प्रेगनेंसी के दौरान महिला की स्थिति
- आपके गर्भस्थ शिशु का वजन लगातार बढ़ रहा है. इसलिए आपके हाथ पैरों की नसों में थोड़ा सा दर्द का अनुभव हो सकता है.
- हार्मोन अल बदलाव के कारण आप मानसिक परिवर्तन से गुजर सकती हैं. आपका मिजाज गड़बड़ रहता है.
आपकी त्वचा का रंग जगह-जगह पर गहरा पड़ सकता है, अर्थात धब्बे पड़ सकते हैं. - यह सब 17 हफ्ते से शुरू होने की संभावना होती है. इस दौरान आपको कब्ज और गैस की समस्या भी बनी रहेगी.
- अब धीरे-धीरे महिला का पेट बाहर निकलना शुरू हो गया है. जो स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है.
- पेट पर कुछ निशान या नसों का दिखना शुरू हो जाएगा. महिला का वजन लगातार बढ़ रहा है. यह बच्चे के बढ़ते आकार के कारण होता है.
- अब तक महिला की भूख प्यास वापस आ जाती है. मतली की समस्या ना के बराबर रह जाती है.
- बच्चे का विकास तेज गति से हो रहा है. इसलिए महिलाओं को अपने भोजन में अधिक कैलोरी लेना शुरू कर देना चाहिए.
- आप अपनी डाइट को इस प्रकार से अरेंज करें, कि उस में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाए. आप कुछ इस प्रकार के भोजन पर जोर दे सकते हैं.
- बिना वसा का मांस, बींस, मछली, दाल, टोफू आदि पर जोर दें. इसके अंदर काफी प्रोटीन होता है. और आपको रेड मीट अपने भोजन में शामिल करने की सलाह दी जाती है.
- अधिक एनर्जी बनाने के लिए रक्त को बहुत तेज गति से महिला के शरीर में दौड़ना पड़ता है. इसलिए महिला का रक्तचाप बढ़ सकता है.
- महिला को एनीमिया का खतरा भी रहता है. इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियां अपने भोजन में शामिल करें.
- बच्चे में किसी भी प्रकार का जन्म दोष ना रहे इसलिए फोलिक एसिड को अपने भोजन में शामिल करें डॉक्टर जैसा बोले वैसा करें वह आपको इसके लिए टेबलेट भी लिख सकते हैं.
- आप बिटामिन सी वाले फलों को अपने भोजन में शामिल करें. यह ऊतकों के मरम्मत में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.
- आपके भोजन में जिनकी जिंकयुक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें. यह गर्भावस्था को स्वस्थ रखने में काफी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.
- इस दौरान काफी भूख लगेगी. इसलिए आप NUTS और कम फैट वाले नाश्ते को पसंद करें.
- अपना भोजन ठीक ढंग से मैनेज करें और आप भूखी ना रहे.
क्या करें
- व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें.
- अपने आसपास स्वच्छता बनाएं रखें.
- अपने शरीर में पानी की कमी न होने दें.
- उचित समय पर उचित मात्रा में खाएं.
- योग और ध्यान जैसे हल्के व्यायाम करें.
- नियमित रूप से नींद पूरी लें, और पूरे दिन भरपूर आराम करें.
- खुद को सुरक्षित रखें.
- सकारात्मक बने रहें.
- दवा वही लें जो डॉक्टर ने खाने की सलाह दी है.
क्या न करें
- सुनिश्चित करें कि आप यथासंभव तनाव-मुक्त रहें.
- अस्वच्छ स्थितियों में न रहें व न जाएं.
- खुद को या अपने भ्रूण को भूखा न रखें.
- मदिरापान और धूम्रपान न करें.
- जंक फूड का सेवन न करें.
- किसी भी प्रकार की कसरत अत्यधिक न करें.
गर्भस्थ शिशु का विकास
- इस दौरान महिला के पेट के बीचो बीच एक गहरी रंग की लाइन उभर सकती है. जिसे हम लिनिया नाइग्रा कहते हैं. हालांकि यह सभी महिलाओं के पेट पर नहीं उभरती है.
- आपके शिशु का विकास बहुत तेज गति से हो रहा है .
- अब शिशु के लिंग का निर्धारण हो चुका है. अल्ट्रासाउंड के द्वारा पता चल सकता है.
- शिशु के पैर लंबे और बेमेल दिखाई पड़ते हैं .
- शिशु के सीने पर नन्हें-नन्हें निप्पल बन चुके हैं .
- शिशु की नाजुक पतली स्किन बनने लगी है लेकिन अभी भी उसे पार करके रक्त की शिराएं नजर आ रही हैं.
- शिशु के मसूड़ों का निर्माण हो चुका है अब उनके अंदर दूध के दांतों का निर्माण हो रहा है .
- सबसे बड़ी बात शिशु के फिंगरप्रिंट बनना शुरू हो गए हैं.
- शिशु अब हिलता डुलता है, अंगड़ाई लेता है उबासी लेना शुरू कर देता है.