गर्भ में बेटी होने के लक्षण जिन्हें विज्ञान मिथक मानता है – 15 लक्षण

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गर्भ में लड़की होने के 15 मिथक

गर्भ में बेटी होने के लक्षण अलग-अलग समाज में अलग-अलग प्रकार से देखे जाते हैं, और इन्हें सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया जा रहा है. लेकिन बहुत सारे ऐसे लक्षण हैं. जिन्हें विज्ञान मिथक मानता है. आज हम उनमें से कुछ लक्षणों के विषय में यहां चर्चा कर रहे हैं.

गर्भ में बेटी होने के लक्षण, गर्भ में लड़का होने के बहुत सारे लक्षण नजर आते हैं. ऐसे ही बहुत सारे लक्षण तब भी नजर आते हैं, जब गर्भ में लड़की होती है. समाज में ऐसे बहुत सारे लक्षण प्रचलित है.

जो यह बताते हैं कि गर्भ में लड़की है, लेकिन इन लक्षणों को विज्ञान मिथक मानता है. आइए चर्चा करते हैं गर्भ में बेटी होने के लक्षण को लेकर जो विज्ञान के अनुसार मिथक है.

गर्भ में बेटी होने के लक्षण बहुत सारे होते हैं.

गर्भ में बेटी होने के लक्षण जिन्हें विज्ञान मिथक मानता है - 15 लक्षण

गर्भ में बेटी होने के लक्षण जिन्हें विज्ञान मिथक मानता है

गर्भ में लड़की होने के लक्षण बहुत सारे हैं लेकिन कुछ लक्षणों को विज्ञान स्पष्ट रूप से मिथक मानता है……..

प्रेगनेंसी में सुंदर लगना

महिला का प्रेगनेंसी के दौरान अधिक सुंदर दिखाई नजर आती है. माना जाता है, कि जब महिला के गर्भ में लड़की होती है, तो महिला के शरीर में हारमोंस का बैलेंस  इस प्रकार से होता है, कि महिला की त्वचा पर चमक नजर आने लगती है. 

लेकिन विज्ञान इसे मिथक मानता है. विज्ञान के अनुसार इसका संबंध महिला के खानपान से होता है. क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला हमेशा अच्छा और पौष्टिक भोजन समय पर लेती है. इसका बच्चे के लिंग से कोई संबंध नहीं.

त्वचा में निखार

माना जाता है, जब महिला गर्भवती होती है, और उसके गर्भ में लड़की होती है, तो उसकी त्वचा बच्चों की तरह नरम और मुलायम हो जाती है.  लेकिन विज्ञान के अनुसार इसका बच्चे के लिंग से कोई संबंध नहीं होता है. यह हार्मोन  की वजह से होता है.

जी मिचलाना उल्टी अधिक होना

माना जाता है, कि अगर गर्भावस्था के दौरान प्रेग्नेंट महिला को उल्टी ज्यादा हो रही है. महिला का जी घबरा रहा है, तो यह पेट में लड़की होने का संकेत होता है.

वैज्ञानिकों का मानना है, कि प्रेगनेंसी के दौरान जी मिचलाना या उल्टी होना बेहद आम बात है. यह हार्मोन के साइड इफेक्ट के तौर पर देखा जाता है. इसका गर्भ में लड़की या लड़का होने से कोई संबंध नहीं.

रूखे सूखे बेजान बाल

समाज में एक बात और प्रचलित है अगर महिला के बाल प्रेगनेंसी के दौरान झड़ने लगते हैं, रूखे और बेजान नजर आते हैं, तो उसके गर्भ में एक लड़की है. लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार इसका बच्चे के लिंग  से कोई संबंध नहीं होता है. यह मात्र मिथक है.

निचले हिस्से में चर्बी बढ़ने का पैटर्न

अगर गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के कूल्हे और जांग दोनों पर चर्बी बढ़ रही है, तो यह गर्भ में लड़की होने का संकेत है. वैज्ञानिकों के अनुसार प्रेगनेंसी के दौरान शरीर पर चर्बी बढ़ना एक नॉर्मल बात है. इसका बच्चे के लिंग से कुछ भी संबंध नहीं होता है.

पेट पर चर्बी बढ़ने का पैटर्न

समाज में यह भी प्रचलित है, कि अगर महिला का पेट 5 महीने के बाद गोल मटोल है. वह आगे और दोनों तरफ अर्थात दाएं तरफ और बाएं तरफ बढ़ा हुआ है, तो यह गर्भ में एक लड़की है.

ऐसा संकेत है. लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह मात्र एक मिथक है. बच्चे के लिंग से इसका कोई संबंध नहीं.

महिला को स्वाद कौन सा पसंद आता है

अगर महिला का प्रेगनेंसी के दौरान चटपटा खाने के स्थान पर अर्थात नमकीन खाने के स्थान पर मीठा खाने की ज्यादा इच्छा करें, तो यह गर्भ में लड़की होने का संकेत है.
लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार यह शरीर में बनने वाले हारमोंस के साइड इफेक्ट की वजह से होता है.

महिला के भूख का पैटर्न

माना जाता है, जब महिला के गर्भ में लड़की होती है, तो महिला को अपेक्षाकृत कम भूख लगती है, और गर्भ में लड़का होता है, तो अपेक्षाकृत अधिक भूख लगती है. लेकिन वैज्ञानिक इस बात को खारिज कर देते हैं. उनके अनुसार ऐसा कुछ नहीं है मात्र यह मिथक है. क्योंकि भूख लगना एक सामान्य बिहेवियर हैं.

महिला गर्भवती सर्दियों में हुई या गर्मियों में

अगर महिला गर्मियों में गर्भवती होती है, तो उसके गर्भ में लड़की होगी. इसकी संभावना अधिक होती है. जबकि वैज्ञानिकों के अनुसार बच्चे के लिंग पर मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. महिला के शरीर में तापमान हमेशा एक जैसा होता है.

गर्भस्थ शिशु की हलचल से

अगर गर्भ में लड़की होती है, तो वह अपेक्षाकृत अधिक हलचल करती है. डॉक्टर के अनुसार ऐसा कुछ भी नहीं होता है. अगर आपको बच्चे की हलचल आवश्यकता से कम या ज्यादा नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए यह मात्र एक मिथक है.

गर्भस्थ शिशु की धड़कन से

अगर गर्भस्थ शिशु की धड़कन आठवें महीने के बाद 140 बीपीएम से ऊपर रहती हैं, तो यह कर्म में एक लड़की है. इसका संकेत माना जाता है, लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार बच्चे की धड़कन का लिंग से कोई संबंध नहीं है.

कई बार लड़कों की धड़कन भी प्रेगनेंसी के दौरान 140 बीपीएम  से ऊपर आती है.

महिला के स्तन के आकार से

जब गर्भवती स्त्री के पेट में लड़की होती है, तो माना जाता है, कि उसका बाया स्तन दाहिने स्तन से अधिक बड़ा नजर आता है. वैज्ञानिक इस बात को सिरे से खारिज करते हैं, और इसे मिथक बताते हैं.

महिला का वजन बढ़ने का पैटर्न

अगर महिला के गर्भ में लड़की होती है तो उसका वजन अपेक्षाकृत कम बढ़ता है विज्ञान के अनुसार ऐसा कुछ भी नहीं होता है यह मात्र मिथक है.

मूड स्विंग

अगर महिला को प्रेगनेंसी के दौरान मूड स्विंग की समस्या अधिक नजर आ रही है तो यह घर में गर्भ में लड़की होने की तरफ इशारा देता है जबकि विज्ञान के अनुसार यह मात्र मिथक है यह महिला का शरीर हारमोंस के प्रति कितना सेंसिटिव है इस पर निर्भर कर सकता है.

महिला के लेटने के तरीके से

अगर महिला दाहिनी करवट सोना पसंद करती है तो गर्भ में एक लड़की होती है. वैज्ञानिकों के अनुसार यह मात्र मिथक है आज तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है.

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गर्भ में बेटी होने के लक्षण को वैज्ञानिक मिथक मानते हैं इनका मानना है कि इस आधार पर बिल्कुल भी जेंडर प्रिडिक्शन नहीं किया जा सकता है गर्भ में बेटी होने के लक्षण या लड़के होने के लक्षण बिल्कुल भी स्टेबल नहीं होते हैं.

यह लक्षण कभी भी लड़के के समय या लड़की के समय आ सकते हैं यह सभी लक्षण शरीर के अंदर हार्मोन के प्रति महिला का शरीर कितना सेंसिटिव है इस बात पर निर्भर करता है इसका लड़के के लक्षण या गर्भ में बेटी होने के लक्षण से कोई संबंध नहीं होता हैं.

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