सफेद मूसली और अश्वगंधा के फायदे | कहां से खरीदें | डाइट में कैसे शामिल करें

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सफेद मूसली और अश्वगंधा के फायदे आयुर्वेद के अंदर बहुत अधिक माने जाते हैं. दोनों ही आयुर्वेद की प्रचलित औषधियां है. यह दोनों शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए जानी जाती हैं, और इस प्रकार से यह शरीर की विभिन्न प्रकार की समस्याओं में काफी सटीक परिणाम देने की क्षमता रखती हैं.

दोनों आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों को साथ लेने पर शरीर में चमत्कारिक फायदे नजर आते हैं. बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के साथ-साथ बड़ी उम्र के लोगों के ऊपर यह काफी प्रभावशाली असर दिखाती है.

मूसली और अश्वगंधा की तासीर

सफेद मूसली और अश्वगंधा के फायदे आपको तभी लगते हैं जब आपको इनकी तासीर पता हो और उसके अनुसार आप उनका प्रयोग करें.

अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है. इसलिए अश्वगंधा पित्त प्रकृति के रोगियों को थोड़ा नुकसान दे सकती है और इसे गर्मी के मौसम में सोच समझकर प्रयोग में लाना चाहिए.

वही सफेद मुसली की तासीर ठंडी होती है, और अपनी ठंडी तासीर के कारण यह कफ प्रकृति के व्यक्तियों को सोच समझकर लेनी चाहिए और इसे गर्मी के मौसम में लेना अधिक सुविधाजनक रहता है.

अगर इन दोनों का सेवन एक साथ मिलाकर किया जाए तो यह किसी भी मौसम में बड़ी आसानी से दी जाती है.

सफेद मूसली और अश्वगंधा के फायदे

सफेद मूसली और अश्वगंधा के फायदे

एक उच्च स्तर का इम्यून बूस्टर प्रोडक्ट होने की वजह से दोनों जड़ी बूटियां शरीर में लगभग हर प्रकार के रोगों पर अपना असर दिखाने में सक्षम है. सफेद मूसली और अश्वगंधा के फायदे बहुत अधिक है, और इनमें से कुछ मुख्य फायदों के विषय में बात करेंगे.

इन दोनों जड़ी बूटियों में काफी दुर्लभ मिनरल्स और विटामिंस होते हैं, जो शरीर की विभिन्न समस्याओं में चमत्कारिक प्रभाव दिखाने की क्षमता रखते हैं.

पुरुषों के लिए सफेद मूसली और अश्वगंधा के फायदे

इन दोनों में एक जड़ी-बूटी गरम प्रकृति की और एक ठंडी प्रकृति की होती है. और दोनों ही लगभग एक ही प्रकार की गुण और धर्म रखती हैं.

यह पुरुष के सेक्स हारमोंस टेस्टोस्टरॉन को शरीर में बढ़ाने का कार्य करते हैं. इसकी वजह से पुरुष के शरीर में कई प्रकार की समस्या एक साथ समाप्त हो जाती हैं.
जैसे कि —

  • पुरुषों की नपुंसकता दूर हो जाती है
  • पुरुषों के शरीर में स्पर्म क्वालिटी क्वांटिटी और मोबिलिटी तीनों ही इंप्रूव होती है
  • लिंग में तनाव की कमी की समस्या दूर होती है
  • स्तंभन शक्ति बढ़ जाती है
  • समय बढ़ता है
  • शरीर में ऊर्जा की वृद्धि होती है
  • स्फूर्ति और ताजगी महसूस होती है
  • नसों में रक्त का संचार बढ़ता है
  • रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है
  • इनफर्टिलिटी की समस्या दूर करें

यह पुरुषों के सेक्स हारमोंस टेस्टोस्टेरोन और महिलाओं के शरीर में महिला के सेक्स हारमोंस एस्ट्रोजन और दूसरे हारमोंस की मात्रा को संयमित करती है.

अगर इनकी मात्रा अधिक है तो उसे कम करना और कम है तो उसकी मात्रा को बढ़ाना अर्थात संयमित करना इसका प्रमुख कार्य है.

इसकी वजह से पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन क्षमता में वृद्धि होती है, और इनफर्टिलिटी की समस्या दूर हो जाती है.

मानसिक शांति की प्राप्ति

इन दोनों जड़ी बूटियों में ऐसे दुर्लभ मिनरल्स विटामिंस और एंजाइम्स पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क को ताकत देने का कार्य करते हैं. यह ऐसे एलिमेंट्स को माइंड से रिलीज करने में मदद करते हैं जो व्यक्ति को खुशी प्रदान करते हैं.

इस प्रकार से तनाव, डिप्रेशन और दुख इत्यादि की अनुभूति कब होती है. व्यक्ति खुश रहता है, और व्यक्ति की याददाश्त मजबूत होने लगती है.

बॉडी को डिटॉक्सिफाई करें

यह शरीर से ऐसे तत्वों को निकालने में मदद करते हैं, जो शरीर को नुकसान देते हैं. यह शरीर से फ्री रेडिकल्स को भी कम करने का कार्य करते हैं. जिसकी वजह से शरीर में कुछ बड़ी क्रॉनिकल डिजीज होने का खतरा रहता है. जिसमें एक नाम कैंसर भी है.

बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करें

मनुष्य के शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल दोनों प्रकार के कंट्रोल पनपते हैं, लेकिन यह बैड कोलेस्ट्रॉल को शरीर से कम करते हैं. जिसकी वजह से हृदय स्वस्थ रहता है, और हार्ड अटैक जैसी समस्याएं कम हो जाती है.

वजन कंट्रोल करें

इन जड़ी-बूटियों का सेवन करने से शरीर का वजन संयमित रहता है अर्थात अगर वजन अधिक है, तो यह वजन को कम करने की क्षमता रखते हैं.

अगर व्यक्ति कमजोर है, वजन कम है, तो यह उसको बढ़ाने में भी सक्षम है.

इसका दूसरा अर्थ यह है कि यह थायराइड को भी कंट्रोल करने का कार्य करते हैं. क्योंकि थायराइड के बढ़ने और घटने से शरीर के वजन का संबंध होता है, और यह थायराइड से होने वाली जो भी समस्याएं हैं. उन्हें भी कम करने की क्षमता रखते हैं.

एंटी एजिंग

इन सब जड़ी बूटियों का प्रयोग करने से व्यक्ति की उम्र धीरे-धीरे कम प्रतीत होने लगती है. अर्थात त्वचा में सकारात्मक बदलाव आते हैं. त्वचा की चमक बढ़ती है. त्वचा में खिंचाव आ जाता है. त्वचा का ढीलापन समाप्त हो जाता है.

मौसमी बीमारियां रहे दूर

जो भी औषधियां इम्यून सिस्टम को मजबूत करती हैं, उनका प्रयोग करते समय मौसमी बीमारियां हमेशा दूर रहती है. जैसे कि खांसी, जुखाम, बुखार, पेट दर्द, सिरदर्द, गैस, एसिडिटी, कमजोर पाचन, त्वचा संबंधी समस्याएं जिसमें हाथ पैरों में या शरीर के किसी अंग पर सूजन, त्वचा पर विभिन्न प्रकार के चकत्ते, फोड़े, फुंसी इत्यादि या दूसरे प्रकार की समस्याएं.

इंफेक्शन कंट्रोल करें

anti-inflammatory, एंटीऑक्सीडेंट गुण होने की वजह से यह शरीर में होने वाले किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन को रोकने में सक्षम होती हैं. इस प्रकार से उनका प्रयोग करने से काफी सारी बीमारियां नहीं होती है. यह एक प्रकार से सुपरफूड है.

इन्हें डाइट में क्यों शामिल करें

आजकल हमारे भोजन की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है. बहुत अधिक पेस्टिसाइड और यूरिया खाद हमारे खेतों में प्रयोग होने से हमारे भोजन की क्वालिटी का स्तर लगातार अत्यधिक कम होता जा रहा है.

हम जिस भोजन को सबसे शुद्ध मानकर ग्रहण करते हैं. वह भी हमारे सेहत के लिए ना के बराबर सही होता है. ऐसे में हमारे शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व की आपूर्ति करने के लिए हमें एक्स्ट्रा डाइट की आवश्यकता होती है.

विदेशों में इसके लिए सप्लीमेंट का प्रयोग किया जाता है जैसे कि भारत में भी प्रोटीन के सप्लीमेंट या दूसरे एंजाइम और विटामिंस के सप्लीमेंट टेबलेट के रूप में मिलते हैं.

लेकिन अगर हम यही सब नेचुरल तरीके से जंगली जड़ी बूटियों के द्वारा प्राप्त करें तो यह शरीर के लिए सबसे सही ऑप्शन होता है.

TIP: जिस प्रकार से सप्लीमेंट आपके शरीर को ताकत देता है, उसके लिए आप देसी सप्लीमेंट लेना शुरू करें, जो दूसरे प्रोटीन और अन्य विटामिन कैप्सूल या पाउडर से कहीं अधिक ताकतवर और लाभदायक है.
आप अश्वगंधा पाउडर, सफेद मूसली पाउडर, कौंच के बीज का पाउडर और शतावरी पाउडर को बराबर मात्रा में मिलाकर एक पाउडर तैयार करें. रोजाना इसे सप्लीमेंट की तरह प्रयोग कर सकते हैं. जो शरीर को ताकत देगा.
अश्वगंधा और सफेद मुसली की तरह कौंच के बीज और शतावरी भी इसी प्रकार के गुण रखते हैं.

डाइट में कैसे शामिल करें

आप अश्वगंधा और सफेद मूसली को बराबर मात्रा में मिलाकर एक पाउडर तैयार कर ले या आप अश्वगंधा, सफेद मूसली, कौंच के बीज और शतावरी चारों को  बराबर मात्रा में मिलाकर एक पाउडर तैयार कर सकते हैं.
दोनों में से किसी भी पाउडर को आप सुबह-शाम आधा-आधा चम्मच ताजे जल के साथ में या एक कप दूध के साथ ले सकते हैं.

कहां से खरीदें

यह भारतीय जड़ी बूटियां है. इसलिए आप इन्हें शहर-शहर, गांव-गांव और कस्बा-कस्बा बड़ी आसानी से कहीं से भी खरीद सकते हैं.

लेकिन छोटी जगह या छोटी दुकान से इन्हें खरीदने पर इनकी गुणवत्ता थोड़ा संदिग्ध रहती है. जड़ी-बूटी विक्रेता या लोकल विक्रेता इन्हें खुला भी बेचते हैं. जिससे वातावरण के संपर्क में आने पर इनकी गुणवत्ता बाधित हो जाती है.
आजकल मार्केट में भारतीय जड़ी बूटियां कई प्रकार की कंपनियों द्वारा पैक करके बेची जाती हैं.

हालांकि इनका इनकी कीमत थोड़ा सा अधिक हो सकती है, लेकिन इनकी गुणवत्ता और क्वालिटी पर विश्वास किया जा सकता है.

क्योंकि ब्रांडेड कंपनियां कभी भी अपने प्रोडक्ट की गुणवत्ता से जल्दी से समझौता नहीं करती है. आप इन्हें ऑनलाइन भी अमेजॉन, फ्लिपकार्ट जैसे ट्रस्टेड शॉपिंग पोर्टल से खरीद सकते हैं.

यहां आपको हर कंपनी के प्रोडक्ट का यूज़र एनालिसिस और रिव्यु मिल जाता है. जिससे आप सही प्रोडक्ट बड़ी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.

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अश्वगंधा टेबलेट

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निष्कर्ष

अश्वगंधा और श्वेत मूसली जैसी जड़ी बूटियां एक प्रकार से नेचुरल सप्लीमेंट की तरह कार्य करती है, जो शरीर को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ कई प्रकार के रोगों से सुरक्षा प्रदान करती हैं.

सफेद मूसली और अश्वगंधा के फायदे अनगिनत है. इसलिए इनका प्रयोग करना बहुत लाभदायक रहता है. इन्हें खरीदते समय इनकी गुणवत्ता को लेकर भी ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. आप इनका प्रयोग लगातार 40 दिन तक करें. उसके बाद कुछ दिन इन्हें लेना छोड़ दे, और उसके बाद दोबारा से आप 40 दिन इनका प्रयोग कर सकते हैं.

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