हम चर्चा करने वाले हैं कि महिला के चलने, उठने, बैठने के तरीके से हम किस तरह से पता करें, कि महिला के गर्भ में लड़का है या लड़की.
दोस्तों यह बेटा और बेटी में अंतर करना हमारा उद्देश्य नहीं है. मात्र प्राचीन समय से जो लक्षण हमारे शास्त्रों में बताए गए हैं. गर्भ में क्या है, उनका परीक्षण करना मात्र है.
दोस्तों बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं होता है. आजकल बेटे जिन ऊंचाइयों को छू रहे हैं. वहीं बेटियां भी उन्हीं के साथ हैं.
बस परिवार के मन में महिला के मन में एक उत्सुकता होती है. उनके घर में आने वाला मेहमान क्या है. बस उसी के मध्य नजर हम इस Article को आपके सामने लेकर आए.
दोस्तों आज हम आपको महिला के चलने और बैठने के तरीके से जेंडर प्रेडिक्शन कैसे किया जाए.इस पर चर्चा कर रहे हैं.
दोस्तों बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं होता है. आजकल बेटे जिन ऊंचाइयों को छू रहे हैं. वहीं बेटियां भी उन्हीं के साथ हैं.
बस परिवार के मन में महिला के मन में एक उत्सुकता होती है. उनके घर में आने वाला मेहमान क्या है. बस उसी के मध्य नजर हम इस Article को आपके सामने लेकर आए.
दोस्तों आज हम आपको महिला के चलने और बैठने के तरीके से जेंडर प्रेडिक्शन कैसे किया जाए.इस पर चर्चा कर रहे हैं.
यह लक्षण आप किसी भी गर्भवती महिला में चौथे महीने या उससे बात के महीनों में देखेंगे तो तभी समझ में आएंगे.
चौथे महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण या लड़की होने के लक्षण पहले कुछ महीनों की तुलना में काफी स्पष्ट रहते हैं. यह लक्षण आप जितना अधिक महीनों के बाद नोट करेंगे उतना ही अधिक स्पष्ट होते जाएंगे. आइए जानते हैं, गर्भ में बेटी या बेटा होने के 4 लक्षण
दोस्तों यह कोई वैज्ञानिक तरीका नहीं है. बस समाज में प्रचलित है. तरीका बताने से पहले हम आपको एक दो बातें बता देना चाहते हैं.
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हमने पहले भी अपने वीडियोस में आपको बताया है, कि पुत्र जब गर्भ में होता है, तो महिला का दाहिना हिस्सा बाएं हिस्से से ज्यादा बढ़ा और वजनी या हैवी होता है. पुत्री अगर गर्भ में हो तो बायां हिस्सा हैवी होता है.
दोस्तों यह कोई वैज्ञानिक तरीका नहीं है. बस समाज में प्रचलित है. तरीका बताने से पहले हम आपको एक दो बातें बता देना चाहते हैं.
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महिला के पेट को देखकर जेंडर प्रिडिक्शन
हमने पहले भी अपने वीडियोस में आपको बताया है, कि पुत्र जब गर्भ में होता है, तो महिला का दाहिना हिस्सा बाएं हिस्से से ज्यादा बढ़ा और वजनी या हैवी होता है. पुत्री अगर गर्भ में हो तो बायां हिस्सा हैवी होता है.
महिला के स्तन के आकार से जेंडर प्रिडिक्शन
चौथे महीने में आप इस लक्षण को नोट करें.
जैसे-जैसे प्रेगनेंसी आगे बढ़ती है वैसे-वैसे महिला के स्तनों का विकास भी होने लगता है और आकार बढ़ने लगता है. अगर महिला यह देखे कि उसका दाहिना स्तन बाएं स्तन से बड़ा है, तो यह गर्भ में पुत्र होने की तरफ इशारा करता है.
जैसे-जैसे प्रेगनेंसी आगे बढ़ती है वैसे-वैसे महिला के स्तनों का विकास भी होने लगता है और आकार बढ़ने लगता है. अगर महिला यह देखे कि उसका दाहिना स्तन बाएं स्तन से बड़ा है, तो यह गर्भ में पुत्र होने की तरफ इशारा करता है.
अगर ऐसा नहीं है दाहिना स्तन छोटा है तो यह गर्भ में लड़की होने की तरफ इशारा करता है .
महिला के चलने के तरीके से जेंडर प्रिडिक्शन
आप महिला को इस बारे में कुछ भी ना बताइए, कि वह आप क्या जानना चाह रहे हैं. आप पांच-छह दिन इस चीज पर ध्यान दें, कि जब महिला चलना शुरू करती है, तो वह कौन सा पैर पहले उठाकर आगे रखती है.अगर महिला अधिकतर समय अपना दाहिना पैर उठाकर चलना शुरू करती है. महिला के गर्भ में बेटा है, ऐसा माना जाता है.
वहीं अगर महिला पहले बाया पैर उठाकर चल चलना शुरू करती है. और वह अधिकतर समय ऐसे ही चलती है, तो महिला के गर्भ में बेटी है.
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महिला के उठने बैठने के तरीके से जेंडर प्रिडिक्शन
यह भी आपको गर्भवती स्त्री को बिना बताए नोटिस करना है, जब महिला जमीन पर बैठती है, या किसी चेयर पर बैठी है. और वह जब उठती है, तो आपने कौन से हाथ से सहारा लेकर उठती है. इस बात को आप को ध्यान से देखना है.अगर महिला उठते समय अपने दाहिने हाथ को टीका कर उठती है. मतलब उसके शरीर का दाहिना हिस्सा भारी है. पुत्र प्राप्ति की संभावना होती है.
और अगर वहीं महिला अपना बाया हाथ टीका कर खड़ी होती है. तो महिला के गर्भ में एक बेटी है.
लेकिन दोस्तों यह भी नहीं है कि आप पहले दूसरे महीने में ही इस तरह से चेक करना शुरू कर दे, तो कुछ भी हाथ नहीं आएगा. यह प्रयोग आपको तभी करने हैं. जब महिला की प्रेगनेंसी 4 माह की हो जाए, कुछ महिलाओं में यह लक्षण 4 महीने के बाद भी नजर आते हैं .
दोस्तों महिला के शरीर में आने वाले लक्षणों को देखकर हम शायद इस बात का पता लगाने की महिला के घर में कौन सी संतान है. लेकिन दोस्तों यह भी उतना ही जरूरी है कि हमें उसके स्वास्थ्य का संपूर्ण ध्यान रखना है. उसके पोषण का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है.
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