प्रेगनेंसी में दाल खाए, नहीं खाए किस महीने दाल खानी चाहिए जरूरी जानकारी……….
हम प्रेगनेंसी के दौरान दाल खाने को लेकर चर्चा करने जा रहे हैं.
हम बात करेंगे ………
प्रेगनेंसी में कौन-कौन सी दाल खानी चाहिए. प्रेगनेंसी में कौन सी दाल खाने से बचना चाहिए. प्रेगनेंसी के दौरान किस महीने दाल खानी चाहिए. दाल खाते समय किन सावधानियों को रखें. एक गर्भवती महिला को कितनी दाल खानी चाहिए.
इन सभी टॉपिक पर हम अपने इस वीडियो के माध्यम से बात करने वाले हैं.
Table of Contents
कौन-कौन सी प्रेगनेंसी में दाल खानी चाहिए
भारतीय रसोई के अंदर दाल 1 आवश्यक खाद्य पदार्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. रोजाना हमारे घर में दाल का प्रयोग किया जाता है. इसलिए दाल किसी भी महिला के लिए उसके हैबिट में शामिल होती है.
भारतीय रसोई में लगभग हर प्रकार की दाल प्रयोग में लाई जाती है जैसे कि चने की दाल, अरहर की दाल, उड़द की दाल, मूंग दाल, मसूर की दाल, चना, राजमा, छोले, सोयाबीन इत्यादि.
एक गर्भवती हर प्रकार की दाल अपने भोजन में शामिल कर सकती है. यह उसके गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होती है.
प्रेगनेंसी में कौन सी दाल खाने से बचना चाहिए
हमारे बुजुर्गों के अनुसार उड़द की दाल गर्भवती स्त्री को खाने से बचना चाहिए. यह गरिष्ठ होती है, भारी होती है. यह गर्भस्थ शिशु के लिए सही नहीं मानी जाती है. हालांकि साइंस के अनुसार डॉक्टर के अनुसार उड़द की दाल भी उसी प्रकार से लाभदायक होती है, जैसे कि दूसरी सामान्य दाले प्रेगनेंसी के दौरान लाभदायक होती है.
उड़द की दाल को कभी भी किसी गर्भवती महिला को शाम के समय प्रयोग में नहीं लाना चाहिए. दूसरा उड़द की दाल के अंदर कुछ बैक्टीरिया पनपने का खतरा काफी ज्यादा रहता है. जिसकी वजह से गर्भस्थ शिशु को नुकसान हो सकता है. इसलिए इसे अच्छी तरह से पकाकर ही अपने भोजन में शामिल करना चाहिए, और उड़द की दाल कम मात्रा में ही प्रेगनेंसी में प्रयोग करें. कभी-कभी प्रयोग करें.
एक गर्भवती महिला को कितनी दाल खानी चाहिए
हर एक महिला की डाइट उसके शारीरिक फिटनेस, उसकी डाइट, उसकी लंबाई के अनुसार ही निश्चित की जाएगी.
लेकिन फिर भी एक महिला एक दिन में तीन कटोरी दाल का प्रयोग अपने भोजन के माध्यम से कर सकती हैं. यह तीन कटोरी दाल का अर्थ दाल बनने के बाद 1 दिन में अलग-अलग समय पर तीन कटोरी दाल से है.
ऐसा नहीं कि आपने कच्ची दाल तीन कटोरी नाप कर महिला के लिए बना दी……..
दाल खाते समय किन सावधानियों को रखें
प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के लिए दाल तैयार करते समय कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है यह गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से आवश्यक है .
- नंबर एक महिला को कभी भी बासी दाल का प्रयोग अपने भोजन के माध्यम से नहीं करना चाहिए हमेशा ताजी बनी दाल का ही प्रयोग करें.
- महिलाओं को कभी भी दाल कच्ची नहीं खानी चाहिए. अंकुरित दाल खाने से भी बचना चाहिए. क्योंकि इसके अंकुरित वाले स्थान पर बैक्टीरिया होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है. जो अंकुरण वाले स्थान से अंदर पहुंच जाते हैं. और धोने पर भी बाहर नहीं आते.
- आधी पक्की दाल या आधी कच्ची दाल महिला को नहीं खानी चाहिए.
- बालों में अक्सर कंकड़ पाए जाते हैं जो कि मिलावट होती है ऐसी दाल को साफ करके ही प्रयोग में लाएं.
प्रेगनेंसी के किस महीने दाल खाएं
जैसा कि हमने शुरू में ही बताया था कि दाल भारतीय भोजन में एक अभिन्न हिस्सा मानी जाती है. इसलिए गर्भवती स्त्री पूरी प्रेगनेंसी के दौरान दाल का सेवन कर सकती है. इसके अंदर बहुत सारे न्यूट्रिशंस पाए जाते हैं, जो गर्भ में शिशु के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
- इसलिए प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में दाल का प्रयोग महिला अवश्य करें. यह बहुत जरूरी है.
- यह बच्चे के शारीरिक विकास
- यह गर्भ शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए आवश्यक है
- बच्चे की हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक है
- बच्चे को कोई जन्मजात रोग नहीं लगे इसके लिए भी आवश्यक होती है.