नमस्कार दोस्तों प्रेगनेंसी के दौरान मुनक्का या किशमिश खाने को लेकर हमारे पास काफी प्रश्न आए हैं हमसे पूछा गया है कि क्या प्रेग्नेंसी के समय मुनक्का या किसमिस खाई जा सकती है. हमें प्रेगनेंसी में किशमिश की कितनी मात्रा लेनी चाहिए.
इन्हीं सब प्रश्नों का जवाब हम अपने इस वीडियो के माध्यम से देने की कोशिश कर रहे हैं. आज हम बात करेंगे
इन सब बातों पर चर्चा करेंगे……
प्रेगनेंसी के दौरान क्या किशमिश खाना सुरक्षित है
दोस्तों प्रेगनेंसी के दौरान ड्राई फूड्स को लेना काफी लाभदायक माना जाता है. ऐसे में मुनक्का प्रेगनेंसी के दौरान आपके लिए सुरक्षित हो सकती है.
मुनक्का या किशमिश गर्भावस्था के दौरान मीठे पदार्थों के विकल्प के रूप में इस्तेमाल की जा सकती है. यह कई प्रकार के समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए काम में आती है इसलिए कह सकते हैं, प्रेगनेंसी में मुनक्का खाई जा सकती है.
प्रेगनेंसी के दौरान महिला स्नेक्स के रूप में 30 ग्राम तक ड्राई फ्रूट्स ले सकती है और इसमें मुनक्का या किसमिस भी आती है.
प्रेगनेंसी में किशमिश कब खाना चाहिए
मुनक्का या किसमिस को प्रेगनेंसी के दौरान कब खाना चाहिए. इसके बारे में कोई ठोस प्रमाण, जानकारी उपलब्ध नहीं है, ना ही इसके बारे में कोई खास रिसर्च की गई है. बस अपने अनुभव के आधार पर ही बताया जाता है.
माना जाता है कि जैसे-जैसे प्रेगनेंसी का समय बढ़ता जाता है, वैसे वैसे इसकी मात्रा को कम कर देना चाहिए. मुनक्का या किशमिश का उपयोग शिशु के विकास में मददगार साबित हो सकता है. किसमिस या मुनक्का का प्रयोग इस बात पर भी आधारित है कि यह आपको कितना सूट करता है अर्थात आपको इससे किसी प्रकार की एलर्जी तो नहीं है.
वैसे माना जाता है कि प्रेगनेंसी में अंगूर नहीं खाने चाहिए. इसलिए मुनक्का को भी अधिक खाना सही नहीं रहता है.
किसमिस की न्यूट्रिशन वैल्यू किया है
किशमिश के अंदर बहुत अच्छी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं इसके अंदर आपको पोटेशियम, सोडियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, कैल्शियम और जिंक सब प्राप्त होगा. विटामिंस की लंबी लिस्ट के अंदर होती है जिसके अंदर फॉलेट, विटामिन बी सिक्स, नियासिन, राइबोफ्लेविन, थायमिन, विटामिन सी इत्यादि अच्छी मात्रा में होते हैं.
तुम इसके अंदर किसमिस के अंदर फाइबर भी पाया जाता है .कार्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन, ऊर्जा और पानी भी इसके अंदर कुछ मात्रा में होता है.
गर्भावस्था में किशमिश खाने के फायदे
मिनरल्स और विटामिन की रेंज होने के कारण यह काफी सारे फायदे प्रेगनेंसी के दौरान देता है जैसे कि
किसमिस के अंदर अच्छी मात्रा में आयरन पाया जाता है इसलिए यह एनीमिया की शिकायत नहीं होने देता है.
दूध में मिलाकर अगर किसमिस या मुनक्का को रात के समय लिया जाए तो यह कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए काफी कारगर माना जाता है.
शिशुओं में कई प्रकार के जन्म दोषों को दूर करने में यह मदद करता है. क्योंकि इसके अंदर फोलिक एसिड उचित मात्रा में पाया जाता है.
इसके अंदर पाए जाने वाला कैल्शियम गर्भावस्था के दौरान शिशु की हड्डियों के विकास में मदद करता है, बोन डेंसिटी बढ़ाता है.
किसमिस ऊर्जा का स्रोत माना जाता है, यह शरीर को ऊर्जा देने का भी कार्य करता है. यह थे प्रेगनेंसी में मुनक्का खाने के फायदे.
गर्भावस्था में किशमिश मुनक्का खाने के साइड इफेक्ट
जहां इतने सारे फायदे प्रेगनेंसी के दौरान किशमिश खाने से होते हैं तो इसके कुछ साइड इफेक्ट भी नजर आते हैं. इसमें उचित मात्रा में कैलोरीज होती है यह महिला के वजन को बढ़ाने में काफी कारगर है इसलिए जिन महिलाओं का वजन पहले से ही अधिक है उन्हें यह नहीं लेना चाहिए.
किसमिस के अंदर मधुमेह को बढ़ाने के गुण पाए जाते हैं इसके कारण होने वाले शिशु को फ्यूचर में मोटापे और टाइप टू डायबिटीज की समस्या हो सकती है और महिला को भी मधुमेह हो सकता है. अधिक मात्रा में मुनक्का का सेवन करने से रक्त के अंदर ग्लूकोस की मात्रा बढ़ सकती है जो मधुमेह की समस्या को बढ़ा देती है.
प्रेगनेंसी में मुनक्का कैसे खाएं
कई प्रकार से किसमिस का प्रयोग अपने भोजन में क्या जा सकता है हलवाई आखिर में डालकर इसका प्रयोग किया जा सकता है
मुनक्का के बीजों को निकालकर इसे खाया सकता है.
मुनक्का को दूध में उबालकर प्रयोग किया जा सकता है.
मुनक्का को रात भर पानी में भिगो दें सुबह honey के साथ खा सकते हैं.
हलवे या खीर में इसका प्रयोग किया जाता है और
ड्राई फूड में मिलाकर भी इसे ले सकते हैं.