आज हम आपको दादी मां के 4 प्राचीन तरीके बताने जा रहे हैं. यह बहुत ही सटीकता से इस बात का पता बता देते हैं, कि महिला के गर्भ में पुत्र या पुत्री है.
दोस्तो हमारा उद्देश्य बिल्कुल भी बेटा या बेटी में अंतर करना नहीं है. बल्कि भारतीय समाज में इस बात को लेकर बहुत ज्यादा उत्सुकता होती है, कि गर्भ में कौन सा जेंडर पल रहा है. बस उस उत्सुकता को ध्यान में रखते हुए हम आपको तीन चार लक्षण बताने जा रहे हैं.
दोस्तो हमारा उद्देश्य बिल्कुल भी बेटा या बेटी में अंतर करना नहीं है. बल्कि भारतीय समाज में इस बात को लेकर बहुत ज्यादा उत्सुकता होती है, कि गर्भ में कौन सा जेंडर पल रहा है. बस उस उत्सुकता को ध्यान में रखते हुए हम आपको तीन चार लक्षण बताने जा रहे हैं.
दोस्तों भारतीय संविधान के अनुसार लिखित कानून है, कि जेंडर परीक्षण कराना और कन्या भ्रूण की हत्या के उद्देश्य से गर्भपात कराना दोनों ही कानूनन जुर्म है. आप किसी के बहकावे में आकर यह कदम नहीं उठाएं.
अभी चर्चा करते हैं गर्भ में बेटी या बेटा होने के 4 लक्षण को लेकर
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महिला के पेट में बनने वाली लाइन से जेंडर प्रिडिक्शन
अगर महिला के पेट से जो लाइन नजर आती है. यह पेट शुरू होने के बाद नाभि से होते हुए नीचे की ओर चली जाती है.
अगर वह लाइन देखने में सीधी नजर आती है, तो वह गर्भ में लड़का होने के संकेत माना जाता है.
अगर वह लाइन थोड़ी सी टेढ़ी नजर आती है, तो वह बेटी होने का लक्षण माना जाता है.
अगर वह लाइन देखने में सीधी नजर आती है, तो वह गर्भ में लड़का होने के संकेत माना जाता है.
अगर वह लाइन थोड़ी सी टेढ़ी नजर आती है, तो वह बेटी होने का लक्षण माना जाता है.
गर्भ में लड़के की हलचल ऊपर या नीचे
अगर महिला के पेट में 6 या 7 महीने के बाद गर्भ में लड़के की हलचल की बात करें तो, गर्भ में बच्चा नीचे होना महसूस होता है, तो वह लड़का होने का निशान माना जाता है.
अगर वही बच्चे का सर नाभि से ऊपर या नाभि के आसपास महसूस होता है. ऊपर की तरफ तो वह लड़की होने की निशानी होता है.
अगर वही बच्चे का सर नाभि से ऊपर या नाभि के आसपास महसूस होता है. ऊपर की तरफ तो वह लड़की होने की निशानी होता है.
गर्भ में लड़के की हलचल अधिक नहीं होती है. माना जाता है, गर्भ में लड़का होता है तो उसका वजन लड़की की तुलना में अधिक होता है इसलिए उसकी हलचल अधिक नहीं होती है. साथ ही साथ गर्भ में बच्चा नीचे होना महसूस होता है.
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दोस्तों भारतीय समाज में इस बात को लेकर मान्यता है, कि महिला के पेट में दाया हिस्सा पुत्र और बाया हिस्सा पुत्री के प्रभाव में रहता है.
गर्भ में लड़का किस तरफ रहता है दाएं या बाएं
गर्भ में लड़का किस साइड रहता है राइट या लेफ्ट, यह बहुत अधिक पूछे जाने वाला प्रश्न है.
भारतीय मान्यता के अनुसार, अगर आप महिला के पेट को गौर से देखते हैं पेट का दाहिना हिस्सा बाएं हिस्से की तुलना में अधिक उभरा हुआ है तो यह गर्भ में लड़का होने का लक्षण माना जाता है.
यह गर्भ में बेटा होने की निशानी माना जाता है. और अगर वही महिला के पेट का बायां हिस्सा दाहिने हिस्से की तुलना में ज्यादा उभरा हुआ है, तो वह गर्भ में बेटी होने के लक्षण के रूप में जाना जाता है.
महिला के पेट में हलचल किस तरफ ज्यादा होती है
अगर महिला के पेट में हलचल बाई तरफ ज्यादा होती है. यह लड़की होने की निशानी है. हलचल अगर दाहिनी और ज्यादा होती है. यह गर्भ में लड़का होने के संकेत माना जाता है.
दोस्तों महिला के शरीर में आने वाले लक्षणों को देखकर हम शायद इस बात का पता लगाने की महिला के घर में कौन सी संतान है. लेकिन दोस्तों यह भी उतना ही जरूरी है, कि हमें उसके स्वास्थ्य का संपूर्ण ध्यान रखना है. उसके पोषण का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है, ताकि आने वाली संतान स्वस्थ रहें.