नमस्कार दोस्तों, आज हम एक विशेष टॉपिक पर बात कर रहे हैं. जिसका नाम है पितृदोष.
दोस्तों हमारे पास बहुत सारे कमेंट आते हैं, कि हमने सभी प्रकार के चेकअप करा लिए हैं, और हमारे अंदर किसी भी प्रकार की कोई भी कमी नहीं है. उसके बाद भी हमारे यहां संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है. ऐसा क्यों हो रहा है. इसके पीछे क्या कारण है कुछ समझ नहीं आ रहा है क्या आप हमारी मदद कर सकते हैं डॉक्टर भी कुछ नहीं बता पा रहे हैं.
दोस्तों पितृदोष की व्याख्या सनातन धर्म के माध्यम से की जाती है. लेकिन यह पूर्ण रूप से वैज्ञानिक तथ्य है. इसके पीछे कोई भी अलौकिक या धार्मिक कारण नहीं है.
बात करेंगे पितृदोष क्या है,और यह कैसे कार्य करता है
इसके उपाय से कैसे लाभ मिल सकता है
पितृदोष क्या है, यह कैसे कार्य करता है
पितृदोष आपके शरीर के ऊपर ग्रहों की ग्रेविटेशनल फोर्स का एक नेगेटिव प्रभाव है, जो आपकी कार्यक्षमता को आपकी एनर्जी को बाधित करता है. जिसके कारण आप के विभिन्न प्रकार के कार्य बाधित होते हैं. शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होती है. खासकर संतान प्राप्ति से संबंधित समस्याएं होती हैं. यह पूर्ण रूप से वैज्ञानिक प्रतीत होता है.
सनातन धर्म में कुंडली के माध्यम से पितृदोष की व्याख्या प्राप्त होती है. यह कुंडली आपके जन्म के समय हमारे ब्रह्मांड के ग्रहों की क्या स्थिति थी, उस आधार पर तैयार की जाती है. जब हम पैदा होते हैं, तो उस वक्त हमारे शरीर का प्रकार निश्चित होता है कि ग्रेविटेशनल फोर्स हमारे ऊपर किस प्रकार से कार्य करेंगे और उसी आधार पर कुंडली बनती है.
क्योंकि हम ब्रह्मांड का एक हिस्सा है, और ब्रह्मांड विभिन्न प्रकार की ग्रेविटेशनल फोर्स के ऊपर कार्य करता है, तो इस कारण से ब्रह्मांड ग्रेविटेशनल फोर्स हमारे शरीर के ऊपर भी प्रभाव डालती है.
ब्रह्मांड की ग्रेविटेशनल फोर्स हमारे ऊपर पॉजिटिव प्रभाव और नेगेटिव प्रभाव दोनों प्रकार का असर दिखाती है. इसे कुंडली के माध्यम से बताया जाता है, कि आपके ग्रहों की स्थिति कैसी है और कौन से ग्रह की एनर्जी आप को नुकसान पहुंचा रही है और कौन से ग्रह की एनर्जी फायदा.
ऐसे ही आपके लिए आपके जन्म समय के आधार पर कुछ ग्रहों की स्थिति ऐसी बनती है कि वह आपको नुकसान पहुंचाते हैं. उन्हें कुछ स्थिति में से एक स्थिति पितृदोष की भी है और यह पितृदोष अर्थात कुछ विशेष ग्रहों की एनर्जी आपके शरीर पर इस प्रकार का प्रभाव डालती है कि आप संतान प्राप्ति में सक्षम नहीं हो पाते हैं.
हमारे मेडिकल साइंस में ब्रह्मांड ग्रेविटेशनल फोर्स किस प्रकार से हमारे शरीर पर प्रभाव डालती है. शरीर को स्वस्थ और बीमार बनाती है. इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण फैक्टर है, और यह सब शुद्ध वैज्ञानिक है.
अगर आपको पित्र दोष है तो कई प्रकार के समस्याओं के साथ-साथ संतान नहीं होने की समस्या भी आपको नजर आती है. अर्थात ब्रह्मांड के एनर्जी (फोर्स) आपके रीप्रोडक्टिव सिस्टम्स को कमजोर बना रही है. कई बार ऐसा भी होता है, कि ब्रह्मांड एनर्जी उसे ताकत भी देती है, लेकिन अगर आपको पित्र दोष है. अर्थात कुछ ग्रहों की एनर्जी आपके रिप्रोडक्टिव सिस्टम को काम नहीं करने दे रहे रही है. इसी वजह से सब कुछ रिपोर्ट में सही आता है, और फिर भी आप माता-पिता नहीं बनता पाते.
इसके उपाय से कैसे लाभ मिल सकता है.
इसके क्या-क्या उपाय हो सकते हैं यह आप के विश्वास का मामला है, और पहले तो आप चेक कराएं कि कहीं आपकी कुंडली के अनुसार आपको पितृदोष तो नहीं है.
अर्थात कुछ ग्रहों के एनर्जी आपके लिए नेगेटिव तो नहीं है. जब यह पता चल जाए,यह पता आपकी कुंडली से ही चलेगा जब पता चल जाए तो आप फिर किसी ज्ञानी पंडित से इसका उपाय करा सकते हैं. हम यहां इतना बता सकते हैं, कि उपाय कैसे काम करते हैं.
मेडिकल साइंस में भावनाओं पर बिल्कुल भी सामान्यतः गौर नहीं किया जाता है. बल्कि इसके लिए भावनात्मक बीमारियों के लिए ही ध्यान दिया जाता है. सामान्यता ध्यान नहीं दिया जाता.
आपकी भावनाएं और आपका विश्वास भी एक काफी मजबूत एनर्जी होती है. यह आपकी नेगेटिव एनर्जी को कंट्रोल करके पॉजिटिव ग्रहों की एनर्जी को बढ़ा सकती है.
इसी कारण से मंत्र जाप से आपको लाभ मिलता है, क्योंकि उन मंत्रों की एनर्जी आपके ग्रह की नेगेटिव एनर्जी को कंट्रोल करती है, आपको फायदा मिलता है. और आपका विश्वास आपकी पॉजिटिव थिंकिंग की, इस मंत्र से मुझे लाभ मिलेगा. यह भी एक एलर्जी होती है. यह भी लाभ देती है.
अर्थात आपकी शरीर की एनर्जी को और मजबूत करती है ताकि दूसरे नेगेटिव एनर्जी नुकसान नहीं दें.
जब आप कोई फिजिकल उपाय करते हैं तो उन विशेष वस्तुओं की भी अपनी एक एनर्जी होती है जो मिलकर आपके पित्र दोष की एनर्जी को कमजोर करती है.
इधर नेगेटिव एनर्जी कमजोर होती है और उधर आपका शरीर तो पहले से ही स्वस्थ है उस नेगेटिव एनर्जी के कमजोर पड़ते ही आप गर्भवती हो जाती हैं.
हमारे यहां इन सब टॉपिक पर रिसर्च नहीं होती है इस वजह से यह कैसे काम करती हैं इसका कोई प्रमाणिक तथ्य हमारे पास उपलब्ध नहीं है. इसलिए इनकी विश्वसनीयता पर हमेशा संदेह रहता है.
असल में अगर हम कोई उपाय कर रहे हैं, तो यह उपाय सही तरीके से हो रहा है, या नहीं हो रहा है. आज के समय में यह सब ट्रैक करने का कोई तरीका नहीं है. तो कभी-कभी हम गलत तरीके से भी उपाय कर देते हैं. और एनर्जी नहीं सुधरती है, तो विश्वसनीयता कम होती है.
यह उसी प्रकार से है जैसे किसी डॉक्टर से इलाज करा रहे हैं, लेकिन आप ठीक नहीं हो रहे हैं.
यहां हम आपको बता दें कि इन सब बातों का धर्म से कोई संबंध नहीं है बस सनातन धर्म ने इस चीज की खोज की है, तो इसी वजह से इसे धार्मिक माना जाता है. हालांकि यह सब शुद्ध वैज्ञानिक तथ्य हैं. ज्ञान खो जाने के कारण या संपूर्ण ज्ञान नहीं होने की वजह से कभी कभी कार्य सिद्ध नहीं होता है.