हम तुलसी के पत्तों को लेकर चर्चा कर रहे हैं क्योंकि तुलसी के पत्ते गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचा सकते
हैं, और यह गर्भपात के काम भी आते हैं.
इन का प्रयोग किस प्रकार से करें कि पीरियड्स आ जाए या फिर वह कौन सा तरीका है, जिस प्रकार से तुलसी के पत्तों
का सेवन नहीं करना चाहिए.
क्योंकि ऐसा करने से गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है. यह गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है. हम बताएंगे
कि यह गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचाता है.
![सावधान : गुणकारी तुलसी के पत्ते गर्भपात भी करा सकते हैं सावधान : गुणकारी तुलसी के पत्ते गर्भपात भी करा सकते हैं](https://images.pexels.com/photos/5498004/pexels-photo-5498004.jpeg?auto=compress&cs=tinysrgb&w=1260&h=750&dpr=1)
दोस्तों यह एक बिल्कुल सत्य बात है, कि तुलसी का पौधा सबसे ज्यादा छारीय पौधा होता है. मनुष्य का शरीर भी
छार से ही निर्मित होता है.
ऐसे में अगर यह बात की जाए कि वह कौन सी जड़ी बूटी है, या वनस्पति है, जिससे मनुष्य के शरीर को सबसे ज्यादा
लाभ होता है और जो सबसे ज्यादा बीमारियों में मनुष्य के काम आती है तो निसंदेह तुलसी के गुण किसी भी अन्य जड़ी बूटी के गुणों से बहुत ज्यादा नजर आएंगे.
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आप यह मानकर चलें कि जो औषधि तुलसी के बाद दूसरे नंबर पर आएगी उसके गुण भी तुलसी के गुणों की तुलना में
आधे भी नहीं होंगे. इसीलिए सनातन के अंदर तुलसी को पूजनीय माना जाता है क्योंकि यह
जीवनदायिनी है.
लेकिन आवश्यकता के अनुसार कभी-कभी तुलसी के गुण नुकसानदायक भी सिद्ध होते हैं. अगर आप गर्भपात चाहती है, तो तुलसी के गुण आपको अच्छे नजर आएंगे लेकिन अगर वही आप गर्भपात नहीं चाहते हैं तो तुलसी के यही गुण आपको दोष नजर आएंगे. मात्र आवश्यकता पर ही यह निर्भर करता है.
लेकिन यह एक बात बहुत ही ज्यादा आवश्यक है कि हर एक वस्तु हमारे लिए फायदेमंद और नुकसानदायक
होती है. उसका फायदा लेना है या उसका नुकसान उठाना है. यह मात्र उसे लेने की मात्रा पर बहुत हद तक निर्भर करता है.
जैसे कि हर एक पोषक तत्व मिनरल विटामिन एंजाइम हमारे शरीर में आवश्यक है. लेकिन वह एक निश्चित मात्रा में ही
आवश्यक होता है. उसकी मात्रा कम या ज्यादा होने से वह नुकसानदायक हो सकता है. इसलिए आप तुलसी का नाम सुनते ही यह मत समझिए कि हम बकवास कर रहे हैं क्योंकि तुलसी तो अत्यंत लाभदायक है.
तुलसी की पत्तियों के अंदर मरकरी काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, और यह मरकरी गर्भस्थ शिशु के लिए किसी जहर से कम नहीं होता है, यह मरकरी बच्चे के विकास को रोक देता है, और यह संकुचन को भी आमंत्रित करता है. जिस वजह से गर्भपात होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है.
कभी-कभी परिवार प्रेगनेंसी नहीं चाहते हैं और अनजाने में उन्हें गर्भधारण होने का खतरा हो जाता है, तो ऐसे में
तुलसी के पत्ते उनके लिए काफी फायदेमंद होते हैं.
महिला को तुलसी के पत्तों का रस या काढ़ा प्रयोग में लगातार लाना है,
रोज लाना है, और साथ में ही आपको चाय के अंदर काफी ज्यादा तुलसी के पत्ते डालकर प्रयोग में लाना है. आप को पीरियड आ जाते हैं तो उसके बाद रोक दें.
इसकी कोई मात्रा निश्चित नहीं होती है, क्योंकि हर महिला का शरीर अलग-अलग प्रकार से रिस्पांस देता है. उनकी
अलग-अलग शारीरिक क्षमता होती है तो एक निश्चित मात्रा नहीं बताई जा सकती है, लेकिन आप जितना अधिक हो सके इसका प्रयोग करें तो आपको लाभ अवश्य होगा. बिल्कुल शुरुआती समय में इसका प्रयोग करने से अच्छे रिजल्ट सामने आते हैं.
अगर आपको कभी-कभी ऐसा भी होता है कि महिला को तुलसी से एलर्जी भी हो सकती है तो उन्हें कुछ साइड इफेक्ट नजर आ सकते हैं, तो आप इसका प्रयोग करते समय अपने ऊपर होने वाले साइड इफेक्ट को भी ध्यान में रखें.
अगर आपको कुछ अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो आप इसका प्रयोग नहीं करें.
जो महिलाएं प्रेगनेंसी को आगे बढ़ाना चाहती हैं तो उन्हें भी इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि वह तुलसी के पत्तों का प्रयोग कर तो सकती है लेकिन कम मात्रा में ही करें.
जैसे कि अगर आप 4 लोगों के लिए चाय बना रही है तो आप 4 से 5 पत्तों का प्रयोग कर सकते हैं वैसे प्रेगनेंसी में चाय पीने से भी बचना चाहिए.