प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को एसिडिटी की समस्या ज्यादा देखने में क्यों आती है. इसके कुछ कारण है
दोस्तों जब किसी महिला को प्रेगनेंसी होती है, तो शरीर प्रेगनेंसी की सुरक्षा और उसे आगे बढ़ाने के लिए अपने अंदर काफी सारे परिवर्तन लाता है. मुख्यतः उस दौरान शरीर में प्रेगनेंसी हारमोंस का प्रोडक्शन काफी ज्यादा होने लगता है, जो प्रेगनेंसी के लिए अत्यधिक आवश्यक होता है.
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कई प्रकार के हार्मोन शरीर में उत्पन्न होते हैं. अब इन हारमोंस के अपने-अपने गुण होते हैं, लेकिन कभी-कभी इन के कुछ गुण परेशानी का कारण भी बन जाते हैं. उनमें से एक परेशानी है एसिडिटी.
प्रेगनेंसी के दौरान प्लेसेंटा प्रोजेस्टीरोन नाम के हारमोंस का उत्पादन शुरु करती है. यह गर्भाशय की मांसपेशियों को कोमल बनाता है, तथा कोमल मांसपेशियों को राहत देने का कार्य करता है.
यह प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन धीरे धीरे पूरे शरीर में घूमने लगता है, और यह गर्भाशय की मांसपेशियों के साथ-साथ शरीर की सभी मांसपेशियों पर अपना प्रभाव डालता है. उन्हें कोमल बना देता है, ऐसे में यह हमारे पेट की मांसपेशियों को भी काफी कोमल बना देता है.
प्रोजेस्टीरोन, पेट के लहर जैसे संकुचनों को भी धीमा कर देता है, जिसके कारण खाना सही तरीके से नहीं पचता है, और एसिडिटी की समस्या नजर आने लगती है. कभी-कभी क्या होता है, कि हमारी ग्रास नली का और आमाशय अर्थात पेट के बीच में लगे वाल्व को भी यह काफी मुलायम कर देती है. जिसकी वजह से यह अपने कार्य को ठीक ढंग से नहीं कर पाता है, और बार-बार पेट से एसिड हमारी ग्रास नलिका में आने लगता है, और यह जलन पैदा करता है. जिसे हम हार्ट बर्न या एसिडिटी की समस्या कहते हैं.
हार्टबर्न का मतलब यह नहीं होता है, कि हमारे दिल में किसी भी प्रकार की समस्या है या उसके अंदर जलन हो रही है.
हार्टबर्न का मतलब यह नहीं होता है कि हमारे दिल में किसी भी प्रकार की समस्या है या उसके अंदर जलन हो रही है. असल में दिल के बगल से हमारी ग्रास नली का होती है जिसके अंदर जलन हो रही होती है और हमें लगता है जैसे कि हमारे दिल में जलन हो रही है. इसलिए उसे हार्टबर्न की समस्या कहते हैं.
एसिडिटी या हार्टबर्न की समस्या में हमें अपने भोजन का थोड़ा सा ध्यान रखना पड़ता है हमें ऐसा भोजन खाना पड़ता है, जो अत्यधिक सुपाच्य हो तो फिर कब्ज की समस्या नहीं होती है, और गैस और एसिडिटी भी ना के बराबर होती है. लेकिन टेक्निकली देखा जाए तो वाल्व के लूज हो जाने के कारण यह समस्या होती है. अगर आप प्रेग्नेंट है, और आपको इस प्रकार की समस्या हो रही है, तो इसका कोई इलाज नहीं है. इसका किसी भी प्रकार का इलाज करने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए दवाई खाने से बचना चाहिए. सबसे अच्छा तो यही है कि आप जितना अधिक हो उतना पानी पिए.
जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी समय से पहले से ही एसिडिटी की समस्या रहती है. कब्ज की समस्या रहती है, या गैस की समस्या रहती है, ऐसी महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान हार्ड बनिया एसिडिटी की समस्या ज्यादा देखने में आती है.