हमेशा एक बात कही जाती है कि किसी भी खाद्य पदार्थ की एक निश्चित मात्रा ही हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होती है. किसी भी खाद्य पदार्थ की या पोषक तत्व की आवश्यकता से ज्यादा मात्रा हमेशा नुकसानदायक होती है, और आवश्यकता से कम मात्रा भी हमेशा नुकसानदायक ही रहती है.
लेकिन जब हम प्रेग्नेंसी की बात कर रहे होते हैं तो हमें इस बात का क्या देख ध्यान रखना आवश्यक है कि जो भी पोषक तत्व या फूड सप्लीमेंट या भोजन के द्वारा कुछ ले रहे हैं. वह बिल्कुल संयमित मात्रा में ही होना चाहिए.
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आज हम अलग अलग प्रकार के विटामिंस के संबंध में बात कर रहे हैं. कौन सा विटामिन अधिक मात्रा में किस प्रकार से नुकसान दे सकता है.
जितने भी विटामिंस यहां बताए जा रहे हैं उन सभी की आवश्यकता प्रेगनेंसी के दौरान होती है. यहां पर हम यह चर्चा कर रहे हैं, कि अगर इन की अधिकता हो जाए तो यह किस प्रकार से नुकसान दे सकते हैं.
माना जाता है कि विटामिन A का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श लेना चाहिए, अर्थात विटामिन ए स्पेशल सप्लीमेंट के द्वारा लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें. क्योंकि इसके अधिकता से लीवर संबंधी परेशानी होने का खतरा बना रहता है, और अधिक मात्रा में लेने से गर्भपात की भी आशंका बन जाती है.
शरीर में विटामिन B1 की अधिकता होने से स्किन पर चकत्ते उभर सकते हैं. इसके अलावा एलर्जी, अनिद्रा, होठों का नीला पढ़ना, सांसो में दिक्कत, सीने में दर्द , उल्टी में खून इत्यादि समस्या हो सकती है.
अगर गर्भवती स्त्री के शरीर में विटामिन बी 6 की मात्रा अधिक हो जाती है, तो शरीर में अकड़न की समस्या नजर आती है. सूरज की रोशनी के साथ अधिक संवेदनशीलता की समस्या भी हो सकती है. त्वचा पर दाग धब्बे और शरीर में दर्द महसूस हो सकता है.
गर्भवती स्त्री को अधिकतर एनीमिया की शिकायत नजर आती है. ऐसे में विटामिन B12 का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. यह ठीक नहीं है. इसकी अधिकता से शरीर के अंदर खुजली होना, सिर दर्द की समस्या, चक्कर आना और दिल की बीमारी हो सकती है. बड़े मामलों में कैंसर तक हो सकता है.
विटामिन C एक आवश्यक विटामिन है जो गर्भवती स्त्री को चाहिए होता है, लेकिन विटामिन C की ओवरडोज लेना सही नहीं है. अधिकतर यह ऑक्सलेट के रूप में शरीर में रहता है, और अतिरिक्त ऑक्सलेट यूरिन के रास्ते शरीर से बाहर भी निकल जाता है. लेकिन इसकी मात्रा अधिक बॉडी में रहती है, तो यह पथरी के रूप में बदल जाता है.
ऐसे ही विटामिन D काफी आवश्यक विटामिन है. लेकिन इसकी ओवरडोज होने से उनके अंदर कैल्शियम का लेवल बढ़ जाता है. इससे भूख कम लगना, कमजोरी, गुर्दों में समस्या, बार-बार पेशाब आने की समस्या ,उल्टी , मतली जैसी समस्याएं नजर आती है. अगर दिल कमजोर है तो हार्टअटैक का भी खतरा रहता है.
प्रेगनेंसी के दौरान फोलिक एसिड एक अत्यधिक आवश्यक पोषक तत्व होता है लेकिन इसकी भी निश्चित मात्रा ही गर्भवती महिला के लिए उचित रहती है अगर आप लंबे समय तक फोलिक एसिड की अतिरिक्त मात्रा लेती रहेंगी तो इससे पेट खराब होना , अनिद्रा चिड़चिड़ापन और अन्य कई प्रकार की दिक्कतें आ सकती हैं.
कमजोर दिल वालों को हार्ट अटैक का भी खतरा रहता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि फोलिक एसिड ना लें यह भी अत्यधिक आवश्यक तत्व प्रेगनेंसी में माना जाता है बस डॉक्टर के अनुसार सही मात्रा में इसका सेवन करें.
माना जाता है विटामिन E की ओवरडोज से गर्भपात का खतरा बन जाता है.