महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ

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अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो भारत में बहुत अधिक प्रचलित है. यह आयुर्वेद की एक प्रमुख जड़ी बूटी है. जिसके बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ होते हैं. हम महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ को लेकर चर्चा कर रहे हैं.

यह जड़ी-बूटी हर उम्र के व्यक्ति के लिए बहुत अधिक लाभदायक मानी जाती है. यह महिलाओं के लिए भी विशेष लाभदायक होती है. महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ भी अनगिनत हैं.

महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ

अश्वगंधा का प्रयोग करने से शरीर को भरपूर मात्रा में ऊर्जा, प्रोटीन, विटामिन सी, आयरन और कैल्शियम जैसे तत्वों प्राप्त होते हैं. वही इसके अंदर ऐसे भी दुर्लभ तत्व होते हैं, जो एंटी स्ट्रेस, एंटी एजिंग, anti-inflammatory, एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं. शरीर को विभिन्न प्रकार से लाभ पहुंचाने का कार्य करते हैं. महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ बहुत सारे हैं.

महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ

प्रजनन तंत्र में सुधार

अक्सर महिलाओं के साथ यह बहुत बड़ी समस्या रहती है कि वह प्रजनन तंत्र डिस्फंक्शन और सेक्सुअल डिजायर जैसी समस्याओं केअनबैलेंस होने के कारण काफी अधिक परेशान रहती हैं.
जैसे कि —-

  • पीरियड्स की अनियमितता
  • प्रजनन तंत्र से संबंधित इन्फेक्शन
  • प्रजनन तंत्र के किसी भी अंग में अनवांटेड टिशु ग्रोथ
  • प्रजनन तंत्र से संबंधित हारमोंस का बैलेंस नहीं होना
  • अंडों की परिपक्वता में समस्या
  • मंथली ब्लीडिंग में अनियमितता, कम या अधिक होना
  • फंगल इन्फेक्शन
  • सेक्सुअल डिजायर से संबंधित काफी सारी समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि कुछ कॉमन समस्याएं हैं
  • संभोग के प्रति आकर्षण समाप्त होना
  • संभोग के प्रति बहुत अधिक आकर्षण बढ़ जाना
  • संभोग के दौरान कष्ट
  • अनवांटेड ब्लीडिंग

और भी बहुत सारी स्पेसिफिक समस्याएं हो सकती है. इन सब समस्याओं में अश्वगंधा का प्रयोग करने पर बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है.

अश्वगंधा कैप्सूल

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अश्वगंधा टेबलेट

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मेनोपॉज के दौरान अश्वगंधा के फायदे

बड़ी उम्र में महिला के मेनोपॉज के दौरान महिला के शरीर में हारमोंस को व्यवस्थित करने के लिए अश्वगंधा काफी लाभदायक मानी जाती है.

क्योंकि पीरियड को रेगुलर रखने में महिला के शरीर में हारमोंस की काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ऐसे में मेनोपॉज के दौरान हारमोंस बैलेंस रहे. इसके लिए अश्वगंधा का प्रयोग करना काफी लाभदायक होता है.
मेनोपॉज के दौरान इसके साइड इफेक्ट को कम करने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग किया जा सकता है.

एंटी एजिंग गुण

किसी भी व्यक्ति की या किसी भी महिला की त्वचा से ही उसकी उम्र अधिक या कम नजर आती है. त्वचा में आने वाली सिकुड़न को देखकर व्यक्ति की उम्र का अंदाजा लगाया जाता है.

अगर व्यक्ति की त्वचा स्मूथ, चिकनी और कसी हुई होती है, तो व्यक्ति की उम्र कम नजर आती है. अश्वगंधा के अंदर पाए जाने वाला एक एंटीऑक्सीडेंट जिसे हम पॉलिफिनॉल्स के नाम से जानते हैं. यह त्वचा के लिए बहुत अधिक लाभदायक होता है. यह त्वचा में कसावट लाने का कार्य करता है. जिसकी वजह से त्वचा जवान नजर आती है.

थायराइड की समस्या से राहत

अश्वगंधा के अंदर पाए जाने वाले कुछ एंटीऑक्सीडेंट थायराइड ग्रंथि को पोषण देने का कार्य करते हैं. जिसकी वजह से थायराइड अपनी सुरक्षित सीमा के अंदर रहता है.
इस वजह से शरीर की बहुत सारी गतिविधियां मजबूत रहती हैं. थायराइड की समस्या नहीं होती है.

महिला के लिए थायराइड ग्रंथि का सही प्रकार से कार्य करना बहुत आवश्यक होता है. इसकी वजह से महिला के पीरियड अनियमित हो सकते हैं.

साथ
ही साथ अगर थायराइड बिगड़ जाता है, तो महिला गर्भवती नहीं हो पाती है. और
अगर महिला गर्भवती हो जाती है, तो मिसकैरेज होने के बहुत अधिक संभावना बन
जाती है. ऐसे में थायराइड ग्रंथि का सही प्रकार से कार्य करना बहुत आवश्यक
होता है.

वेजाइनल इन्फेक्शन

अगर महिला को वेजाइनल इंफेक्शन की समस्या देखने में आती है, तो उसे अपने डाइट में अश्वगंधा के चूर्ण को शामिल करना चाहिए.

इसका प्रयोग करने से महिला को वेजाइनल इंफेक्शन से काफी राहत मिलती है. इसके अंदर पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबॉयल गुण इस समस्या को दूर करने में सक्षम होते हैं.

सूजन और दर्द में राहत

अश्वगंधा के अंदर anti-inflammatory गुण भी पाए जाते हैं, जो सूजन और दर्द जैसी समस्याओं में काफी फायदेमंद होते हैं. यह किसी भी प्रकार की सूजन को दूर करने में तथा शरीर में किसी भी प्रकार के दर्द में राहत पहुंचाने की क्षमता
रखते हैं.

हालांकि जरूरी नहीं कि है दर्द के कारण को ठीक कर दे लेकिन दर्द को कम करने में मदद अवश्य करते हैं.

मानसिक शांति के लिए

अक्सर महिलाएं बहुत अधिक सोचती हैं और उन्हें अनावश्यक तनाव और डिप्रेशन की समस्या हो जाती है. इसके कुछ भी कारण हो सकते हैं, लेकिन अक्सर महिलाएं घर में अकेली रहती है. इस वजह से यह समस्याएं होने की संभावना काफी अधिक रहती है.

अश्वगंधा का प्रयोग करने से मस्तिष्क से ऐसे तत्वों का रिसाव होता है, जो मन में खुशी पैदा करने के लिए जिम्मेदार है.
इसलिए इसका प्रयोग करने से याददाश्त मजबूत रहती है. मन खुश रहता है. डिप्रेशन और तनाव जैसी समस्याएं दूर होती है.

बालों को झड़ने से बचाएं

जैसा कि हमने अभी चर्चा की है कि इसके अंदर ऐसे एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो त्वचा को मजबूती प्रदान करते हैं. इस वजह से बाल झड़ने की समस्या कम होती है.

दूसरा यह तनाव को कम करता है. तनाव भी बाल झड़ने के लिए जिम्मेदार होता है. तो इसका प्रयोग करने से इनडायरेक्टली बाल झड़ने भी कम हो जाते हैं.

वजन कंट्रोल करने में मदद करें

अगर महिला को अधिक स्ट्रेस रहता है, तो उसकी फूड हैबिट बदल जाती हैं. इस वजह से महिला कमजोर या अधिक वजनदार हो जाती है.

कहीं ना कहीं अश्वगंधा का प्रयोग करने से महिला को स्ट्रेस कम होता है. पाचन तंत्र सुधरता है. महिला की फिटनेस और एक्टिविटी बढ़ने लगती है. वजन संतुलित होने लगता है. यह अश्वगंधा का इनडायरेक्ट फायदा है.

प्रेगनेंसी में अश्वगंधा के लाभ

अश्वगंधा गर्म तासीर की होती है. इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान अश्वगंधा का प्रयोग करने से पहले आप आयुर्वेदाचार्य से अवश्य सलाह करें.

अगर आपकी प्रेग्नेंसी में किसी भी प्रकार की कॉम्प्लिकेशंस है, तो गर्म तासीर के खाद्य पदार्थ से बचना चाहिए. नॉरमल प्रेगनेंसी में आप डॉक्टर की सलाह पर इसका प्रयोग कर सकती हैं. प्रेगनेंसी में अश्वगंधा के कुछ प्रकार से हैं.

प्रेगनेंसी के दौरान अश्वगंधा लाभ.

  • स्फूर्ति और ताजगी प्रदान करती है
  • प्रेग्नेंसी के समय होने वाली सूजन में लाभ
  • त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभ
  • अश्वगंधा
    थायराइड को कंट्रोल करने का कार्य करती है. इस वजह से इस वजह से थायराइड
    से ग्रसित महिलाओं में गर्भपात का डर कम हो जाता है.

अश्वगंधा चूर्ण

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अश्वगंधा पाउडर

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अश्वगंधा का सेवन रोजाना कितना करें

महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ लेने के लिए अश्वगंधा का सेवन करने से पहले उसकी मात्रा का पता होना अत्यधिक आवश्यक होता है. क्योंकि संयमित मात्रा ही आपको फायदा देती है.

कोई भी महिला 3 ग्राम से लेकर 6 ग्राम तक अश्वगंधा रोजाना एक समय ले सकती है. यह मात्रा लगभग आधा चम्मच के बराबर होती है.

हालांकि अगर उसे कोई विशेष प्रकार की समस्या है. जिसकी वजह से वह अश्वगंधा का प्रयोग आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर कर रही है तो उस समस्या को देखते हुए आयुर्वेदाचार्य उसकी मात्रा को निश्चित करें.

अश्वगंधा कितने दिन तक खाना चाहिए

महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ तभी मिलते हैं जब उन्हें इसकी प्रॉपर मात्रा के विषय में जानकारी हो अश्वगंधा कितने दिन तक खाना चाहिए. यह बिल्कुल भी निश्चित नहीं है, हालांकि कोई भी आयुर्वेदिक बूटी कितने दिन तक लेनी चाहिए. यह बिल्कुल भी निश्चित नहीं होता है.

क्योंकि यह मुख्य रूप से आप की आवश्यकता के ऊपर निर्भर करता है. आपके शरीर में समस्या के ऊपर इसकी मात्रा और समय दोनों निर्भर करते हैं.

अश्वगंधा को फूड सप्लीमेंट की तरह भी प्रयोग में लाया जा सकता है, जो एक शुद्ध रूप से नेचुरल पदार्थ है. आप अश्वगंधा कैप्सूल, अश्वगंधा टेबलेट या अश्वगंधा चूर्ण का प्रयोग रोजाना अपने डाइट में कर सकते हैं.

आप लगातार 3 से 5 ग्राम अश्वगंधा रोजाना लगभग 40 दिन तक ले सकते हैं. अगले 10 दिन छोड़कर फिर आप इसे दो बार और 40- 40 दिन तक ले सकते हैं.

उसके बाद आपको इसे 2 से 3 महीने के लिए छोड़ देना चाहिए. क्योंकि किसी भी वस्तु की आदत शरीर को नहीं लगनी चाहिए. फिर से आप इसी प्रकार से रूटीन फॉलो कर सकते हैं.

1 टिप्पणी

  1. बहुत ही उपयोगी औषधि है इसके बिषय मै बहुत ही सुन्दर जानकारी दी गई है जनता इससे स्वास्थ्य लाभ लेकर स्वस्थ्य जीवनशैली केसाथ जीवनकाल तकनिरोगीरहकर जीवनका आनंददैहिक औरभौतिक लाभ उठा सकतेहै यह स्वयं परीक्षित है

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