किसी भी गर्भवती महिला की 10 हफ्ते की प्रेगनेंसी समाप्त हो चुकी है, और हम 11 हफ्ते की प्रेगनेंसी को लेकर बात कर रहे हैं.
अगर आप पहली बार मां बन रही है, तो यह पूरा सफर आपके लिए काफी रोमांचकारी होगा. अगर महिला पहले भी मां बन चुकी है. तो वह अपने अंदर आने वाले लक्षणों के अंतर को समझकर काफी हद तक अपने गर्भ में पलने वाले बच्चे के लिंग को समझने में सफल हो जाती है.
वैसे तो किसी भी माता के लिए उसके बच्चे का लिंग बिल्कुल भी मायने नहीं रखता है. उसके लिए सभी समान होते हैं, लेकिन जैसे जैसे प्रेग्नेंसी बढ़ती जाएगी वैसे वैसे कुछ चीजें सही होती जाती है और कुछ नई समस्याएं माताओं के सामने आने भी लगती हैं.
प्रेगनेंसी में आने वाले लक्षण
प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोन परिवर्तन के कारण महिलाओं के बाल काफी हद तक झड़ना कम हो जाते हैं. उनकी चोटी काफी मोटी और बाल मजबूत हो जाते हैं.
लेकिन जैसे ही प्रेगनेंसी समाप्त होती है, उसके बाद हारमोंस दोबारा से अपनी पुरानी स्थिति में आने लगते हैं और बाल अधिक झड़ने लगते हैं तो यह सामान्य हैं. क्योंकि जिन बालों की उम्र पूरी हो चुकी थी, वह हार्मोन अल परिवर्तन के कारण झड़ते नहीं है, और डिलीवरी के बाद वह एक साथ झड़ने लगते हैं. इसमें आपको काफी धैर्य रखने की आवश्यकता होती है.
इस हफ्ते में आपको एक और लक्षण नजर आ सकता है, कि आपके अंगुलियों के नाखून पहले जिस रफ्तार से बढ़ते थे अब उसमें अंतर आ चुका है. यह प्रेगनेंसी के प्रभाव के कारण है.
पिछले कुछ हफ्तों के समान इस हफ्ते भी आपको अपने मुहांसों से दो-चार होना पड़ेगा, आप फिर से अपनी किशोरावस्था में पहुंच गई हैं.
बस ध्यान रखें किसी केमिकल युक्त फेस क्रीम या साबुन का इस्तेमाल या शैंपू का इस्तेमाल नहीं करें. क्योंकि इस दौरान आपकी त्वचा काफी सेंसेटिव है और ज्यादा दिक्कत नजर आ सकती है.
आप हल्का सुपाच्य भोजन खाइए. फल और फलों के जूस को अपने भोजन में शामिल करें. बिल्कुल सात्विक भोजन लें. इससे आपकी स्किन को काफी लाभ होगा.
आपका पहली तिमाही समाप्ति की ओर है और पहली तिमाही समाप्त होते-होते आपको उल्टी जैसा महसूस होना, उल्टी होना, मतली लगना, ऐसी समस्याओं से राहत मिलना शुरू हो जाएगी.
अगर आपने इस दौरान अभी तक अच्छे से भोजन नहीं किया है, आपका वजन नहीं बढ़ा है तो आप अपने भोजन पर विशेष ध्यान दें. वैसे आपका वजन थोड़ा बहुत तो जरूर बढ़ा होगा.
आप धीरे-धीरे आपको दोबारा से अपनी शक्ति महसूस होने लगेगी. थकावट धीरे-धीरे कम लगने लगेगी. एनर्जी का स्तर बढ़ने लगेगा.
प्रेगनेंसी के दौरान माता का सर्वप्रथम कर्तव्य यही होता है कि वह अपने शिशु का ध्यान सबसे ज्यादा रखें.
लेकिन यह जीवन है और जीवन में कभी कभी काफी सारी जिम्मेदारियां महिलाओं पर होती हैं. ऐसे में महिलाएं एक अपराध बोध में गिर सकती है कि वह अपने गर्भस्थ बच्चे का ध्यान इतना ज्यादा नहीं रख पा रही हैं. जितना उन्हें वास्तव में रखना चाहिए, तो उन्हें यह समझना आवश्यक है कि जीवन में सभी जिम्मेदारियों को निभाना इंसान का फर्ज होता है.
आपको बिल्कुल भी अपराध बोध से ग्रस्त नहीं होना है. हालांकि जितना हो सके अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपना ध्यान जरूर रखें.
गर्भस्थ बच्चे का विकास
गर्भस्थ शिशु काफी तेज गति से अपना विकास कर रहा है. इस हफ्ते इसकी लंबाई लगभग 2 इंच के आस-पास हो जाती है, और सेंटीमीटर में आप इसे 5 सेंटीमीटर के आसपास लंबा मान सकते हैं, हालांकि काफी छोटा है फिर भी यह स्पष्ट रूप से मानव आकृति लिए दिखाई देता है.
आपका गर्भस्थ शिशु अब एक नींबू के आकार का हो गया है, अभी आपको अपना एहसास देगा अर्थात आपको ऐसा लगेगा जैसे कि आपने अभी-अभी खाना खाया हो आपको पेट में कुछ है भरा हुआ है ऐसा महसूस देगा और यह फीलिंग हमेशा रहेगी.
पिछले हफ्तों में गर्भस्थ शिशु का सिर काफी बड़ा था, माथा काफी ऊंचा था. अब धीरे-धीरे वह शेप में आ रहा है. कुछ उभार कम हो गया है.
इसकी आंखें भी जो दोनों तरफ नजर आ रही थी, धीरे-धीरे सही स्थिति में आ रही है. हाथ पैरों की उंगलियां जो नजर आ रही थी, अब वह अलग-अलग स्पष्ट नजर आने लगी हैं.
अगर आपका गर्भस्थ शिशु एक लड़की है तो इस हफ्ते उसके अंडाशय का विकास आरंभ हो जाएगा. अंडाशय के अंदर अंडाणु का निर्माण हो जाएगा जो जीवन भर उसके काम आएंगे और संतान प्राप्ति में अपना योगदान देंगे. साथी साथ गर्भस्थ शिशु के बाहरी लिंग का निर्माण भी शुरू हो चुका है.
अभी भी शिशु का आकार C के आकार का होता है. लेकिन यह अब पहले की तुलना में कम मुड़ा हुआ होता है.
अब अगले कुछ हफ्तों में शिशु का विकास और तेज गति से होगा यह लगभग अगले 3 हफ्तों में अपनी लंबाई का दुगना हो जाएगा.
अगर आप डॉक्टर के पास जाए तो डॉपलर की मदद से अपने बच्चे का चेकअप जरूर करवाएं. आपको अपने दांतो का ध्यान रखने की काफी आवश्यकता है. कोई भी हार्ड चीज खाने से बचें. प्रेगनेंसी के दौरान मसूड़ों से रक्त छलक आता है, यह सामान्य है. इसलिए हम कह रहे हैं कि दातों का ध्यान रखें.
साथ ही साथ अपना भी ध्यान रखें. आराम करें, पोस्टिक भोजन लें, खुश रहें, स्वस्थ रहें.