अश्वगंधा सफेद मूसली शतावरी कौंच के बीज खाने के फायदे

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अश्वगंधा सफेद मूसली शतावरी कौंच के बीज खाने के फायदे

अश्वगंधा सफेद मूसली शतावरी कौंच के बीज खाने के फायदे को लेकर चर्चा करने वाले हैं. अश्वगंधा, सफेद मूसली शतावरी कौंच के बीज खाने के नुकसान पर भी अंत में चर्चा करेंगे हालांकि आने के नुकसान परिस्थिति पर निर्भर करते हैं.

आयुर्वेद के अंदर अश्वगंधा शतावरी सफेद मूसली शतावरी और कौंच के बीज चारों प्रीमियम जड़ी बूटियां है. इन जड़ी-बूटियों के बहुत सारे फायदे कॉमन होते हैं और कुछ ही लाभ अलग-अलग होते हैं.

इन सब जड़ी बूटियों को मिलाकर एक औषधि बनाकर साथ लेने के कुछ विशेष फायदे होते हैं.

अश्वगंधा और कौंच के बीज की तासीर गर्म होती है. इन्हें सर्दियों के मौसम में लेना अत्यधिक लाभदायक रहता है. साथ ही साथ सफेद मूसली और शतावरी की तासीर ठंडी होती है. यह गर्मियों के मौसम में अधिक फायदेमंद रहती है.

अगर सफेद मुसली, अश्वगंधा, शतावरी और कौंच के बीज को बराबर बराबर मात्रा में मिलाकर इनका एक मिश्रण मिश्रण तैयार कर लिया जाए तो यह किसी भी मौसम में लेने लायक हो जाता है. क्योंकि इसके अंदर दो जड़ी बूटियां ठंडी तासीर की और दो जड़ी बूटियां गर्म तासीर की होती है.

जैसे पुरुषों के लिए सफेद मूसली के लाभ अधिक होते हैं. उसी प्रकार से शतावरी के लाभ महिलाओं के लिए पुरुषों की तुलना में काफी अधिक रहते हैं. इसलिए इन सब जड़ी बूटियों का कॉन्बिनेशन अत्यधिक अद्भुत बनकर आता है.
इन चारों जड़ी बूटियों का कॉन्बिनेशन पुरुष और स्त्री दोनों के लिए लाभदायक होता है.

अश्वगंधा सफेद मूसली शतावरी कौंच के बीज खाने के फायदे

अश्वगंधा सफेद मूसली शतावरी कौंच के बीज खाने के फायदे

चारों जड़ी बूटियों के अपने अलग-अलग फायदे होते हैं. ऐसे में सभी के फायदे आपको इस आयुर्वेदिक फार्मूले से प्राप्त होंगे.

शारीरिक कमजोरी दूर करें

शारीरिक कमजोरी के अंदर बहुत सारी चीजें समाहित होती है यह आयुर्वेदिक पाउडर शारीरिक कमजोरी से संबंधित काफी सारी समस्याओं को ठीक करने की क्षमता रखता है जैसे कि —

  • अगर व्यक्ति को थोड़ा सा भी कार्य करने के बाद थकान होने लगती है, तो यह उस थकान को दूर करता है.
  • सुबह उठने के बाद व्यक्ति को अपने शरीर में स्फूर्ति और ताजगी महसूस होगी व्यक्ति अपने आप को एनर्जेटिक महसूस करेगा.
  • खिलाड़ी की क्षमता और स्टेमिना को बढ़ाने के लिए यह काफी लाभदायक है.
  • व्यक्ति की याददाश्त व्यक्ति की कमजोरी की निशानी है. यह याददाश्त को ठीक करने की क्षमता रखता है.
  • यह व्यक्ति की मानसिक ऊर्जा को भी बढ़ाने का कार्य करता है.
  • व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है. इस कारण से मौसमी समस्याएं, छोटे मोटे रोग नहीं लगते हैं.

पाचन तंत्र मजबूत करें

शरीर की हर एक गतिविधि का संबंध पाचन तंत्र से अवश्य होता है. पाचन तंत्र खराब होने से शरीर में सभी रोग धीरे-धीरे बढ़ते हैं. यह अद्भुत जड़ी-बूटी पाउडर पाचन तंत्र से संबंधित सभी समस्याओं को दूर करने लगता है.

भोजन बहुत अच्छी तरीके से शरीर में पचेगा और शरीर को आवश्यक पोषक तत्व सही तरीके से प्राप्त होंगे. यह स्वयं बहुत सारे पोषक तत्वों का खजाना है. वह भी शरीर में अच्छे से पचते हैं.

गैस, एसिडिटी, अपच और अपच की वजह से पेट दर्द जैसी समस्याएं नहीं होती है. गैस बनने से शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द की समस्या होती है. जिसे वायु का दर्द कहा जाता है. यह दर्द स्थान बदलता है. इस प्रकार के दर्द में भी राहत मिलती है.

वजन बढ़ाता है

यह मिश्रण कमजोर व्यक्ति को ताकत प्रदान करने का कार्य करता है, और साथ ही साथ संयमित मात्रा में वजन को भी बढ़ाने में मदद करता है. अगर व्यक्ति का वजन कम है, तो वजन बनाएगा और अगर व्यक्ति का वजन अधिक है तो यह उसे कम करने में भी मदद करेगा. पाचन तंत्र दुरुस्त होने से वजन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

तनाव से मुक्ति

आजकल तनाव व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग बनता जा रहा है. यह तनाव भरी फास्ट लाइफस्टाइल की वजह से होता है.

यह सभी जड़ी बूटियां इस प्रकार के गुण रहती हैं कि मस्तिष्क में तनाव के लिए रेस्पॉन्सिबिल रसायन को कम करने और मस्तिष्क में ऐसे रसायन को उत्सर्जित करने की क्षमता रखती है, जो खुशी बढ़ाने का कार्य करते हैं.

मर्दाना ताकत के लिए लाभदायक

अश्वगंधा, कौंच के बीज, सफेद मूसली और शतावरी इन चारों में से पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पुरुष सेक्स हारमोंस टेस्टोस्टरॉन को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं.  पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टरॉन की प्रचुर मात्रा होने से शरीर में कई सारे सकारात्मक बदलाव नजर आते हैं जो उसकी जिंदगी को बदलने की क्षमता रखते हैं.

  • पुरुष की कामेच्छा में वृद्धि होती है
  • नसों में ब्लड फ्लो मजबूत होता है, और तनाव अधिक आता है.
  • स्पर्म की क्वालिटी क्वांटिटी और मोबिलिटी में सुधार आता है.
  • पुरुष का संभोग टाइम बढ़ जाता है.
  • इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं.
  • नाईट फॉल जैसी समस्याओं में भी कमी आती है.
  • शारीरिक ताकत भी बढ़ती है.
  • मानसिक ताकत भी बढ़ती है.
  • मन प्रसन्न रहता है.

महिलाओं के लिए फायदेमंद

पुरुषों की तरह महिलाओं के लिए भी यह जादुई औषधि काफी फायदेमंद होती है

  • यह महिलाओं के तनाव को कम करती है
  • प्रजनन तंत्र से संबंधित हारमोंस को बैलेंस करती है
  • महिला के अंडे की गुणवत्ता बढ़ती है
  • अनियमित पीरियड्स नियमित होते हैं
  • कामेच्छा बढ़ती है.
  • खुशी और आनंद महसूस होता है.
  • अगर आप प्रेगनेंसी कंसीव करने की सोच रहे हैं, तो लगभग 3 महीने पहले से इस पाउडर का इस्तेमाल इस आयुर्वेदिक चूर्ण का इस्तेमाल पुरुषों और महिलाओं दोनों को 3 महीने तक करना चाहिए. यह आपके प्रेगनेंसी कंसीव कराने में काफी मदद करेगा.
  • जिन महिलाओं को डिलीवरी के बाद दूध बनने में समस्या का सामना करना पड़ता है उनके लिए शतावरी काफी फायदेमंद होती है इसके अंदर शतावरी भी होती है तो ऐसी महिलाओं के लिए यह काफी फायदेमंद सिद्ध होती है.

एंटी एजिंग गुण

यह किसी भी पुरुष और महिला दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण बात होती है, कि वह अपनी उम्र से कम उम्र के नजर आए. यह उनके स्वास्थ्य को भी दिखाता है.

इस आयुर्वेदिक चूर्ण के अंदर इस प्रकार के गुण होते हैं, कि यह आपकी त्वचा को मजबूत और खिंचाव दार बनाने में मदद करते हैं. जिसकी वजह से व्यक्ति अपनी उम्र से कम उम्र का नजर आता है. यह गुण महिलाओं के और पुरुष दोनों के लिए बहुत लाभदायक है.

इम्यून सिस्टम मजबूत करें

चारों के चारों जड़ी बूटियां इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए जानी जाती है. इसका प्रयोग करने से व्यक्ति का इम्यून सिस्टम बहुत मजबूत हो जाता है.प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से कई प्रकार की समस्याएं अपने आप समाप्त हो जाती हैं.

  • शरीर के अंदर कोई भी छोटा-मोटा रोग नहीं रहता है
  • खासकर आपकी त्वचा संबंधी रोग समाप्त हो जाते हैं
  • कोई सा भी इंफेक्शन जल्दी से व्यक्ति को नहीं पकड़ता है
  • मौसमी रोग व्यक्ति को नहीं होते हैं
  • खांसी जुखाम बुखार फोड़े फुंसी जैसी छोटी-मोटी समस्याएं नहीं होती है
  • जीवन में ताजगी और उमंग नजर आती है.
  • पुरुष का कंसंट्रेशन और आत्मविश्वास बढ़ता है.
  • शरीर बलवान होने से शरीर में ताकत का एहसास होता है कॉन्फिडेंस आता है.

फिटनेस इंप्रूवमेंट

खिलाड़ियों के लिए यह एक तरह से सप्लीमेंट का कार्य करता है और यह एकदम नेचुरल होता है यह शरीर में ताकत और स्फूर्ति बढ़ाने का कार्य करता है खिलाड़ी की स्टैमिना बढ़ती है और खिलाड़ी का कंसंट्रेशन भी मजबूत होता है खिलाड़ी अधिक समय तक मैदान में बिना थके खेल सकता है.

आयुर्वेदिक चूर्ण कैसे तैयार करें

आप अश्वगंधा कौंच के बीज शतावरी और सफेद मूसली चारों का पाउडर बराबर बराबर मात्रा में लेकर आपस में मिलाकर किसी एयर टाइट डिब्बे में बंद करके रखें.

यह चारों जड़ी बूटियां आपको किसी भी जड़ी बूटी विक्रेता के यहां से मिल जाएंगी. लेकिन आप किसी ब्रांडेड कंपनी का प्रोडक्ट ही खरीदें. क्योंकि शुद्धता की गारंटी थोड़ा अधिक होती है.

आप इन्हें ऑनलाइन किसी ट्रस्टेड शॉपिंग पोर्टल से भी खरीद सकते हैं. आपको डायरेक्ट होम डिलीवरी हो जाएगी.

डाइट में कैसे शामिल करें

इसे आप एक सप्लीमेंट की तरह मान कर ले सकते हैं, जो बिल्कुल नेचुरल Food की श्रेणी में आता है. आप सुबह और शाम आधा आधा चम्मच रोजाना ले सकते हैं.

सुबह नाश्ते के 40 मिनट बाद और रात को खाना खाने के एक घंटे बाद और सोने से एक घंटा पहले ले. इसे आप दूध के साथ या ताजे पानी के साथ ले सकते हैं. रात को दूध के साथ लेना अधिक उचित रहता है.

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यह स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से किसी भी पुरुष के लिए और किसी भी महिला के लिए काफी लाभदायक होता है. इसकी मात्रा का ध्यान रखते हुए इसे अपनी डाइट में शामिल करना आपके लिए अत्यंत श्रेष्ठ है.

अश्वगंधा, सफेद मूसली शतावरी कौंच के बीज खाने के नुकसान

यह सभी आयुर्वेद की प्रीमियम क्वालिटी की जड़ी बूटियां है, और इनके बहुत सारे लाभ एक मनुष्य को कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं में होते हैं.

लेकिन अगर इन जड़ी बूटियों का अनियमित तरह से प्रयोग किया जाए या
किसी आयुर्वेदाचार्य की सलाह के बिना इनका प्रयोग किया जाए या
अधिक लंबे समय तक इनका प्रयोग किया जाए तो इन के साइड इफेक्ट शरीर में नजर आने लगते हैं.

इन जड़ी बूटियों से जो जो फायदे आपको होते हैं यह उन्हीं में आपको नुकसान करने लगती है

कुछ जड़ी बूटियां तासीर में गर्म और कुछ जड़ी बूटियां तासीर में ठंडी होती है. इसलिए पित्त, कफ से संबंधित रोग अनावश्यक रूप से लग जाते हैं.

अगर इन जड़ी बूटियों का प्रयोग संयमित रूप से और आयुर्वेदाचार्य की सलाह के अनुसार किया जाए तो इनके बेनिफिट्स होते हैं. सामान्य तौर पर एलोपैथिक मेडिसिन की तरह इनके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं. मात्र अधिक लेने पर ही यह नेगेटिव प्रभाव देती है.

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