क्या प्रेगनेंसी में मट्ठा (छाछ) पीना चाहिए

0
385
आज हम आपको एक ड्रिंक के बारे में बताएंगे कि प्रेगनेंसी में यह ड्रिंक पीना चाहिए कि नहीं पीना चाहिए. दोस्तों हम बात कर रहे हैं मट्ठे की,  मट्ठा अमृत समान माना जाता है. लेकिन क्या यह प्रेगनेंसी में प्रयोग किया जाना चाहिए. इससे क्या फायदे होते हैं. इसके क्या नुकसान होते हैं.चर्चा करेंगे ताकि आप बड़ी आसानी से यह पता लगा सको की प्रेग्नेंसी के समय पीना फायदेमंद है या नहीं है , साथ ही साथ बताएंगे इसमें कौन कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं. तथा मट्ठे कब पीना चाहिए.
क्या मट्ठा पीना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, आइए इस टॉपिक पर चर्चा करते हैं.

You May Also Like : पल्स विधि द्वारा जेंडर प्रिडिक्शन

क्या प्रेगनेंसी में मट्ठा (छाछ) पीना चाहिए

दोस्तों नॉर्थ इंडिया में मट्ठे का बहुत चलन है, घर घर में ग्रामीण क्षेत्रों के अंदर गाय भैंस पाली जाती हैं और मक्खन लगाया जाता है जिसकी वजह से मट्ठा प्राप्त होता है।

मट्ठे के पोषक तत्व – Matthe ke Poshak Tatva

दोस्तों मट्ठा पोषक तत्वों से भरपूर होता है,
इसमें हेल्दी बैक्टीरिया और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं साथ ही लैक्टोस शरीर में आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है बटर मिल्क में विटामिन सी, ए, ई, के और बी पाये जाते हैं जो कि शरीर के पोषण की जरुरत को पूरा करता है। यह स्वस्थ पोषक तत्वों जैसे लोहा, जस्ता, फास्फोरस और पोटेशियम से भरी होती है।
You May Also Like : प्रेगनेंसी में निम्बू पानी फायदे का सौदा या घाटे का

दोस्तों कैसा भी मट्ठा नहीं पिया जाता है मट्ठा ताजा ही होना चाहिए तो अधिक फायदा होता है अधिक दिन का रखा हुआ मट्ठा नुकसानदायक हो सकता है तथा जो मट्ठा खट्टा हो चुका होता है वह भी पीने योग्य नहीं होता है. साथ ही साथ प्रेग्नेंट महिला को इस बात का भी ध्यान रखना है, कि मट्ठा शाम के वक्त या रात को नहीं पीना है. केवल सुबह या दोपहर के समय ही मट्ठा किया पीना चाहिए.

प्रेगनेंसी में मट्ठे के फायदे – Pregnancy me Matthe ke Fayade


मट्ठे की तासीर ठंडी होती है.
इस वजह से यह गर्मियों में ही पीना ज्यादा फायदेमंद रहता है.
आइए बात करते हैं कि मट्ठा किस प्रकार से प्रेगनेंट महिला को लाभ पहुंचा सकता है.

dhai, buttermilk is safe or not

LittleVeda Pregnancy Cookies

LittleVeda Pregnancy Cookies


• प्रेग्नेंसी के समय खाना पचने में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है. अक्सर पेट खराब रहता है. अगर खाना नहीं पच रहा हो तो भुना हुआ जीरा, कालीमिर्च का चूर्ण और सेंधा नमक छाछ में मिलाकर घूंट-घूंट कर पीने से खाना जल्दी पचता है.
You May Also Like : प्रेगनेंसी में दी जाने वाली बेस्ट ड्रिंक



• गर्मी के कारण अगर दस्त हो रही हो तो बरगद की जटा को पीसकर और छानकर छाछ में मिलाकर पीएं.

• रोज मट्ठा पीने से यह शरीर में पानी की भी पूर्ति करता है. और ऊर्जा प्रदान करता है. इसमें कैल्शियम के साथ ही पोटैशियम, प्रोटीन और विटामिन सहित कई खनिज पाये जाते हैं. तो एनर्जी लेवल को बनाए रखने में मदद करते हैं. और भूख को नियंत्रित रखते हैं.

You May Also Like : प्रेगनेंसी में शहद का सेवन कितना फायदेमंद

Sugarfree Pregnancy Biscuits

Sugarfree Pregnancy Biscuits



• अगर कब्ज की शिकायत हो तो मट्ठे में अजवाइन मिलाकर पीने से कब्ज में राहत मिलती है. यह एक प्राकृतिक तरीका है.

छाछ कोलेस्ट्रॉल को घटाने में एक प्राकृतिक औषधि का कार्य करता है. औऱ सेहत को ठीक रखने के लिए अच्छा माना जाता है. प्रतिदिन छाछ का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल संतुलित रहता है.

• गर्मियों के सीजन में पेट की सफाई के लिए प्रेग्नेंट महिलाएं मट्ठे में पुदीना मिलाकर लस्सी बनाएं और उसका सेवन करें.
You May Also Like : क्या प्रेगनेंसी में घी खाना फायदेमंद होता है


• इसमें फैट और कैलोरी नहीं पाया जाता है, और पोषक तत्वों (nutrients) एवं एंजाइम से भरपूर होने के कारण छाछ का सेवन करने से वजन घटाने में सहायता मिलती है.

सीने की जलन और एसिडिटी प्रेगनेंसी के समय होने वाली एक प्रमुख समस्या है. मट्ठा एक अच्छा समाधान है. मट्ठे में मिश्री, काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर रोजाना पीने से एसिडिटी जड़ से साफ हो जाती है.

• ताजे दही से बनी छाछ का प्रयोग ज्यादा लाभकारी होता है। छाछ से पेट का भारीपन, आफरा, भूख न लगना, अपच व पेट की जलन की शिकायत दूर होती है.

You May Also Like : प्रेगनेंसी में दही खाना चाहिए कि नहीं खाना चाहिए

Protinex Mama (Chocolate)

Protinex Mama (Chocolate)



• बायोएक्टिव प्रोटीन छाछ या मट्ठे में बहुत प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर को घटाने का काम करता है. और जीवाणरोधी एवं एंटीवायरल प्रकृति का होता है. प्रतिदिन छाछ या मट्ठे का सेवन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है, और हृदय संबंधी दिक्कतें नहीं होती हैं.• मट्ठा कैल्शियम का अच्छा स्रोत होता है. यह बच्चे की हड्डियों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है. इसलिए मट्ठा पीना वह भी प्रेग्नेंसी के समय काफी फायदेमंद माना जाता है।

• हमारे शरीर में कई तरह के विषाक्त पदार्थ जमा रहते हैं. जिन्हें शरीर में बाहर निकालने में छाछ प्रभावी होता है. यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है. और त्वचा को नमी प्रदान (moisturise) करता है. और चेहरे की देखभाल में सहायता करता है. इसमें प्रोबायोटिक लैक्टिक एसिड होता है, जो फेशियल मास्क के रूप में प्रयोग होता है. इसके कारण प्रेगनेंसी में त्वचा में आने वाली परेशानियों में कमी आ जाती है.

You May Also Like : प्रेगनेंसी की कर रही है प्लानिंग तो अभी से खाना शुरू कर दें ये 7 चीजें


मट्ठे के कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं. यह जितना फायदेमंद है. कभी-कभी नुकसान भी दे देता है. चर्चा करते हैं कि इसके क्या नुकसान होते हैं. और यह कब नुकसान देता है.

pregnancy food care, pregnancy care, pregnancy tips

कब मट्ठा नहीं पिए – Kab Mattha Nuksan Deta hai

• अगर आप एक्जिमा जैसी त्वचा की समस्यांओं से जूझ रहे हों तो मट्ठे के सेवन से दूर रहें.

• अधिक मात्रा में छाछ का सेवन करने से डायरिया एवं मिचली की समस्या हो सकती है.

बुखार या कमजोरी की स्थिति में मट्ठे का सेवन करना बहुत नुकसानदायक होता है.

सर्दी खांसी में छाछ का उपयोग न करें अन्यथा स्थिति और गंभीर हो सकती है.

• यदि गुर्दे की तकलीफ या बीमारी से ग्रसित हों तो मट्ठे का सेवन न करें अन्यथा स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है.

• मट्ठे में सैचुरेटेड फैट होता है और कुछ गंभीर परिस्थितियों में यह कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है इसलिए हृदय रोगियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए.

  • विंटर सीजन में मट्ठे का सेवन करने से बचना चाहिए.
  • रात के समय भी मट्ठे का प्रयोग भोजन के तौर पर नहीं करना चाहिए.
  • अधिक खट्टा मीठा नुकसानदायक हो सकता है.

प्रेगनेंसी के दौरान मट्ठा खाना काफी फायदेमंद होता है, उसके काफी सारे फायदे भी होते हैं. लेकिन आजकल हमारा भोजन ऐसा हो गया है कि उसमें सभी प्रकार के पोषक तत्व हमें प्राप्त नहीं होते हैं.

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें