क्या माता को दूध कम बन रहा है. एक जबरदस्त घरेलु उपाय

0
31

आजकल यह समस्या काफी सारी महिलाओं में देखने में आ रही है, कि प्रेगनेंसी कंप्लीट हो जाने के बाद डिलीवरी के बाद जब एक बच्चे की माता होती हैं तो उन्हें दूध कम बनता है.

ऐसे में कौन-कौन से तरीके हो सकते हैं. जिसकी सहायता से महिलाओ के दूध  की मात्रा बढ़ सके. और बच्चे को पूरा पोषण मिल सके. इसके लिए डॉक्टर्स भी आपको काफी सारे प्रोडक्ट बताएंगे.

लेकिन कुछ घरेलू तरीके हैं. जिनकी सहायता से आप अपने दूध के प्रोडक्शन को बढ़ा पाएंगे.

एक जड़ी बूटी है. जिससे शतावरी के नाम से जाना जाता है. जो महिलाओं के दूध को बढ़ाने के लिए मानी जाती है. हम बात करेंगे कि —

यह किस प्रकार से कार्य करती है.
इसे किस प्रकार से आप को लेना चाहिए.
किन किन बातों की सावधानी रखनी चाहिए. 

आदि विषय पर चर्चा करेंगे.

शतावरी एक भारतीय जड़ी बूटी है. जिसका प्रयोग प्राचीन समय से भारत में हो रहा है.

यह मुख्यतः पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है. माता के दूध को बढ़ाने के लिए गैलेक्टगॉग देने की सलाह दी जाती है. इससे माता के ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में काफी मदद मिलती है. शतावरी एक ऐसा ही पौधा है, जड़ी बूटी है जिसके अंदर गैलेक्टगॉग गुण पाए जाते हैं.

शतावरी की न्यूट्रिशन वैल्यू

शतावरी 1 न्यूट्रिशन रिच जड़ी बूटी है. इसके अंदर बायो फ्लेवर नाइट्स होते हैं. जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों वाले प्लांट कंपाउंड होते हैं.

यह शरीर के अंदर फ्री रेडिकल से लड़ते हैं. उम्र बढ़ाने वाली कोशिकाओं को रोकते हैं.

इसके अंदर दूसरे मिनरल्स भी होते हैं. जैसे कि जिंक, मैग्नीज, सेलेनियम, पोटेशियम, कॉपर, कोबाल्ट, कैल्शियम और मैग्नीशियम इत्यादि.

इसके अंदर विटामिन बी विटामिन ए और दूसरे आवश्यक फैटी एसिड्स भी पाए जाते हैं.

शतावरी से माता का दूध क्यों बढ़ता है

शतावरी एक प्रसिद्ध गैलेक्टागॉग है. यह कोर्टिकोइड और प्रोलैक्टिन के उत्पादन को बढ़ाता है, जो स्तनपान कराने वाली माँ के दूध की क्वालिटी और मात्रा में सुधार करता है.

शतावरी की मदद से महिलाओं के शरीर से स्टेरॉइड हारमोंस रिलीज होता है. इसके रिलीज होने से दूध बनने में भी सुधार होता है, और महिलाओं के स्तनों का वजन भी बढ़ जाता है.

यह लेक्टेशन में सुधार करता है. और परिणाम स्वरूप महिलाओं के दूध में वृद्धि होती है.

इससे और दूसरे फायदे होते हैं जो माता के दूध को बढ़ाने में मदद करते हैं.

  • इससे इम्युनिटी में सुधार होता है.
  • महिला का शरीर इंफेक्शन से लड़ने में मजबूत बनता है.
  • महिला का पाचन तंत्र सुधरता है.
  • हार्टबर्न से राहत मिलती है.
  • डायरिया से राहत मिलती है.
  • डिप्रेशन से बचाता है.

यह सब कारण माता के दूध को कम करने के भी होते हैं.

Books For : प्रेगनेंसी के बाद बच्चे की देखभाल कैसे करें

कैसे ले शतावरी

हालांकि शतावरी इतनी फायदेमंद है फिर भी इसकी मात्रा किसी डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए. वह निश्चित करेगा आपको इसकी कितनी मात्रा लेनी है.

शतावरी विभिन्न रूपों में इस्तेमाल की जा सकती है. मुख्यतः यह दो रूप में मिलती है.
नंबर 1 कैप्सूल
नंबर 2 पाउडर

आयुर्वेदिक डॉक्टर शतावरी कैप्सूल के द्वारा आपके दूध को बढ़ा सकते हैं. वही शतावरी पाउडर भी मार्केट में आता है. जिसकी रोज खुराक ली जा सकती है. यह शहद में डालकर या दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है. यह सब डॉक्टर की सलाह पर ही करें.

जहां तक यह बात है कि कैप्सूल ज्यादा सही रहेगा या पाउडर ज्यादा सही रहेगा तो पाउडर का रिजल्ट कैप्सूल की अपेक्षा ज्यादा अच्छा रहता है, और यह सस्ता भी होता है.

कोशिश करें इसका पाउडर प्रयोग में लाएं.  शतावरी स्वाद में काफी कड़वा होता है.  इसलिए इसमें शहद मिलाने की आवश्यकता होती है.

आप शतावरी को घी या मक्खन में उबालकर भी स्तनपान कराने वाली माताओं को दे सकते हैं.
कुछ दूसरी जड़ी बूटियों के मिश्रण के साथ भी इसका प्रयोग किया जाता है.

सावधानियां

शतावरी को लेने में कुछ सावधानियां रखने की आवश्यकता होती है. यह सब इसलिए है, ताकि आपको किसी प्रकार का नुकसान नहीं हो.

  •  अगर आपको शतावरी से एलर्जी है. तो आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए.
  •  एलर्जी के लक्षण हैं, तो त्वचा पर रैशेज, सांस लेने की समस्या इत्यादि.
  • शतावरी एक मूत्र वर्धक पदार्थ माना जाता है. आपको बार-बार टॉयलेट जाने की आवश्यकता पड़ सकती है, तो इस बात का ध्यान रखें कि टॉयलेट आपके आस-पास ही रहे.
  • यह हर्ब प्राकृतिक रूप से भारी और तैलीय है. यह शरीर में कफ को बढ़ाने का कार्य करती है. अर्थात छाती में जकड़न, खांसी इत्यादि की समस्या रह सकती है, तो साथ में कुछ ऐसा भी ले जो कफ को कंट्रोल करें.
  • यह आपके वजन को को बढ़ा सकती है, स्तनों की वृद्धि को बढ़ाती है, और यह दर्द का कारण भी बन सकती है, तो सावधान रहें.

जहां महिलाएं ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने के लिए इतनी कोशिश करती हैं. वहां उन्हें ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस की भी उतनी ही आवश्यकता होती है.

ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस की आवश्यकता

एक
नवजात बच्चे की माता को अपने शिशु को ब्रेस्ट फीडिंग कराने की आवश्यकता
होती है. एक नवजात बच्चा लगभग 6 महीने तक अपनी माता का दूध दिन में कई बार
पीता है. ऐसी परिस्थिति में माता को ट्रेडिशनल ड्रेस के अंदर ब्रेस्ट
फीडिंग कराने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है.

अब इस
परेशानी को दूर कर दिया गया है. नवजात बच्चे की माताओं के लिए
ब्रेस्टफीडिंग ड्रेसेस अब मार्केट में उपलब्ध हो गई है. यह ड्रेस काफी
स्टाइलिश भी होती हैं, और इनमें बच्चे को स्तनपान कराने की सुविधा भी होती
है.
नवजात बच्चे की माताओं के पास ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस अवश्य होनी
चाहिए. क्योंकि अगले कम से कम 1 साल तक महिलाएं अपने बच्चे को स्तनपान
कराएंगे.

ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस के अंदर महिलाओं को स्तनपान कराने
में काफी सुविधा रहती है. कई बार महिलाओं को घर और घर के बाहर भी बच्चों के
साथ निकलना पड़ता है. पब्लिक प्लेस में भी कभी-कभी ब्रेस्टफीडिंग करानी
पड़ती है. इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखकर ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस डिजाइन
की जाती है.

महिलाएं अपने लोकल मार्केट से ब्रेस्ट फीडिंग ड्रेस
खरीद सकती हैं. लोकल मार्केट में आपको बहुत अधिक चॉइस नहीं मिलती है, लेकिन
अगर आप Online nursing Dress खरीदने जाएंगे तो आपको एक बहुत लंबी रेंज
प्राप्त होगी, जहां आप अपनी पसंद की स्टाइलिश ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस खरीद
सकती है.

अगर आप ऑनलाइन परचेसिंग कर रहे हैं तो आपको किसी
प्रतिष्ठित वेबसाइट से ही शॉपिंग करें. क्योंकि यहां आपको प्रोडक्ट पसंद
नहीं आने पर रिटर्न करने की सुविधा भी प्राप्त होती है.

ऐसे ही हम
आपको ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस से संबंधित एक प्रतिष्ठित वेबसाइट वेबसाइट का
लिंक प्रोवाइड करा रहे हैं. जहां जाकर आप ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस के संबंध में
अधिक जानकारी प्राप्त कर सकती हैं.

Current Price

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें