Second week of pregnancy | दूसरे हफ्ते की प्रेगनेंसी से आप क्या समझते हैं

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हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं कि महिला 2 हफ्ते की प्रेगनेंसी है तो इस बात से हम क्या समझ सकते हैं.
महिला के शरीर के अंदर कौन-कौन सी प्रोसेस गतिमान होती हैं.

महिला क्या महसूस कर सकती है 

हालांकि हर महिला में थोड़ा थोड़ा अलग महसूस होता है. लेकिन गर्भावस्था के लिए महिला के शरीर के अंदर जो प्रोसेस होती है. वह सभी महिलाओं के लिए एक जैसी होती है.

बस महिला को लक्षण अलग आ सकते हैं, और हर महिला की फीलिंग थोड़ा अलग-अलग होती है.

मुख्यता हर महिला के लिए दूसरा हफ्ता यह बात निश्चित करता है, कि महिला वास्तव में गर्भवती हो रही है या नहीं हो रही है.

अगर महिला गर्भवती हो रही है तो यह दूसरा हफ्ता कहलायेगा. अगर महिला गर्भवती नहीं हो पाती है तो यह सामान्य हफ्ते की तरह गुजर जाएगा.

Second week of pregnancy | दूसरे हफ्ते की प्रेगनेंसी से आप क्या समझते हैं

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हम यह मानकर चल रहे हैं, कि महिला इस बार गर्भधारण कर रही है.

अब इस अवस्था में काफी सारी चीजें बदल जाती हैं. इस हफ्ते महिला के शरीर में काफी सारी जटिल प्रक्रियाएं संपन्न होती हैं.

हालांकि महिला को इस संबंध में कुछ भी नहीं पता होता है. बस हल्का सा अलग महसूस होता है. अलग तो महसूस कभी भी किसी भी अवस्था में हो सकता है, लेकिन जब महिला गर्भवती हो जाती है, तो तब उसे एहसास होता है, कि उसने दूसरे हफ्ते में जो महसूस किया वह गर्भ अवस्था के कारण था.

और महिला के यही एहसास आगे चलकर दूसरी महिला के लिए लक्षण का कार्य करते हैं.

दोस्तों लक्षण कुछ नहीं होते हैं. बस पहले गर्भवती हो चुकी महिलाओं के द्वारा किए गए अनुभव, आगे गर्भवती होने वाली महिलाओं के लिए लक्षण का कार्य करते हैं.

इस हफ्ते महिला को अंडोत्सर्ग की प्रक्रिया से गुजरना होता है. अंडोत्सर्ग अर्थात ओव्युलेशन पीरियड.
इस हफ्ते के कुछ लक्षणों के बारे में हम आप से चर्चा कर रहे हैं.

दोस्तों वास्तव में अगर आप देखें तो गर्भावस्था के दूसरे हफ्ते में महिला वास्तव में गर्भवती होती ही नहीं है. बस यह गर्भावस्था होने की शुरुआत इस हफ्ते हो जाती है. इस हफ्ते यह निश्चित होता है कि महिला गर्भवती होगी या नहीं होगी.

ज्यादातर महिलाओं का मासिक चक्र 28 से लेकर 32 दिनों के बीच में होता है. हालांकि यह कुछ महिलाओं के लिए थोड़ा सा कम या ज्यादा भी होता है, लेकिन 28 से 32 दिनों का यह मासिक चक्र अधिकतर महिलाओं के लिए होता ही होता है, और इन्हीं दिनों के आधार पर अंडोत्सर्ग का समय थोड़ा सा आगे या पीछे हो सकता है.

इस हफ्ते महिलाओं को कुछ अलग प्रकार की फीलिंग हो सकती है, कुछ अलग महसूस होता है जो अलग-अलग महिलाओं में अलग-अलग प्रकार से होता है, और इस हफ्ते कुछ इस प्रकार के लक्षण महिलाओं के शरीर में नजर आते हैं जैसे कि –

कुछ महिलाओं में इस दौरान गंध महसूस करने की क्षमता काफी ज्यादा बढ़ जाती है.

कुछ महिलाओं को इस वक्त पेड़ू  के आसपास दर्द महसूस हो सकता है.

सर्विकल म्यूकस में परिवर्तन होता है लेकिन इसे अधिकतर महिलाएं समझ नहीं पाएंगे.

1 लक्षण यह है कि जब अंडोत्सर्ग का समय आता है तो महिलाओं की कामेच्छा में काफी वृद्धि हो जाती है. यह नेचुरल है.

अगर इस दौरान महिला के मूत्र और लार की जांच की जाए तो उसके द्वारा पता चल सकता है कि महिला का अंडोत्सर्ग का समय चल रहा है या आने वाला है.

शरीर के तापमान में थोड़ी वृद्धि हो जाती है, लेकिन यह बहुत ज्यादा गौर से महसूस करने पर ही समझ आएगा. इसके लिए महिलाओं को कुछ महीने अपने शरीर के तापमान का चार्ट बनाना होगा, उसे नोट करना होगा तभी यह समझ आएगा.

प्रेगनेंसी की प्रक्रिया

गर्भावस्था के लिए पुरुष के अंश और महिला के अंश दोनों की आवश्यकता होती है. अगर पुरुष का स्खलन होता है, तो पुरुष के शरीर से 300 से 400 मिलियन शुक्राणु उत्सर्जित होते हैं, और उसमें से मात्र एक शुक्राणुओं के द्वारा संतान प्राप्ति की प्रक्रिया प्रारंभ होती है.

इनका जीवन महिला के शरीर में काफी संघर्षपूर्ण होता है, जिसमें अधिकतर मारे जाते हैं अपने आप को जीवित नहीं रख पाते हैं.

प्रेगनेंसी के लिए अंडोत्सर्ग हो जाने के बाद 24 घंटे के अंदर अंदर अगर अंडा और शुक्राणु मिलन कर लेते हैं , तभी प्रेगनेंसी की संभावना बनती है.

इसी कारण कहा जाता है की महिला एक से लेकर 6 महीने तक गर्भवती होती है. यह जरूरी नहीं कि आप जिस महीने चाहे महिला गर्भवती हो जाए.

इसी कारण कहा जाता है की महिला एक से लेकर 6 महीने तक गर्भवती होती है. यह जरूरी नहीं कि आप जिस महीने चाहे महिला गर्भवती हो जाए. इसलिए महिलाओं को कुछ ध्यान रखने की आवश्यकता होती है.

यदि महिला सिगरेट पीती है तो उसे सिगरेट नहीं पीनी चाहिए.  निकोटिन इस प्रक्रिया पर काफी बुरा प्रभाव डालता है.

महिला और पुरुष दोनों के बीच संबंध बिल्कुल तनाव मुक्त वातावरण में होने चाहिए.

यदि आप गर्भावस्था चाह रही हैं तो इसके लिए आपको फोलिक एसिड और प्रसव पूर्व के विटामिन लेना शुरू कर देना काफी जरूरी होता है.

छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें, अवश्य सफल होंगे.

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