प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे के गले में गर्भनाल फसना क्या होता है. आज चर्चा करेंगे…..
गले में गर्भनाल फसना अर्थात न्युकल कॉर्ड क्या है. डबल न्युकल कॉर्ड क्या है. गले में गर्भनाल फसना कितना कॉमन है. न्युकल कॉर्ड का डायग्नोसिस , न्युकल कॉर्ड का ट्रीटमेंट, न्युकल कॉर्ड के कारण गला घुटने की संभावनाएं…
आदि विषयों पर बात करेंगे.
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गर्भनाल महिला के शरीर से गर्भस्थ शिशु को पोषण देने के लिए प्रयोग में लाई जाती है. इसकी इसकी सहायता से हर प्रकार का पोषक तत्व, ब्लड की सप्लाई, ऑक्सीजन सभी कुछ महिला से गर्भस्थ शिशु को प्राप्त होता है. गर्भनाल शिशु की नाभि से जुड़ी हुई होती है.
न्युकल कॉर्ड
अगर यह गर्भनाल किसी कारणवश थोड़ा सा अधिक लंबी हो जाती है या फिर बच्चे की एक्टिविटी की वजह से शरीर के अंदर घूमने की वजह से यह बच्चे की गर्दन के चारों और लिपट जाती है तो इसे न्युकल कॉर्ड कहते हैं. गर्भाशय में घूमते समय बच्चे के गले में कॉर्ड चाहे कितनी बार भी बंध जाए, पर एक जेली जैसा पदार्थ इसे गले में टाइट होने से रोकता है.
यह एक प्रकार से गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा ही होती है, लेकिन फिर भी कई बार यह है परिस्थिति गर्भस्थ शिशु के लिए काफी नुकसानदायक हो सकती है.
इसकी वजह से कभी कभी शिशु के शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. खून का बहाव बाधित हो सकता है. और मां से बच्चे तक न्यूट्रिशन नहीं पहुंच पाती. कुल मिलाकर बच्चे का दम घुट सकता है. दिमागी लकवा हो सकता है.
डबल न्युकल कॉर्ड
जब यह गर्भनाल बच्चे के गले में दो बार लिपट जाती है तो इसे डबल न्युकल कॉर्ड कहा जाता है. यह न्युकल कॉर्ड की तुलना में थोड़ा अधिक नुकसानदायक मानी जा सकती है. वैसे यह काफी दुर्लभ होता है. इसकी वजह से बच्चे को हाइपोक्सिया होने का खतरा रहता है. उसमें खून का बहाव कम हो जाता है, और जन्म के समय अन्य दूसरी प्रकार की समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती है.
गले में गर्भनाल फसना कितना कॉमन है
इस समस्या का होना काफी आम बात है बच्चे की गर्भावस्था के अंदर होने वाली एक्टिविटी और हरकतों की वजह से ऐसा हो जाता है. लगभग 3 में से 1 बच्चे के साथ यह समस्या होती ही है. इससे प्रभावित बच्चे जन्म के समय तक पूर्ण रूप से स्वस्थ रहते हैं. क्योंकि इस अवस्था में भी बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान गर्भ अवस्था में होता है. जैसे कि हमने बताया कि जेली इसे बच्चे के शरीर पर कसने नहीं देती है.
किन्ही विशेष परिस्थितियों में यह गर्भस्थ शिशु के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है. इसकी चर्चा हमने अभी अभी की है.
न्युकल कॉर्ड का डायग्नोसिस
समय-समय पर मेडिकल साइंस के द्वारा गर्भवती स्त्री को लेकर डायग्नोसिस बताए गए हैं. इसके लिए अल्ट्रासाउंड और सोनोग्राफी की व्यवस्था की गई है. जिसकी सहायता से इस बात का पता बड़ी आसानी से चल जाता है, कि बच्चे के गले में गर्भनाल फंसी हुई है या नहीं फसी भी है.
डॉक्टर डायग्नोसिस के द्वारा इस बात का पता लगा लेते हैं, कि बच्चे के गले में न्युकल कॉर्ड कितनी बार लिपटी हुई है. हालांकि यह सब अल्ट्रासाउंड Machine की क्वालिटी पर भी काफी हद तक निर्भर करता है, कि उसकी पिक्चर क्वालिटी किस प्रकार की है.
पिक्चर देखकर डॉक्टर न्युकल कॉर्ड से होने वाले नुकसान का आकलन भी बड़ी आसानी से कर सकते हैं. यह बच्चे को नुकसान पहुंचाएगी कि नहीं पहुंचाएगी यह सब पता लगाया जा सकता है.
न्युकल कॉर्ड का ट्रीटमेंट
गर्भा शिशु के गले में गर्भनाल फसना इसका कोई भी ज्ञात उपचार अभी तक नहीं है कि आप इस तरीके से इस परिस्थितियों से बच सकते हैं या फंसी गर्भनाल को बाहर निकाल सकते हैं. इसमें बस गर्भवती महिला का ध्यान रखा जाता है और आवश्यकता पड़ने पर डिलीवरी सिजेरियन करनी पड़ती है.
गर्भनाल फसना अधिकतर नुकसानदायक नहीं होता है लेकिन अगर कुछ विशेष परिस्थितियों में कुछ विशेष समस्या गर्भनाल गले में फसने से बच्चे को हो रही है तो उस समस्या का उपचार दिया जा सकता है. यह सब चेकअप के बाद ही निश्चित किया जाता है.
न्युकल कॉर्ड के कारण गला घुटने की संभावनाएं
इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि गर्भनाल गले में फसने से बच्चे को दम घुटने की समस्या नहीं होगी हालांकि गले में गर्भनाल फसने से अधिकतर मामलों में बच्चे को कोई समस्या नहीं होती है. बच्चा स्वस्थ पैदा होता है, लेकिन विशेष परिस्थितियों में दम घुटने की स्थिति भी बन सकती है. ऐसा कम ही होता है, लेकिन इस समस्या से इनकार नहीं किया जा सकता.