कुछ सब्जियों को लेकर जिन्हें प्रेगनेंसी में खाना तो बताया जाता है उनके काफी सारे फायदे भी होते हैं लेकिन हम यह बताने की कोशिश कर रहे हैं, कि कुछ सब्जियां ऐसी होती है, फायदेमंद तो होती है, लेकिन उन्हें अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए.
चर्चा करते हैं, कि वह कौन-कौन सी सब्जियां है, फायदेमंद होते हुए भी उन्हें प्रेग्नेंसी के समय कम ही मात्रा में आता संयमित मात्रा में ही खाना फायदेमंद रहता है.
गर्भवती स्त्री को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसके गर्भ में पल रहे शिशु को संपूर्ण पोषण सही तरह से मिले ताकि वह स्वस्थ रहें.
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आलू
आलू एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो कि हर प्रकार की सब्जी में प्रयोग किया जाता गर्भवती स्त्री को आलू का ज्यादा सेवन करना सही नहीं रहता है क्योंकि यह कार्बोहाइड्रेट से समृद्ध होता है और मां और बच्चे के लिए ज्यादा कार्बोहाइड्रेट ठीक नहीं माना जाता है लेकिन अगर आलू नया है और उसके अंदर विटामिन सी की अच्छी मात्रा है तो यह फायदेमंद होता.
बैंगन
बैंगन भी ऐसा खाद्य पदार्थ है जो कि मासिक धर्म की प्रणाली को उत्तेजित करता है इसलिए इसका प्रयोग प्रेगनेंसी के दौरान ना के बराबर ही करना चाहिए.
तुलसी की पत्तियां
इस लिस्ट में तुलसी की पत्ती का नाम देखकर हर कोई चौक जाएगा क्योंकि तुलसी के इतने सारे गुण होते हैं कि और इतने फायदे होते हैं कि और किसी भी खाद्य वस्तु के इतने सारे फायदे नहीं होते लेकिन इसके अंदर मरकरी भी पाया जाता है. इसकी उच्च मर्करी सामग्री के कारण संभावित रूप से संकुचन बढ़ता है.
गाजर
गाजर एक काफी पौष्टिक और पोषक तत्वों से समृद्ध खाद्य पदार्थ है इसके अंदर फाइबर अच्छी मात्रा में होता है जोकि कब्ज को दूर करता है लेकिन यह अधिक मात्रा में खा लेने से पेट में ऐठन, दर्द, मरोड़, गैस की समस्या को पैदा कर सकता है अर्थात आपका पेट खराब कर सकता है प्रेगनेंसी में पेट खराब होना ठीक नहीं.
पपीता
कोई भी गर्भवती स्त्री नेचुरल तरीके से पेड़ पर पका हुआ पपीता खा सकती है, दिक्कत वाली बात नहीं होती है. लेकिन कच्चा पपीता बहुत ज्यादा गर्म होता है. यह गर्भपात का कारण बनता है, और कच्चे पपीते की सब्जी भी बनाई जाती है तो आपको कच्चे पपीते की सब्जी नहीं खानी है.
टमाटर
टमाटर और उस ऐसी सब्जियां जो काफी रंगीन होती है उन्हें 25 हफ्ते के बाद कम ही मात्रा में खाना चाहिए क्योंकि यह एलर्जी पैदा कर सकती है. ऐसा नहीं है कि आप टमाटर नहीं खा सकते आपको टमाटर खाते रहने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन कल की मात्रा में खाना चाहिए.
बींस
बींस तात्पर्य है चना, राजमा, उड़द जो कि काफी हैवी होती है अर्थात पचने में अधिक समय लेती हैं. गर्भावस्था के दौरान पाचन तंत्र थोड़ा कमजोर होता है तो इन्हें खाने से बचना चाहिए और रात के समय तो बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए और दिन में भी कम ही मात्रा में खाए.
चुकंदर
चुकंदर भी गर्भवती स्त्रियों को कमी मात्रा में खाना चाहिए तभी खाना चाहिए जब यह ताजा हो. यह कब्ज पैदा करने का कार्य करता है.
गार्डन रैडिश
गर्भावस्था के दौरान गार्डन रैडिश का बहुत अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट फूल सकता है, जिससे गर्भपात होने खतरा पैदा हो सकता है.
करेला
एक सब्जी है निसंदेह यह काफी पौष्टिक सब्जी होती है लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से यह कहा जाता है कि यह है समय से पहले डिलीवरी के लिए जिम्मेदार हो सकता है. अगर आप की गर्भावस्था मजबूत है तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर आपको पहले भी गर्भपात की समस्या से जूझना पड़ा है तो संभल कर खाएं.
पत्ता गोभी
पत्ता गोभी वैसे तो किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं देती है लेकिन इसमें कुछ विशेष प्रकार के बैक्टीरिया और कवक लगे होने की आशंका रहती है. जिसके कारण यह प्रेगनेंसी में ना के बराबर ही खानी चाहिए अच्छे ढंग से पकाकर ही खाएं.
अदरक
अदरक काफी पौष्टिक होता है, और यह काफी फायदेमंद भी होता है, लेकिन यह अत्यधिक गर्म प्रकृति का होता है. इसलिए यह प्रेगनेंसी में अधिक खाना नुकसानदायक हो सकता है. इसे कम ही खाना चाहिए क्योंकि हम सभी जानते हैं, प्रेगनेंसी के दौरान गर्म चीजों का सेवन नहीं करते या जाड़े के मौसम में करते हैं.
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स्प्राउटस
अंकुरित दालें या बीजों के संबंध में हर कोई जानता है कि यह बहुत ज्यादा पौष्टिक होते हैं. लेकिन इसमें एक छोटी सी समस्या यह होती है कि इनके अंकुरित होने वाले स्थान से बैक्टीरिया इसके अंदर प्रवेश कर सकते हैं, और जो धोने से भी नहीं निकलते हैं. प्रेगनेंसी के दौरान प्रयोग करना थोड़ा सा रिस्की होता है.
रोज मॉस
गर्भावस्था के दौरान रोज मॉस खाद्य-पदार्थों की आपकी सूची में नहीं होना चाहिए, क्योंकि इसमें ऐसे गुण होते हैं जो गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप गर्भपात हो सकता है. यह वह शाकाहारी खाद्य पदार्थ है जब पीरियड नहीं आने की समस्या होती है इसका प्रयोग किया जाता है.
स्वीटलीफ
स्वीटलीफ को प्राकृतिक चीनी के रूप में प्रयोग में लाया जाता है. निसंदेह चीनी काफी हानिकारक खाद्य पदार्थ है जिसे प्रेगनेंसी के दौरान नहीं खाया जाना चाहिए. लेकिन अगर आप स्वीटलीफ प्राकृतिक समझते हुए गर्भावस्था के दौरान इसका प्रयोग नीचे के लिए करेंगे तो नुकसानदायक हो सकता है इसके प्रयोग से दस्त की समस्या साथी साथ संकुचन की समस्या हो सकती है.
हॉर्सरैडिश
हॉर्सरैडिश एक जड़ वाली सब्जी है जिसका मुख्य रूप से मसाले के रूप में यूज किया जाता है. इससे आपको अनगिनत स्वास्थ्य लाभ होते हैं. इसे आप विभिन्न तरीके से खा सकते हैं. हर्स रेडिस में अल्फा-साइटोस्टेरॉल होता है जो गर्भाशय संकुचन का कारण बन सकता है और परिणामस्वरुप गर्भपात होने का खतरा होता है.
सोआ
सोआ गर्भावस्था के दौरान सोए की पत्तियों को अपने भोजन में शामिल नहीं करना चाहिए बल्कि इससे बने तेल को भी नहीं प्रयोग में लाना चाहिए नाममात्र का ही प्रयोग करें क्योंकि इसके द्वारा पीरियड को उत्तेजित किया जाता है तो प्रेगनेंसी में या लाभदायक नहीं है.