क्या प्रेगनेंसी में पूरी खानी चाहिए. दोस्तों पूरी एक गरिष्ठ भोजन पदार्थ है.
पूरी पूरे भारत के अंदर बहुत ही चाव से खाया जाने वाला खाद्य पदार्थ है जिसे मुख्यता सब्जी के साथ प्रयोग में लाया जाता है. भारत में विभिन्न त्योहारों पर पूरी के साथ व्यंजन बनाने का प्रचलन हजारों वर्षों से रहा है.
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पूरी क्या है
यह आटे से तैयार की जाती है और घी या तेल में फ्राई करके इसे रोटियों के स्थान पर परोसा जाता है.
क्या पूरी एक पौष्टिक खाद्य पदार्थ है
पूरी की पौष्टिकता इस बात पर निर्भर करती है कि आप पूरी के लिए जो आटे का इस्तेमाल कर रहे हैं. वह किस प्रकार से तैयार किया गया है. अगर आप मैदे की पूरियां बना रहे हैं. इसे भटूरे के नाम से भी जाना जाता है.
यह बिल्कुल भी खाने योग्य नहीं होता है. यह ना ही यह प्रेगनेंसी में खाने योग्य है और ना ही एक स्वस्थ व्यक्ति के खाने योग्य है. यह आपके आंतो में जाकर चिपक जाता है, और आपकी पाचन क्रिया को खराब कर देता है. अगर आप लगातार भटूरे का प्रयोग अपने भोजन के माध्यम से करते हैं, तो विभिन्न प्रकार के रोग शरीर में जन्म लेने लगते हैं.
प्रेगनेंसी के दौरान तो वैसे भी महिला का पाचन तंत्र हार्मोन अल साइड इफेक्ट की वजह से कमजोर ही होता है. ऐसे में मैदे की पूरी या भटूरे खाना अत्यधिक हानिकारक होता है.
अगर आप पूरी के लिए आटा तैयार कर रहे हैं तो इसके अंदर आप गेहूं का आटा मिलाते हैं साथ ही में इसके अंदर अलग-अलग प्रकार की दानों को पीसकर मिलाते हैं जो बाजरा इत्यादि दूसरे प्रकार के आटे भी इसके अंदर शामिल करते हैं तो यह काफी पौष्टिक खाद्य पदार्थ बन जाता है और इसके द्वारा तैयार की गई पूरी आपके लिए कई मायनों में लाभदायक हो सकती है.
प्रेगनेंसी में पूरी खानी चाहिए या नहीं खानी चाहिए इस पर चर्चा हम इसके लाभ और हानि को देखते हुए करेंगे पहले लाभ और हानि पर चर्चा करते हैं.
पूरी खाने के लाभ
जैसे कि अभी हमने चर्चा की है कि पूरी किस प्रकार के मेटेरियल से तैयार की गई है. इस बात से काफी फर्क पड़ता है, कि यह आपके लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक है.
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के मुंह का स्वाद खराब रहता है. अगर महिला को पूरी खाना पसंद है, तो इससे उसके मुंह का स्वाद बदल जाता है और उसे अच्छा महसूस होता है.
पूरी में से प्राप्त होने वाले न्यूट्रिशन इस बात पर निर्भर करते हैं, कि उसका आटा किस प्रकार से तैयार किया गया है, जो न्यूट्रिशंस आपको गेहूं के आटे विभिन्न प्रकार की दालों से प्राप्त होते हैं. अगर इनका प्रयोग पूरी बनाने में किया गया है, तो वही सब न्यूट्रीशन आपको पूरी से भी प्राप्त होंगे.
हालांकि उनका वह उतना अधिक नहीं रह जाता है क्योंकि पूरी को काफी गर्म तेल में तलआ जाता है. जिसकी वजह से उसके पोषक तत्व में कमी आती है.
इस प्रकार से जो लाभ एक गर्भवती महिला को गेहूं के आटे या विभिन्न प्रकार की दालों से प्रेगनेंसी के दौरान होते हैं. वहीं से फायदे आपको वहीं से भी प्राप्त होंगे पूरी से भी प्राप्त होंगे. बस यह इस बात पर निर्भर करता है कि पूरी को तैयार करते समय किन किन खाद्य वस्तुओं को उसके आटे में मिलाया गया है.
प्रेगनेंसी के दौरान फूड टिप्स को लेकर हमने बहुत सारे वीडियोस बनाए हैं. आपको उसकी प्लेलिस्ट पर जाकर देखना चाहिए जो आपको डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगी.
पूरी खाने के नुकसान
प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी गर्भवती महिला की पाचन क्रिया अत्यधिक बाधित रहती है. जिसकी वजह से महिला को गैस और एसिडिटी की समस्या काफी ज्यादा नजर आती है. अगर महिला इस प्रकार का भोजन प्राप्त करती है, जो गरिष्ठ है, पचने में काफी मुश्किल पैदा करता है, तो यह उसके लिए नुकसानदायक होता है. पूरी तेल में फ्राई करके बनाई जाती है. जिस वजह से यह पाचन क्रिया में बाधा उत्पन्न करती है.
पोषक तत्वों को भोजन से प्राप्त करने के लिए किसी भी गर्भवती महिला का पाचन क्रिया दुरुस्त होना अत्यधिक आवश्यक होता है, तो यहां पर पूरी एक नुकसानदायक खाद्य वस्तु सिद्ध होती है.
प्रेगनेंसी में पूरी खाएं या नहीं खाएं
जैसा कि हमने बताया प्रेगनेंसी में पूरी खाने के क्या नुकसान होते हैं, और पूरी खाने के क्या फायदे हो सकते हैं.
हमारा सजेशन आपको यही है, कि आप कभी कभी अपने मुंह का स्वाद बदलने के लिए प्रेगनेंसी के दौरान पूरी का सेवन कर सकते हैं. आपको यह तभी करना है, जब आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त हो.
अगर आपको लगता है, कि आपकी पाचन क्रिया सही नहीं है, और गैस एसिडिटी की समस्या या हार्टबर्न की समस्या को लगातार बनी हुई है, तो आप उस वक्त पूरी खाने से अवश्य बचें.