प्रेगनेंसी
के समय अंगूर खाने चाहिए या नहीं खाने चाहिए. दोस्तों यह मौसम अंगूरों का मौसम है. इस वक्त बाजार में बहुत
बड़ी मात्रा में फलों के रूप में अंगूर उपलब्ध है. यह बहुत टेस्टी फल है, और स्वास्थ्य
की दृष्टि कौन से अच्छा भी माना जाता है.
अक्सर देखा गया है कि गर्भवती महिला को कब्ज की समस्या और उनके मुंह का स्वाद खराब रहता है. ऐसे में अंगूर का स्वाद उन्हें काफी पसंद आ सकता है.
कई बार सुनने में आता है कि प्रेगनेंसी में
अंगूर नहीं खाना चाहिए. कई बार यह भी सुनने में आता है, कि प्रेगनेंसी में अंगूर खाना
फायदेमंद होता है.
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हम चर्चा करने वाले हैं कि ---
अंगूर खाना चाहिए कि नहीं खाना चाहिए. प्रेगनेंसी में अंगूर कब खाना है. कौन सा अंगूर खाना चाहिए
इस पर चर्चा करते हैं------
अंगूर खाना चाहिए कि नहीं खाना चाहिए - Pregnancy me Angoor Khana Chaheye ya Nahi Khana Chaheye
प्रेगनेंसी एक बड़ा ही नाजुक समय होता है. ऐसे समय में जो भी चीज खाने को मना की जाती है, तो सबसे पहला फर्स्ट तो यह है कि अगर हम उसके बारे में नहीं जानते हैं, तो उसे खाना बंद कर देना चाहिए. फिर उसके बारे में जानिए. जब आप संतुष्ट हूं आपसे खा सकते हैं.
ऐसा ही अंगूर भी एक ऐसा फल है, जिसके बारे में
दोनों बातें कही जाती है.
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हम आपको अंगूर के बारे में सभी फैक्ट बताने
की कोशिश कर रहे हैं. जिसे आप समझ कर इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं, की आपको प्रेगनेंसी
के दौरान अंगूर खाने चाहिए कि नहीं खाने चाहिए.
दोस्तों अंगूर दो प्रकार का आता है खासकर भारतीय
बाजार के अंदर एक हरे रंग का और एक ब्लैक कलर में अंगूर आता है.
प्रेगनेंसी के दौरान पका हुआ अंगूर ही खाना चाहिए. खट्टा अंगूर नहीं खाना चाहिए. और जो हरे रंग का अंगूर होता है पका हुआ अंगूर, वह प्रेगनेंसी में ना के बराबर ही नुकसान देता है.
जहां तक काले अंगूर की बात है तो वह थोड़ा अधिक मात्रा में खाने पर प्रेगनेंसी में नुकसान देता है.
प्रेगनेंसी के दौरान पका हुआ अंगूर ही खाना चाहिए. खट्टा अंगूर नहीं खाना चाहिए. और जो हरे रंग का अंगूर होता है पका हुआ अंगूर, वह प्रेगनेंसी में ना के बराबर ही नुकसान देता है.
जहां तक काले अंगूर की बात है तो वह थोड़ा अधिक मात्रा में खाने पर प्रेगनेंसी में नुकसान देता है.
इसलिए आपको दोनों तरह की बातें सुनने को मिल
सकती है अंगूर फायदा देता है वह नुकसान देता है.
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माना जाता है, जो काला अंगूर होता है उसका जो
छिलका है वह आसानी से नहीं पचता है. उसे पचने में काफी सारी एनर्जी शरीर को लगानी पड़ती
है. और प्रेग्नेंसी के समय एनर्जी की ज्यादा आवश्यकता महिला को पड़ती है. क्योंकि उसकी
कुछ ताकत बच्चे के पालन पोषण में भी खर्च होती है.
ऐसे में ऐसी चीज को बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए, जो पचने में मुश्किल हो. दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है.
ऐसे में ऐसी चीज को बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए, जो पचने में मुश्किल हो. दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है.
अंगूर के साथ एक परेशानी है अंगूर का गुच्छा
जब पकता है, एक साथ नहीं पकता है. उसमें से कुछ अंगूर पहले पक जाएंगे और कुछ धीरे धीरे
बाद में पकते हैं. अंगूर बाजार से गुच्छे में ही मिलते हैं. ऐसी स्थिति में उसके अंदर
कुछ अंगूर कच्चे और कुछ अंगूर पके हुए होते हैं.
ऐसा नहीं कि यह केवल अंगूर के साथ ही होता है,
सभी फल ऐसे ही पकते हैं. कुछ पहले कुछ बाद में, लेकिन अंगूर गुच्छे में आता है. इस वजह
से प्रॉब्लम है.
अंगूर काफी अम्लीय होते हैं. और खासकर तब जब वे बहुत ज्यादा खट्टे हों.
गर्भवती महिलाओं को अक्सर हार्टबर्न होने की समस्या रहती ही है. इसलिये अगर वे ज्यादा अंगूर का सेवन करेंगी तो उन्हें एसिडिटी बनने के ज्यादा चांस बढ जाते हैं.
इससे आपको चक्कर और उल्टी भी हो सकती है. खट्टे अंगूर खाने की वजह से यह हो सकता है जो कि पके हुए अंगूरों के साथ ही गुच्छे में होते हैं.
प्रेगनेंसी में अंगूर कब खाना है - Pregnancy me Angoor (grape) kab Khana hai
अंगूर एक गर्म फल माना जाता है क्योंकि यह अम्लीय
नेचर का होता है खासकर जब वह आधा कच्चा या कच्चा हो, परेशानी यह है कि गुच्छे में आपको
सभी तरह के अंगूर मिलते हैं, अगर आपने थोड़े से भी ज्यादा अंगूर खा लिए तो इस कारण
आपको पेट में गर्माहट हो सकती है. डायरिया की शिकायत नजर आ सकती है.
अधिक विकट परिस्थिति में बच्चा समय से पहले भी पैदा हो सकता है. क्योंकि यह संकुचन की स्थिति बना देते हैं.
तो इसलिए कहा जाता है कि अंगूर आखरी 3 महीनों में तो बिल्कुल भी नहीं खाने चाहिए . पके हुए अंगूर थोड़ी मात्रा में खा सकते हैं, लेकिन कच्चे और पके अंगूर में खास फर्क नहीं पता चलता है. इस वजह से नहीं खाओ ज्यादा अच्छा है.
प्रेगनेंसी शुरू के 3 महीनों में भी थोड़ा कमजोर
होती है, तब भी अंगूर के सेवन से बचना चाहिए. खासकर काले अंगूर से और कच्चे अंगूर से.
अंगूर के अंदर एक तत्व पाया जाता है या कह सकते
हैं कंपाउंड होता है. जिसे रेसर्विट्रॉल कहते हैं.?
यह कंपाउंड प्रेगनेंसी के लिए रिस्पांसिबल या उसके लिए कार्य करने वाले हारमोंस के साथ रिएक्शन कर उसे एंगेज कर लेता है. इससे हार्मोन की कमी शरीर के अंदर हो सकती है जो प्रेगनेंसी में ठीक नहीं.
यह कंपाउंड प्रेगनेंसी के लिए रिस्पांसिबल या उसके लिए कार्य करने वाले हारमोंस के साथ रिएक्शन कर उसे एंगेज कर लेता है. इससे हार्मोन की कमी शरीर के अंदर हो सकती है जो प्रेगनेंसी में ठीक नहीं.
तो हम निष्कर्ष यह निकालते हैं कि 1 दिन में
पके हुए हरे रंग के अंगूर मुंह के स्वाद को बदलने के लिए 8 10 पीस खाए जा सकते हैं
कोई नुकसान नहीं होगा.
जैसा कि हमने आपको क्लियर किया कि गुच्छे का हर अंगूर गर्भवती महिला के लिए नहीं होता है. आपको समझदारी के साथ चुन चुन कर पका हुआ अंगूर ही अपने भोजन में शामिल करना है.
साथ ही साथ आपको अपने भोजन आवश्यकता, मेडिकल हिस्ट्री और स्वास्थ्य के अनुसार ही अंगूर का सेवन प्रेगनेंसी में करना है. अगर आपको किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या या संदेह रहता है, तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें.
साथ ही साथ आपको अपने भोजन आवश्यकता, मेडिकल हिस्ट्री और स्वास्थ्य के अनुसार ही अंगूर का सेवन प्रेगनेंसी में करना है. अगर आपको किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या या संदेह रहता है, तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें.
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