हम आपके सामने नानी मां के द्वारा या कह सकते हैं, कि बुजुर्ग महिलाओं के द्वारा किस प्रकार से महिलाओं को देखकर वह इस बात का पता बता देती थी कि महिला के गर्भ में पुत्र या पुत्री .
आज हम अपने इस आर्टिकल में गर्भ में बेटा होने के 4 लक्षण और गर्भ में बेटी होने के 4 लक्षण के विषय में जानकारी देंगे. ताकि आप भी उनके द्वारा पता लगाए जाने वाले तरीके से पता लगा सके कि महिला के गर्भ में क्या है.
दोस्तों यह सारे के सारे लक्षण एक्सपीरियंस के आधार पर अनुभव के आधार पर दिए जा रहे हैं. जो कि हमारे समाज में प्राचीन समय से प्रचलित हैं. इनका कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं है.
लेकिन इन्हें समाज में काफी सटीक माना जाता है. साथ ही साथ हम यह भी बता दें कि हमारा उद्देश्य बिल्कुल भी लड़का या लड़की में अंतर करना नहीं है. मात्र उत्सुकता को देखते हुए और प्राचीन सामाजिक ज्ञान को बांटने के उद्देश्य से यह आर्टिकल दिया है.
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यह सिर्फ महिला जो कि प्रेग्नेंट है, उसकी इच्छा होती है, कि उसके घर परिवार की इच्छा होती है, कि घर में कौन सा मेहमान आने वाला है. वह इस बात को लेकर आईडिया लगा सकते हैं, और आने वाले मेहमान के लिए तैयारियां कर सकें.
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धीरे-धीरे समय के साथ ऐसा बदलाव आ रहा है, कि लड़का और लड़की में अंतर समाप्त हो रहा है. साथ ही साथ हमारी युवा पीढ़ी भी दोनों में अब अंतर करना छोड़ रही है, जोकि अत्यंत सराहनीय कदम है.
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दोस्तों यह सारे के सारे लक्षण एक्सपीरियंस के आधार पर अनुभव के आधार पर दिए जा रहे हैं. जो कि हमारे समाज में प्राचीन समय से प्रचलित हैं. इनका कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं है.
लेकिन इन्हें समाज में काफी सटीक माना जाता है. साथ ही साथ हम यह भी बता दें कि हमारा उद्देश्य बिल्कुल भी लड़का या लड़की में अंतर करना नहीं है. मात्र उत्सुकता को देखते हुए और प्राचीन सामाजिक ज्ञान को बांटने के उद्देश्य से यह आर्टिकल दिया है.
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यह सिर्फ महिला जो कि प्रेग्नेंट है, उसकी इच्छा होती है, कि उसके घर परिवार की इच्छा होती है, कि घर में कौन सा मेहमान आने वाला है. वह इस बात को लेकर आईडिया लगा सकते हैं, और आने वाले मेहमान के लिए तैयारियां कर सकें.
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- दोस्तों अगर महिला को बच्चे के होने का एहसास अपने पेट के दाहिने हिस्से में ज्यादा होता है, तो यह लड़का होने की निशानी है.
अगर महिला को यही एहसास बाई तरफ होता है. तो यह लड़की होने की निशानी है. यह एहसास होता कब है.
एक एग्जांपल से समझ लेते हैं. जैसे कि महिला खाना खा लेती है. उसके बाद पेट में जगह कम पड़ने लगती है. तो ऐसे में अगर बच्चा सिकुड़ कर दाहिनी तरफ आ जाता है, या बाई तरफ आ जाता है. इस एहसास से हम लड़का या लड़की होने का पता लगाते हैं.
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- अगर प्रेगनेंसी के दौरान महिला को आलस्य थकान बहुत ज्यादा महसूस होती है, महिला सौभाग्यशाली है, यह घर में एक प्यारी सी बिटिया होने की निशानी माना जाता है.
अगर वही अपेक्षाकृत महिला को थकान नहीं लगती है, अधिकतर समय महिला अपने आप को फ्रेश महसूस करती है, तो महिला भाग्यशाली है उसके यहां एक बेटे का जन्म होने वाला है.गर्भ में लड़का होने का संकेत है.
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- दोस्तों वैसे तो जो पॉइंट हम बताने जा रहे हैं यह अलग-अलग महिलाओं में थोड़ा अलग अलग टाइम पर होता है. ओवरऑल अगर हम बात करें, महिला के गर्भ में मूवमेंट, बच्चे की मूवमेंट 5 महीने के आसपास शुरू होती है, तो यह अक्सर लड़का होने के संकेत होते हैं.
अगर यही मूवमेंट महिला के गर्भ में 5 महीने से पहले शुरू हो जाए. तीसरे महीने के अंत में या चौथे महीने में शुरू हो जाती है. यह लड़की होने के संकेत माने जाते हैं. क्योंकि बेबी गर्ल, बेबी ब्वॉय से ज्यादा एक्टिव होती है. यह एक्टिवनेस गर्भ से ही कायम रहती है.
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- महिला के कमर को देखकर भी इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है, कि महिला के गर्भ में लड़का है या लड़की.
अगर महिला की कमर में चर्बी बढ़ी हुई है. और यह चर्बी पेट के चारों तरफ नहीं है. यह लड़का होने का संकेत होता है.
अगर वही चर्बी कमर पर बिल्कुल भी नहीं है. यह चर्बी पेट पर है. पेट के चारों ओर है. यह लड़की होने की निशानी होती है. महिला इस स्थिति में गोल मटोल लगती है.
धीरे-धीरे समय के साथ ऐसा बदलाव आ रहा है, कि लड़का और लड़की में अंतर समाप्त हो रहा है. साथ ही साथ हमारी युवा पीढ़ी भी दोनों में अब अंतर करना छोड़ रही है, जोकि अत्यंत सराहनीय कदम है.