किसी भी महिला का माता बनना सबसे सुखद अनुभव में से एक अनुभव होता है. जिसकी व्याख्या नहीं की जा सकती है.
लेकिन कभी-कभी कुछ महिलाओं के साथ, बहनों के साथ मां बनने में काफी समस्या आने लगती है, और जब डॉक्टर से इस संबंध में चैकअप्स कराए जाते हैं, तो वह सभी के सभी चेकअप एकदम से परफेक्ट आते हैं. उनमें किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती है. कारण का पता नहीं चलता है.
इस प्रकार के काफी सारे प्रश्न हमारे कमेंट सेक्शन में देखने को मिले हैं. आज हम इसी टॉपिक पर चर्चा कर रहे हैं.
वैसे तो मेडिकल फील्ड में इन सबके लिए बहुत सारे तरीके सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन उपलब्ध है. अगर आपको भी इस संबंध में जानकारी रहेगी तो आप अपनी प्रॉब्लम को ठीक ढंग से प्रजेंट कर पाएंगे. आपकी समस्या ठीक हो, इसके लिए सक्षम तरीके से कार्य कर सकते हैं.
प्रेगनेंसी नहीं होने के कुछ लक्षण
जो लक्षण हम यहां आपको बता रहे हैं, आप डॉक्टर से डिस्कस करेंगे तो उन्हें निष्कर्ष पर पहुंचने में आसानी होगी
हमारे पास कई बार प्रश्न आया है कि मैंने डॉक्टर के पास सभी चेकअप करवाएं हैं. वह सभी के सभी ठीक आए हैं. लेकिन फिर भी प्रेगनेंसी नहीं हो रही है.
यहां तक कि पुरुष के स्पर्म की क्वालिटी भी ठीक है. तब भी समस्या आ रही, और प्रेगनेंसी कई बार हो ही जाती है. मिसकैरेज हो जाता है. इसका क्या कारण है.
तो दोस्तों इसके बहुत सारे कारण हो सकते हैं, लेकिन इसका जो प्रमुख एक कारण है. वह महिला के अंडों की क्वालिटी खराब होना भी हो सकता है, और यह प्रमुख कारक है.
असल में सारे के सारे जो रिपोर्ट आप करवाते हैं, उसमें अंडे की क्वालिटी कैसी है इस संबंध में कोई जानकारी नहीं होती है. अंडे बन रहे हैं, या नहीं बन रहे हैं. आकार कितना है, कैसे हैं.
बहुत कुछ इंफॉर्मेशन होती है. लेकिन क्वालिटी के संबंध में टेस्ट नहीं किया जा सकता या अभी तक उपलब्ध नहीं है. इसलिए इसका पता अपने एक्सपीरियंस के आधार पर ही लगाना होता है.
क्वालिटी खराब होने के संकेत
प्रेगनेंसी से संबंधित हारमोंस की मात्रा
आप एक तरह से यह मान सकते हैं कि हमारे रिप्रोडक्टिव सिस्टम को हारमोंस के द्वारा संचालित किया जाता है, और यह बात भी उतनी ही सत्य है कि हमारे शरीर के अंदर किसी भी हारमोंस या किसी भी पोषक तत्व जैसे कि मिनरल्स, विटामिन इत्यादि सभी की एक निश्चित मात्रा ही होनी आवश्यक होती है.
पीरियड्स की अनियमितता – Irregularity of periods
उसका ज्यादा या कम होना हमें नुकसान देता है. इसी प्रकार से जब हमारे शरीर के अंदर हारमोंस की मात्रा में अंतर आ जाता है, तो हमारे रिप्रोडक्टिव सिस्टम में काफी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने लगती है.
और यह आप एक बात को भी ध्यान रखें जब हमारे रिप्रोडक्टिव सिस्टम में किसी भी प्रकार की समस्या सामने आती है, तो आप यह मान कर चलिए कि हमारे रिप्रोडक्टिव सिस्टम से जुड़ी सभी चीजों में फिर अंतर आने लगता है. क्योंकि सभी चीजें सभी अंग एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं.
पीरियड में ब्लड फ्लो – Blood flow during period
अगर महिला को आने वाले पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, जैसे कि कभी समय से 5 दिन पहले आ जाते हैं कभी समय से 5 दिन बाद आ जाते हैं.
यह अनियमितता यह भी दर्शाती है कि कहीं ना कहीं महिला के अंडों की गुणवत्ता भी कम हो रही है. क्योंकि आपने सुना होगा कि पीरियड अनियमित होने पर प्रेगनेंसी में दिक्कत होती है.
मान लिया जाए कि आपके पीरियड्स लगभग नियमित समय पर ही आते हैं, लेकिन ब्लड फ्लो में अनियमितता नजर आ रही है, कभी काफी तेज गति से कभी काफी हल्के नजर आते हैं, या ब्लड के कलर में आपको अंतर नजर आता है, तो आप समझिए कि कुछ समस्या जरूर है .
वह समस्या अंडों की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर रही है.
हार्मोन चेकअप के दौरान उनकी मात्रा में अंतर
अगर आप चेकअप के दौरान अपने हारमोंस की मात्रा पर, आवश्यकता पर टेस्ट करवाती है अर्थात जो आवश्यक हार्मोन है, वह अवेलेबल है या नहीं है. अगर इन टेस्टों में भी आपको कुछ परिवर्तन नजर आता है तो आप समझिए इन सब का असर आप के अंडों की क्वालिटी पर भी पड़ रहा है.
पीसीओडी की समस्या
अगर आपको पी.सी.ओ.डी. की समस्या है, तो यह स्पष्ट है कि आपके अंडों की क्वालिटी वास्तव में खराब है. आवश्यकता से अधिक छोटे हैं, इनकी जीवन ऊर्जा कमजोर है. यही अंडे आगे चलकर सिस्ट और पीसीओडी की समस्या उत्पन्न करते हैं.
पहली और दूसरी तिमाही में गर्भपात
प्रेगनेंसी का नहीं होना लगातार कोशिश करने पर प्रेगनेंसी का नहीं होना. अगर प्रेगनेंसी हो भी जाए तो प्रेगनेंसी का पहले सेमेस्टर याद दूसरे सेमेस्टर के पहले महीने से आगे नहीं बढ़ना यह सब यही दर्शाता है कि महिला के अंडों की क्वालिटी खराब हो सकती है.
इन सब लक्षणों को देखते हुए और दूसरे बहुत छोटी-छोटी और टेस्ट डॉक्टर कर सकते हैं जिससे यह कंफर्मेशन आ सकती है कि वास्तव में आप के अंडों की क्वालिटी खराब है.