को भारी उत्तेजना हो सकती है कि क्या वह गर्भवती है या नहीं है. वह बहुत बेसब्री से इस बात का इंतजार करती हैं कि रिजल्ट क्या है, ताकि आगे की लाइफ स्टाइल में आवश्यक परिवर्तन किए जाएं.

घबराहट और तनाव की स्थिति भी कभी-कभी बन जाती है इसका कारण है परिवारिक दबाव.

महिलाएं बहुत अधिक भावुक होती हैं इस वजह से कभी कभी चिड़चिड़ा हट और जिद्दी पन भी उनके स्वभाव में आ जाता है.

इस सप्ताह आपको दो प्रेगनेंसी किट खरीदनी है ताकि किसी भी प्रकार की शंका को दूर करने के लिए आप दो बार टेस्ट करें. ऐसा नहीं है कि आप को सबसे महंगा वाला ही खरीदना है. आप दो खरीदी और बिल्कुल 100% कंफर्म हुई है हो जाए की प्रेगनेंसी है या नहीं है. अगर आप प्रेग्नेंट है, फिर अपने डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेकर अपनी लाइफ स्टाइल में आवश्यक परिवर्तन करें.

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